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    निरीक्षण को पहुंचे IAS अधिकारी तो स्कूल के अंदर से आ रही थी आवाजें, शिक्षक को बुलाकर गेट खुलवाया तो उड़ गए होश

    Updated: Sat, 04 Oct 2025 05:30 AM (IST)

    बिजनौर के एक स्कूल में शिक्षकों ने एक बच्चे को कक्षा में बंद कर दिया और चले गए। प्रशिक्षु आईएएस और बीडीओ हल्दौर ने बच्चे के रोने की आवाज सुनकर उसे बाहर निकाला। खंड शिक्षा अधिकारी को सूचित किया गया और शिक्षामित्र ने ताला खोला। अधिकारियों ने इस घटना को गंभीर लापरवाही बताया है और जांच के आदेश दिए हैं। बीएसए ने मामले में कार्रवाई की बात कही है।

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    निरीक्षण को पहुंचे आईएएस अधिकारी, पीएम श्री विद्यालय में बंद मिला बच्चा

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। पीएम श्री कंपोजिट विद्यालय नवादा में शिक्षकों ने लापरवाही में हद कर दी। वे एक बच्चे को कक्षा में छोड़कर स्कूल बंद कर घर पहुंच गए। इस बीच प्रशिक्षु आइएएस व बीडीओ हल्दौर स्कूल के पास किसी मामले की जांच करने पहुंचे तो उन्होंने बच्चे के रोने की आवाज सुनी।

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    उन्होंने खंड शिक्षा अधिकारी के माध्यम से शिक्षकों को फोन कर बुलाया तो पौन घंटे बाद शिक्षामित्र ने आकर गेट खोलकर बच्चे को निकाला। मामला डीएम जसजीत कौर को भी बताया गया है। बीएसए ने मामले में कार्रवाई की बात कही है।

    प्रशिक्षु आइएएस कुणाल रस्तोगी पर बीडीओ हल्दौर का चार्ज है। वे शुक्रवार को लगभग सवा तीन बजे पीएम श्री कंपोजिट विद्यालय नवादा परिसर में बने आंगनबाड़ी केंद्र की जांच के लिए गए थे। इस बीच उन्होंने स्कूल के अंदर से किसी बच्चे के रोने की आवाज सुनी।

    उन्होंने जाकर देखा तो एक बच्चा कमरे के अंदर बंद था। उसने अपना नाम वंश बताया। वह कक्षा पांच का छात्र है। वंश ने बताया कि स्कूल के शिक्षक उसे जाने कैसे कमरे के अंदर ही बंद करके चले गए। बच्चा बहुत डरा हुआ था।

    प्रशिक्षु आइएएस कुणाल रस्तोगी ने तुरंत ही खंड शिक्षा अधिकारी अलका अग्रवाल को फोन किया। अलका अग्रवाल भी मौके पर पहुंच गईं और स्कूल के स्टाफ चाबी लेकर स्कूल आने को कहा गया। कोई शिक्षक मौके पर नहीं आया और लगभग चार बजे एक शिक्षामित्र चाबी लेकर पहुंचा।

    उन्होंने कमरे का ताला खोलकर वंश को बाहर निकाला। वंश रोते हुए बाहर आया। वह लगभग एक घंटे तक स्कूल में कक्षा में बंद रहा। उसके स्वजन व गांव वाले भी इस बीच स्कूल में आ गए। इस दौरान प्रशिक्षु आइएएस कुणाल रस्तोगी वहीं खड़े रहे।

    शिक्षकों द्वारा बच्चे को स्कूल में बंद कर जाना बहुत ही गंभीर लापरवाही है। किसी कमरे को देखने में कितना समय लगता है। डीएम को पूरे मामले के बारे में अवगत करा दिया गया है और कार्रवाई की संस्तुति की गई है। -कुणाल रस्तोगी, प्रशिक्षु आइएएस व बीडीओ हल्दौर

    स्टाफ द्वारा बच्चे को कमरे में बंद कर जाने के मामले का पता चला है। खंड शिक्षा अधिकारी से मामले की रिपोर्ट प्रेषित करने को कहा गया है। माले में कार्रवाई होगी। कोई भी शिक्षक ऐसी लापरवाही न करे। -सचिन कसाना, बीएसए