बैटरी की रीसाइक्लिंग करने वाली फैक्ट्री में गैस रिसाव, दो मजदूरों की मौत; परिजनों ने किया हंगामा, एक करोड़ मुआवजे की मांग
बुलंदशहर के औद्योगिक क्षेत्र में स्थित लिथियम बैटरी रीसाइक्लिंग फैक्ट्री में एक हादसा हुआ है जिसमें केमिकलों के मिश्रण के दौरान निकली गैस की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई और एक अन्य श्रमिक गंभीर अवस्था में हायर सेंटर में भर्ती है। घटना के बाद पीड़ित परिजनों और ग्रामीणों ने फैक्ट्री के गेट पर धरना दिया और पुलिस पर प्रबंधन के साथ मिलीभगत का आरोप लगाया।

जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। औद्योगिक क्षेत्र स्थित लिथियम बैटरी की रीसाइक्लिंग करने वाली फैक्ट्री में केमिकलों मिश्रण के दौरान निकली गैस की चपेट में आने से दो मजदूरों की मौत हो गई, जबकि एक अन्य एक श्रमिक को गंभीर अवस्था में हायर सेंटर में भर्ती कराया गया है।
पीड़ित परिजनों व ग्रामीणों को पुलिस ने फैक्ट्री में जाने से रोका तो ग्रामीण गेट पर ही धरने पर बैठ गए। साथ ही पुलिस पर प्रबंधन के साथ मिलीभगत कर घंटों मामले को दबाने का आरोप लगाया।
डीएम, एसएसपी ने घटनास्थल पर पहुंचकर मामले की जानकारी की। उधर, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घटना पर दुख प्रकट करते हुए मृतकों के परिजन के प्रति शाेक संवेदना प्रकट की है।
यह है पूरा मामला
दिल्ली निवासी विक्रांत की औद्योगिक क्षेत्र स्थित बेटेक्स एनर्जीस बेयोंड्स लिमिटेशंस फैक्ट्री में लिथियम बैटरी की रीसाइक्लिंग का कार्य किया जाता है। उक्त फैक्ट्री में सोमवार सुबह नौ बजे श्रमिक थाना गुलावठी थाने के गांव बिसाइच निवासी 26 वर्षीय सत्येंद्र पुत्र गजेंद्र, मुरादाबाद के कस्बा व थाना डिलारी निवासी 28 वर्षीय अंकुश चौहान पुत्र सतपाल तथा सिकंदराबाद देहात के गांव माधोगढ़ी निवासी गिरीश पहुंचे।
आरोप है कि सुबह 9:15 बजे के करीब पाउडर नुमा केमिकलों के मिश्रण करने के दौरान निकली गैस की चपेट में तीनों आ गए और अचेत हो गए। तीनों के अचेत होने पर फैक्ट्री परिसर में हड़कंप मच गया। तीनों को लेकर उपचार के लिए सीएचसी अस्पताल में भर्ती कराया गया।
चिकित्सकों ने तीनों को हायर सेंटर रेफर कर दिया। इसके बाद तीनों को हालत गंभीर होने पर फोर्टिस अस्पताल ग्रेटर नोएडा में भर्ती कराया। अस्पताल में उपचार के दौरान सत्येंद्र व अंकुश की मौत हो गई, जबकि गिरीश का उपचार चल रहा है। जहां उसकी उसकी हालत गंभीर बनी हुई है।
परिजनों को मामले की जानकारी नहीं देने का आरोप
जानकारी मिलने पर सत्येंद्र के परिजनों समेत ग्रामीण फैक्ट्री के गेट पर पहुंचे और स्टाफ से घटना के बारे में जानकारी करने की कोशिश की गई। आरोप है कि फैक्ट्री प्रबंधन ने परिजनों को मामले की जानकारी नहीं दी गई और परिसर में जाने से रोका, जिसके चलते आक्रोशित ग्रामीण हंगामा करने लगे और गेट पर ही बैठ गए।
सत्येंद्र के परिजनों ने बताया कि उन्हें करीब पांच घंटे तक जानकारी नहीं दी गई। सत्येंद्र करीब तीन माह से ड्यूटी करता था। सत्येंद्र की बाइक को भी बाहर फेंक दिया गया।
डीएम-एसएसपी मौके पर पहुंचे
हंगामा होने की जानकारी मिलते ही डीएम श्रुति, एसएसपी श्लोक कुमार, एडीएम प्रशासन डाॅ. प्रशांत कुमार, एसपी सिटी शंकरप्रसाद, एसडीएम संतोष जगराम, सीओ पूर्णिमा व कोतवाल रवि रतन सिंह मौके पर पहुंचे।
डीएम व एसएसपी ने घटनास्थल पर पहुंचकर प्राथमिक जांच पड़ताल की। धरने पर बैठे ग्रामीण अधिकारियों से फैक्ट्री मालिक को मौके पर बुलाने व एक करोड़ रुपये की आर्थिक मदद की मांग कर रहे हैं। वहीं दमकल विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर आधा घंटे तक घटनास्थल की जांच की।
एडीएम ने बताया कि मौके पर किसी पाउडर जैसा पदार्थ पाया गया है। संभवतः केमिकलों के मैनुअली तरीके से मिश्रण करने के दौरान उससे बनी गैस के चलते हादसा होना प्रतीत हो रहा है। डीएम ने बताया कि विशेषज्ञ द्वारा ही कैमिकल अथवा गैस की पुष्टि हो सकेगी। मामले की जांच की जा रही है।
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