बुलंदशहर में हाईवे पर मां-बेटी से हैवानियत के मामले में कब क्या हुआ ? कोर्ट ने पांच दोषियों को सुनाई है उम्र कैद
Bulandshahr News : बुलंदशहर में हाईवे पर मां-बेटी से हुई हैवानियत के मामले में कोर्ट ने अदालत ने पांचों आरोपितों को दोषी ठहराया। उन्हें उम्रकैद की सजा ...और पढ़ें

सजा मिलने के बाद दोषियों को जेल लेकर जाते पुलिसकर्मी। जागरण
जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। हाईवे पर हुई हैवानियत सड़क से संसद तक गूंजी थी। मुकदमे में सीबीआइ ने 169 पेज की चार्जशीट पेश की गई और अदालत ने 127 पेज का फैसला सुनाया। चार्जशीट होने के बाद विशेष पाक्सो अदालत में लगभग साढ़े आठ साल तक मुकदमा चला। इसमें सात साल सात माह 25 दिन तक गवाही हुई। कोरोना काल में दो साल तक सुनवाई नहीं हो सकी थी।
विशेष लोक अभियोजक वरुण कौशिक ने बताया कि घटना से पहले पुलिस और सीबीआइ टीम ने मामले की जांच की। पहली चार्जशीट पांच जनवरी 2017 और दूसरी चार्जशीट एक मई 2018 को पेश की गई। पहली गवाही 27 अप्रैल 2017 को हुई थी। 12 दिसंबर को अदालत ने निर्णय सुरक्षित किया और 20 दिसंबर को दोषी करार दिया था। 22 दिसंबर को अदालत ने फैसला सुनाया।
सिलसिलेवार घटनाक्रम
- 29 जुलाई 2016 की रात दोस्तपुर फ्लाईओवर के पास मां-बेटी से सामूहिक दुष्कर्म और लूटपाट की घटना हुई।
- 30 जुलाई 2016 को कोतवाली देहात में घटना का मुकदमा दर्ज किया गया।
- 31 जुलाई 2016 को डीजीपी जावीद अहमद और प्रमुख सचिव गृह देवाशीष पांडा बुलंदशहर पहुंचे।
- 31 जुलाई 2016 को तत्कालीन एसएसपी वैभव कृष्ण, एसपी सिटी व सिटी सिटी को निलंबित किया गया। इसी दिन रात में रहीशुद्दीन, जबर सिंह और शाहवेज को गिरफ्तार किया गया।
- 09 अगस्त 2016 को क्राइम ब्रांच ने सलीम बावरिया, परवेज उर्फ जुबैर और साजिद को मेरठ से गिरफ्तार किया और एक आरोपित फाती फरार हो गया।
- 12 अगस्त 2016 को जांच सीबीआइ को सौंपी गई।
- 19 अगस्त 2016 को सीबीआइ टीम पहली बार बुलंदशहर पहुंची और पुलिस अधिकारियों से जानकारी ली। सलीम, जुबैर और साजिद को कस्टडी रिमांड पर लिया।
- 24 अक्टूबर 2016 को आरोपित सलीम, परवेज और साजिद की जेल में शिनाख्त परेड हुई।
- 05 नवंबर 2016 को अदालत ने आरोपित रईसुद्दीन, जबर और शाहवेज की जमानत अर्जी मंजूर की।
- 05 जनवरी 2017 को सीबीआइ ने पहली चार्जशीट अदालत में दाखिल की।
- 15 मई 2017 को जेल में बंद तीनों आरोपितों ने नार्को टेस्ट की अर्जी दाखिल की।
- 27 अप्रैल 2018 को अदालत में पहली गवाही हुई।
- 01 मई 2018 को सीबीआइ ने दूसरी चार्जशीट अदालत में दाखिल की।
- 08 जून को अदालत ने तीनों आरोपितों की नार्को टेस्ट और शिनाख्त परेड की अर्जी खारिज हुई।
- जनवरी 2018 को सीबीआइ के बी वारंट के लिए गुरुग्राम से तीन आरोपितों को बुलंदशहर जेल लाया गया।
- मार्च 2018 को पीड़ित परिवार ने आरोपितों की जेल में शिनाख्त की।
- 15 दिसंबर 2019 को आरोपित सलीम बावरिया की बीमारी के चलते मौत हुई।
- जुलाई 2021 में पीड़ित किशोरी की अदालत में गवाही हुई।
- 20 दिसंबर 2025 को अदालत ने पांचों आरोपितों को दोषी ठहराया।
- 22 दिसंबर 2025 को अदालत ने पांचों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।