महिला अनुदेशक ने फांसी लगाकर दी जान, दो शिक्षिकाओं पर उत्पीड़न का पत्र प्रसारित
- अनुदेशक का डेढ़

महिला अनुदेशक ने फांसी लगाकर दी जान, दो शिक्षिकाओं पर उत्पीड़न का पत्र प्रसारित
- अनुदेशक का डेढ़ माह पुराना पत्र हो रहा प्रसारित, आत्महत्या की कही थी बात
बिजनौर : शिक्षिका बहनों पर उत्पीड़न का आरोप लगाकर महिला अनुदेशक ने फांसी लगाकर जान दे दी। अनुदेशक ने विभाग में शिकायती पत्र लिखकर दोनों शिक्षिकाओं की शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एक शिक्षिका का पति भी इसी स्कूल में शिक्षक है। अनुदेशक का लिखा हुआ लगभग डेढ़ माह पुराना शिकायती पत्र इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो रहा है। पत्र में अनुदेशक ने शिक्षिका बहनों पर उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए विवश करने का आरोप लगाया है।
थाना मंडावली के गांव हुकूमतपुर केशो निवासी दिलजीत सिंह की पत्नी 38 वर्षीय आरती प्राथमिक विद्यालय नजीबाबाद में अनुदेशक थीं। आरती ने सोमवार को गांव में अपने दो मंजिला मकान में पंखे पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। मौत के बाद आरती का 13 अगस्त को लिखा हुआ एक पत्र शिक्षकों के वाट्सएप ग्रुप पर प्रसारित हो रहा है। पत्र में आरती ने इंचार्ज अध्यापिका शहनाज जबीं और उनकी बहन शाहजहां परवीन द्वारा उत्पीड़न करने का आरोप लगाया है। आरती ने लिखा है कि दिमागी रूप से इतना परेशान हो चुकी हूं कि आत्महत्या भी कर लूंगी तो अफसोस नहीं होगा। आरती ने लिखा है कि अनुदेशक होना कोई गलत नहीं है। वह भी इंसान है। वह लिखती हैं कि क्या दो बहनें एक ही स्कूल में हों तो दूसरे का जीना हराम कर दें? आरती ने लिखा है कि अगर वह आत्महत्या कर लेती है तो इसकी जिम्मेदार इंचार्ज अध्यापिका शहनाज और उसकी बहन शाहजहां होंगी। आरती के एक बेटी और एक बेटा है। इंचार्ज अध्यापिका शहनाज के पति मोहम्मद मोबिन भी इसी स्कूल में शिक्षक हैं। शिक्षकों में चर्चा है कि आरती ने विभाग में शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। एसओ मंडवाली पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि अभी इस संबंध में किसी भी पक्ष ने पुलिस से शिकायत नहीं की है।
इन्होंने कहा...
मैं स्कूल में जाता रहता था और आरती भी मिलती थी। उसने कभी उत्पीड़न जैसी कोई बात नहीं की। कोई लिखित शिकायत भी नहीं की। अगर शिकायत होती तो जांच अवश्य होती।
राजमोहन, बीईओ नजीबाबाद
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अनुदेशक द्वारा आत्महत्या का मामला सामने आया है। यह बहुत दुखद घटना है। मामले में जांच कराई जाएगी और जो दोषी मिलेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।
सचिन कसाना, बीएसए
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मेरा अनुदेशक आरती से कोई विवाद नहीं था। एक दिन पहले ही हमने मिशन शक्ति का कार्यक्रम कराया था। सोमवार को उन्होंने मुझे फोन करके छुट्टी ली थी। वे परिवार के सदस्य की तरह थीं। जो पत्र प्रसारित हो रहा है उसका मुझसे कोई वास्ता नहीं है। उसमें मेरा और मेरी बहन का नाम क्यों है, इसका पता नहीं।
- शहनाज जबीं, इंचार्ज अध्यापिका
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