UP Flood: बिजनौर में गंगा और मालन नदियों में और बढ़ गया पानी, गंगा पार के खेतों में नहीं जा पा रहे किसान
Bijnor News पहाड़ों पर लगातार बरसात के कारण बिजनौर में गंगा और मालन नदियों में जल स्तर बढ़ गया है। मालन नदी के रपटे पर पानी बढ़ने से राहगीरों को परेशानी हो रही है। खेतों में पानी भरने से किसान परेशान हैं और फसलों की बुआई में देरी हो रही है।

जागरण संवाददाता, बिजनौर। पहाड़ों पर लगातार हो रही बरसात के कारण गंगा और मालन में पानी और बढ़ रहा है। मालन के रपटे पर पानी बढ़ने से वहां से लोगों की पैदल आवाजाही प्रभावित हो गई है। हादसों के डर से लोग रपटे को पैदल पार करते हुए बच रहे हैं।
तीन दिन पहले गंगा और मालन में एकदम सामान्य पानी था। पहाड़ पर बरसात के बाद शनिवार रात दोनों नदियां फिर से उफनने लगी थीं। मालन नदी क्षेत्र के गांव रावली व शहजादपुर के बीच बने रपटे पर एक से डेढ़ फीट तक पानी आ गया था। मंगलवार को पानी और बढ़ गया। रपटे पर दो फीट तक पानी बहने लगा। हादसे के डर से पैदल रपटे पर जाते हुए बच रहे हैं।
सोमवार को मालन में एक लाख 63 हजार क्यूसेक पानी बह रहा था जो मंगलवार को बढ़कर एक लाख 72 हजार क्यूसेक हो गया। अभी पानी कम होने के कोई आसार नहीं दिख रहे हैं। भीमगौड़ा बैराज से लगातार एक लाख क्यूसेक से अधिक पानी छोड़ा जा रहा है।
गंगा में सिल्ट अधिक आने से नहरों में पानी नहीं छोड़ा जा रहा है। अगर सिल्ट कम होने पर मध्य गंगा नहर फेज वन व टू में पानी छोड़ दिया जाए तो इससे गंगा बैराज से आगे पानी का दबाव काफी कम हो सकता है।
खेतों पर भी नहीं जा पा रहे किसान
गंगा और मालन का पानी तटीय गांवों के खेतों में लगभग एक माह से भरा हुआ है। किसी फसल की बोआई आदि के लिए भी भूमि तैयार करने में महीनों का समय लगेगा। किसान गंगा के पार अपने खेतों में भी नहीं जा पा रहे हैं। किसानों को बाकी वर्षों के मुकाबले इस वर्ष कहीं अधिक समस्या झेलनी पड़ रही है।
सिंचाई विभाग के अधिशासी अभियंता ब्रजेश मौर्य का कहना है कि पिछले कुछ दिन में गंगा में लगातार पानी बढ़ रहा है। पहाड़ों पर अभी भी बरसात हो रही है। अभी पानी कम होने के बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है। धारा में सिल्ट कम होने पर ही नहरों में पानी छोड़ा जाएगा।
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