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    स्याना हिंसा मामले में 38 को मिली सजा… अब गोकशी के आरोपियों के लिए क्या होगी सजा? इस पर टिकी निगाहें

    Updated: Sat, 02 Aug 2025 04:39 PM (IST)

    बुलंदशहर के स्याना में गोकशी के अवशेष मिलने से हिंसा भड़की थी। न्यायालय ने 38 आरोपियों को सजा सुनाई है और अब लोगों को गोहत्या के आरोपियों को सजा मिलने का इंतजार है। हिंसा में कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार और एक युवक की मौत हो गई थी। पुलिस ने कुछ आरोपियों को गिरफ्तार किया था लेकिन बाद में क्लीन चिट दे दी गई थी।

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    स्याना हिंसा का मुख्य कारण गोवंश की हत्या के मामले में आरोपितों की सजा का इंतजार।

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। गोकशी के अवशेष स्याना की हिंसा का मुख्य कारण रहे हैं। न्यायालय द्वारा हिंसा के 38 आरोपितों को सजा दिए जाने के बाद अब लोगों को गौ हत्या के आरोपितों की सजा का इंतजार हैं।

    नगर-क्षेत्र के लोगों का कहना है कि गोकशी के चलते ही ग्राम चिंगरावठी पुलिस चौकी पर खूनी हिंसा भड़की थी। हिंसा के दौरान तत्कालीन कोतवाली प्रभारी सुबोध कुमार व ग्राम चिंगारावठी निवासी युवक सुमित की गोली लगने से मौके पर ही मौत हो गई थी।

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    कोतवाली पुलिस ने हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपित योगेश राज की तहरीर के आधार पर सात लोगों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था। पुलिस ने चार आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भी भेज दिया था। जबकि गोकशी के दो आरोपित नाबालिग थे। जिनकी उम्र मात्र 10-12 की वर्ष की थी।

    - योगेश राज की तहरीर पर इन सात लोगों के विरुद्ध किया गया था मुकदमा दर्ज, प्रकाश में आए थे दो नाम...

    हिंसा भड़काने के मुख्य आरोपित योगेश राज की तहरीर पर पुलिस ने ग्राम नयाबांस निवासी सुदैफ चौधरी, इलियास, शराफत, अनस, शाजिद, परवेज व सरफुद्दीन के नाम मुकदमा दर्ज किया था। जबकि औरंगाबाद निवासी आसिफ व अहमदगढ़ निवासी बन्ने खा का नाम जांच के बाद प्रकाश में आया था।

    - पुलिस ने चार को भेजा था जेल...

    पुलिस ने गोकशी में नामजद नयाबांस निवासी शाजिद व सरफुद्दीन सहित जांच के दौरान प्रकाश में आए बन्ने खा व आसिफ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

    - नामजद सहित प्रकाश में आए दोनों आरोपितों को दे दी गई थी क्लीन चिट...

    हिंसा की घटना के के बाद तत्कालीन बुलंदशहर एसएसपी कृष्ण बहादुर सिंह को मुख्यालय से अटैच कर दिया गया था। वहीं उनके स्थान पर प्रभाकर चौधरी को जिले का नया पुतिस कप्तान बनाया गया था। प्रभाकर चौधरी को कप्तान बनाए जाने के बाद पुलिस जांच में गोकशी के नामजद सात व प्रकाश में आए दोनों आरोपित सहित सभी को क्लीन चिट दी गई थी।

    जिसके बाद जेल भेजे गए शाजिद, सरफुद्दीन, बन्ने खा व आसिफ सहित चारों को जेल से रिहा कर दिया गया। उसी दौरान जांच में गोकशी की घटना को अंजाम देने वाले नगर निवासी नदीम, रहीस, काला, यूनुस उर्फ बोल, गुलफाम, महबूब अली, हारून व अजर सहित सात आरोपितों के नाम प्रकाश में आए थे। पुलिस ने सातों आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।

    - गोकशी के आरोपितों के विरुद्ध रासुका के तहत भी हुई कार्रवाई...

    पुलिस द्वारा गोकशी के आरोपितों के विरुद्ध कठोर कदम उठाते हुए रासुका के तहत कार्रवाई भी की गई थी। वहीं वर्तमान में गोकशी के सातों आरोपित न्यायालय से जमानत मिलने पर जेल से बाहर चल रहे हैं।

    कोतवाली प्रभारी यज्ञदत्त शर्मा ने बताया कि गोकशी के सभी आरोपितों के विरुद्ध पुलिस द्वारा न्यायालय में चार सीट दाखिल कर दी गई है। वहीं अब लोगों को गोकशी के आरोपितों के विरुद्ध सजा को लेकर न्यायालय का फैसला का इंतजार है।