कोर्ट ने कहा, ऐसे राक्षसों को समाज में रहने का हक नहीं, मां-बेटी से दरिंदगी करने वाले पांच हैवानों को उम्र कैद
Bulandshahr News : बुलंदशहर हाईवे कांड के पांच दोषियों को विशेष पॉक्सो अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने कहा कि ऐसे राक्षसों को समाज में र ...और पढ़ें

मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म के दोषी धर्मपाल, जुबैर, सुनील, नरेश व साजिद। जागरण
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। बहुचर्चित हाईवे कांड के पांचों हैवानों को विशेष पाक्सो अदालत ने सोमवार को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। सजा सुनाते समय अदालत ने टिप्पणी करते हुए कहा कि ऐसे राक्षसों को समाज में रहने का कोई हक नहीं है। इन्हें जेल में रखना चाहिए।
नरेश, धर्मवीर, सुनील, जुबैर और साजिद ने अपने साथियों के साथ मिलकर 29 जुलाई 2016 की रात अलीगढ़-गाजियाबाद हाईवे (एनएच 91) स्थित दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास परिवार को बंधक बनाकर मां-बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म और लूटपाट को अंजाम दिया था। सजा सुनाए जाने के बाद पांचों को जेल भेज दिया गया। उनके चेहरे मुर्झाए हुए थे।
विशेष लोक अभियोजक वरुण कौशिक ने बताया कि शनिवार को विशेष पाक्सो अदालत के न्यायाधीश ओमप्रकाश वर्मा तृतीय ने नरेश, धर्मवीर, सुनील, जुबेर और साजिद को दोषी करार दिया था। सोमवार को पांचों को आजीवन कारावास की सजा देने के साथ 1.81-1.81 लाख रुपये का अर्थदंड भी लगाया है।
न्यायाधीश ने उक्त धनराशि में से आधी पीड़ित मां-बेटी को देने के भी आदेश दिए हैं। सजा सुनाते हुए न्यायाधीश ने कहा कि ऐसे अपराधी समाज के लिए एक धब्बा हैं। इनका समाज से दूर रहना ही लाभकारी है। ऐसे राक्षसों को जेल में रखना चाहिए।
यह था मामला
नोएडा में रह रहा परिवार 29 जुलाई 2016 की रात कार से शाहजहांपुर गमी में शामिल होने जा रहा था। कार में 14 वर्षीय किशोरी और उसकी मां सहित परिवार के छह लोग थे। कोतवाली देहात क्षेत्र में हाईवे पर दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास कार के सामने राड फेंककर रोक लिया गया था। इसके बाद सभी को खेत में ले जाकर बंधक बनाकर लूटपाट करने के बाद मां और नाबालिग बेटी के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया था।
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लूट, डकैती, सामूहिक दुष्कर्म की धाराओं और पाक्सो एक्ट में मुकदमा दर्ज किया गया था। मुकदमे में 169 पेज की चार्जशीट पेश की गई थी। शुरुआती जांच में 11 आरोपितों के नाम सामने आए थे। दो आरोपित पुलिस मुठभेड़ में मारे जा चुके हैं, तीन को सीबीआइ ने क्लीनचिट दे दी थी। सुनवाई के दौरान एक आरोपित सलीम की बीमारी के चलते बुलंदशहर जेल में मौत हो गई थी। अभियोजन पक्ष की तरफ से पीड़ित मां-बेटी और उनके स्वजन समेत अदालत में 25 गवाह पेश किए गए। डीएनए और फोरेंसिक रिपोर्ट भी सजा का आधार बनी। अदालत ने 127 पेज का फैसला सुनाया है। दोषी पक्ष के अधिवक्ता शिवचरण सिंह माहू ने कहा कोर्ट के निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील करेंगे।
बावरिया गिरोह से जुड़े थे दोषी
जुबैर उर्फ परवेज निवासी गांव इटखारी, थाना तिर्वा जिला कन्नौज, साजिद निवासी गांव इटखारी थाना तिर्वा जिला कन्नौज, धर्मवीर उर्फ राका निवासी गैसिंगपुर थाना मोहम्मदाबाद जिला फर्रुखाबाद, नरेश उर्फ संदीप ग्राम गैसिंगपुर थाना मोहम्मदाबाद फर्रुखाबाद, सुनील उर्फ सागर निवासी ग्राम बानपोई आजादनगर, थाना मोहम्मदाबाद जिला फर्रुखाबाद

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