Air Pollution: बुलंदशहर की हवा में प्रदूषण बरकरार, खतरनाक स्तर पर पहुंचा AQI; इन जगहों की यह है स्थिति
Bulandshahr Air Pollution बुलंदशहर की हवा में प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। दीपावली के बाद हवा में प्रदूषण बढ़ा और सांस प्रदूषित होती चली गई है। दीपावली के बाद पिछले सप्ताह शनिवार को हवा साफ हुई। रविवार को एक्यूआइ येलो जोन में रहा और 179 रिकॉर्ड किया गया। सोमवार से एक्यूआइ बढ़ना शुरू हुआ। सोमवार और मंगलवार को एक्यूआइ ऑरेंज जोन में रहा और...

जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। Bulandshahr Air Pollution: जिले की हवा में प्रदूषण कम नहीं हो रहा है। दीपावली के बाद 11वें दिन जिला का प्रदूषण येलो जोन में है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, जिले का ओवरआल एक्यूआइ 290 को पार कर गया। प्रदूषण का यह स्तर खतरनाक माना जाता है। सांस लेने में परेशानी होती है।
दीपावली के बाद हवा में प्रदूषण बढ़ा और सांस प्रदूषित होती चली गई है। दीपावली के बाद पिछले सप्ताह शनिवार को हवा साफ हुई। रविवार को एक्यूआइ येलो जोन में रहा और 179 रिकॉर्ड किया गया। सोमवार से एक्यूआइ बढ़ना शुरू हुआ। सोमवार और मंगलवार को एक्यूआइ ऑरेंज जोन में रहा।
बुलंदशहर में बढ़ता प्रदूषण
बुधवार की रात में आठ बजे एक्यूआइ 300 को पार गया। बुधवार की रात में नौ बजे एक्यूआइ 307 रिकॉर्ड किया गया। गुरुवार सुबह दस बजे तक हवा में प्रदूषण का यही हाल रहा। इसके बाद एक्यूआइ में गिरावट आनी शुरू हुई। यहां पीएम 2.5 यानी धूल धुएं के बारीक कणों की संख्या 373 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (मानक 60) तक पहुंच गई।
पीएम 10 की संख्या 271 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर (मानक 100) तक पहुंच गई। कार्बन मोनो आक्साइड की अधिकतम मात्रा 93 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक आ गई।
सांस के मरीज, बीमार समेत बुजुर्गों को खासा परेशानी
शुक्रवार सुबह दस बजे एक्यूआइ 290 रिकॉर्ड किया गया। देर शाम तक ये एक्यूआइ 300 के पार पहुंचने की संभावना है। चिकित्सकों का कहना है कि जब जिला प्रदूषण के रेड जोन में होता है तो सांस के मरीज, बीमार और बुजुर्ग लोगों को दिक्कत होने लगती है।
जिला अस्पताल के चिकित्सक डा. परविंदर सिंह का कहना है कि ओपीडी में सांस लेने में दिक्कत वाले मरीज पहुंचे हैं। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की क्षेत्रीय अधिकारी सपना श्रीवास्तव का कहना है कि प्रदूषण फैलाने वाली इकाईयों को लगातार नोटिस दिए जा रहे हैं।
प्रदूषण की स्थिति
- 0-50 अच्छा (खास प्रभाव नहीं)
- 51-100 संतोषजनक (संवेदनशील लोगों पर हल्का प्रभाव)
- 101-200 मध्यम (माडरेट) (सांस के रोगियों को सांस लेने में दिक्कत)
- 201-300 खराब (सभी को सांस लेने में परेशानी)
- 301-400 बहुत खराब (श्वास की बीमारी हो जाना)
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