MGNREGA Scheme: बुरी खबर! मनरेगा को लेकर आया बड़ा अपडेट, बजट पर चल गई है कैंची
बिजनौर में मनरेगा के तहत मानव दिवसों में भारी कटौती की गई है जिससे श्रमिकों को कम काम मिलेगा। पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष 20 लाख मानव दिवस कम कर द ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, बिजनौर। शासन ने मनरेगा के अंतर्गत मानव दिवस में भारी कटौती कर दी है। पिछले वर्ष के मुकाबले इस वर्ष मानव दिवस 20 लाख तक कम कर दिए गए हैं। यानी गांवों में इस बार मनरेगा में श्रमिकों को कम काम मिलेगा। साथ ही निर्माण कार्य भी कम होंगे। मनरेगा में बीते कई वर्षाें में इतना कम काम नहीं हुआ है।
रोजगार की तलाश में गांव के लोगों का शहर में पलायन रोकना सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक रहा है। गांवों में श्रमिकों को रोजगार दिलाने के लिए केंद्र सरकार द्वार मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी एक्ट) संचालित की जा रही है।
मनरेगा के अंतर्गत गांवों में मिट्टी से जुड़े कार्य जैसे चकरोड की मरम्मत, तालाब निर्माण, प्रधानमंत्री आवास व अन्य योजनाओं आदि में कार्य दिया जाता है। वर्ष 2005 में मनरेगा में मजदूरी 155 रुपये निर्धारित की गई थी। तब से अब तक मजदूरी बढ़कर 252 रुपये हो गई है।
हालांकि मनरेगा में कोई अधिक काम नहीं करना होता है और इसे करने के बाद भी श्रमिक दूसरे काम कर सकते हैं। अधिक से अधिक श्रमिकों को 100 दिन काम दिलाने का लक्ष्य इसमें रखा जाता है। मनरेगा में जिले में लगभग तीन लाख श्रमिक पंजीकृत हैं।
इस वर्ष मनरेगा में 47 लाख से अधिक श्रमिक दिवस सृजित होने थे। यानी तीन लाख श्रमिकों को 47 लाख दिन के बराबर काम मिलना था। इसका शेड्यूल भी बना दिया गया था लेकिन अब इसे काटकर 27 लाख कर दिया है। लगभग 20 लाख मानव दिवस कम कर दिए गए हैं।
मनरेगा में मानव दिवस में कटौती की स्थिति
| ब्लॉक | पूर्व में | कटौती के बाद |
|---|---|---|
| अफजलगढ़ | 5,13,378 | 2,74,903 |
| अल्हैपुर | 3,72,746 | 1,96,360 |
| स्योहारा | 4,51,765 | 2,35,632 |
| हल्दौर | 4,34,413 | 2,35,631 |
| जलीलपुर | 5,54,684 | 2,84,903 |
| किरतपुर | 2,24,074 | 1,57,088 |
| कोतवाली | 5,55,874 | 3,92,719 |
| देवमल | 3,90,839 | 1,96,360 |
| नजीबाबाद | 5,26,983 | 3,53,447 |
| नहटौर | 2,68,404 | 1,96,360 |
| नूरपुर | 4,09,262 | 2,15,996 |
| योग | 47,02,423 | 27,29,399 |
निर्माण कार्य का बजट भी होगा कम
मनरेगा में मानव दिवस के अतिरिक्त निर्माण कार्य जैसे कैटल शेड आदि कार्य भी कराया जाता है। 60 प्रतिशत राशि मजदूरी पर और बाकी राशि निर्माण कार्य पर खर्च की जाती है। जिस तरह मानव दिवस कम किए गए हैं उसी अनुपात में निर्माण कार्य भी अपने आप ही कम हो जाएंगे।
शासनस्तर से मनरेगा का नया लक्ष्य प्राप्त हुआ है। इसमें मानव दिवस कम किए गए हैं। निर्धारित लक्ष्य के अनुसार ही गांवों में मनरेगा श्रमिकों को कार्य उपलब्ध कराया जाएगा। -आरबी यादव, उपायुक्त- मनरेगा

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