बाबू मिलने आ जाओ खेत में बैठी हूं, कांट्रैक्ट किलर ने प्रेमिका बनकर बिछाया जाल… घूंघट उठाते ही खत्म कर दिया ‘किस्सा’
बुलंदशहर में डिबाई थाना क्षेत्र में हुई शीशपाल की हत्या का राजफाश हुआ है। पुलिस ने बताया कि शीशपाल की हत्या उसके चाचा रामेश्वर ने अलीगढ़ के शूटरों से कराई थी। पुलिस ने चाचा और तीन हत्यारोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। हत्या का कारण शीशपाल का गलत चाल-चलन और उसके अवैध संबंध थे। हत्यारोपियों को एक लाख रुपये की सुपारी दी गई थी।

जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। पिछले दिनों डिबाई थाना क्षेत्र में हुई शीशपाल की हत्या उसके चाचा रामेश्वर ने ही अलीगढ़ के शूटरों से कराई थी। पुलिस ने चाचा व तीन हत्यारोपियों को आला कत्ल के साथ गिरफ्तार कर हत्याकांड का राजफाश किया है।
यह है पूरा मामला
एसएसपी श्लोक कुमार ने बताया कि सात नवंबर की रात डिबाई थाना क्षेत्र के गांव जलालपुर जट में ईंट-भट्टे के पास खेत में मोहल्ला महादेव बाहरजीन वाली गली निवासी शीशपाल का शव मिला था। उसकी गला रेतकर हत्या की गई थी।
पुलिस ने अज्ञात के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की। घटना के राजफाश के लिए पुलिस और स्वाट टीम को लगाया गया। पुलिस जांच में शीशपाल के चाचा रामेश्वर, अलीगढ़ जिले के गांव अतरौली निवासी शैलेंद्र व विवेक सहित गांव मौसमपुर निवासी पुष्पेंद्र के नाम प्रकाश में आए।
मंगलवार सुबह पुलिस टीम ने चारों आरोपियों को त्रिलोकपुर को जाने वाले रास्ते पर आम के बाग के पास से पकड़ लिया। उनके पास से तमंचा, कारतूस, दो चाकू मिले। उनकी निशानदेही पर मृतक का जला हुआ मोबाइल और कमीज बरामद की।
गलत चाल चलन के कारण बनाई हत्या की योजना
एसएसपी के अनुसार, शीशपाल शराब का सेवन करता था। उसका चाल-चलन भी ठीक नहीं था। लगभग एक साल पहले उसने शराब के नशे में अपने चाचा रामेश्वर की पुत्री को गलत नियत से पकड़ लिया था। इसका विरोध करने पर उसने मारपीट भी की थी।
अपने पिता की पिटाई भी कर चुका था। इस पर परिजन ही उसकी हत्या कराने की योजना बनाने लगे। हत्यारोपी शैलेंद्र की पत्नी से भी शीशपाल के अवैध संबंध थे। इस पर शैलेंद्र, विवेक व पुष्पेंद्र को एक लाख रुपये की सुपारी देकर हत्या करने का रामेश्वर ने सौदा तय किया था।
मैं तुम्हारी शोना-बाबू आ जाओ खेत में बैठी हूं
एसएसपी के अनुसार, हत्यारोपी शैलेंद्र ने वॉट्सएप पर युवती बनकर शीशपाल से संपर्क किया था। कई दिन तक उससे बातचीत की। योजना के तहत सात नवंबर को शीशपाल को गांव जलालपुर जट में ईंट के भट्टे के पास मिलने के लिए बुलाया। शैलेंद्र खेत में दुपट्टे से मुंह ढंककर बैठ गया, लेकिन शक होने पर वह भाग गया था।
वॉट्सएप चैट करके युवती होने का झांसा दिया। कहा कि मैं तुम्हारी सोना-बाबू ही हूं, जो घूंघट करके खेत में बैठी हूं। इस झांसे में आकर शीशपाल खेत में आ गया। यहां विवेक व पुष्पेंद्र के साथ मिलकर शैलेंद्र ने उसकी हत्या कर दी और फरार हो गए।
एसएसपी ने बताया कि सौदा कराने में बिचौलिये की भूमिका भी एक रिश्तेदार ने ही निभाई थी। किश्तों में हत्यारोपियों को यह रकम दी थी। आखिरी बार 40 हजार की रकम हत्यारोपियों को दी। उसमें से 12 हजार रुपये की नकदी भी हत्यारोपियों के पास से बरामद की है। फरार बिचौलिया को पकड़ने का प्रयास किया जा रहा है।

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