पापा-बेटी दोनों एक ही घर में, फिर क्यों वीडियो कॉल से करनी पड़ रही बात ? पिता को सामने देख डर जाती है मासूम
Bijnor News बिजनौर में एक ढाई साल की बच्ची अपने पिता को पहचानने में दिक्कत महसूस कर रही है जो सऊदी अरब से लौटे हैं। बच्ची अपने पिता को वीडियो कॉल पर देखती थी और अब उन्हें सामने पाकर डर रही है। पिता उसे मनाने की कोशिश कर रहे हैं लेकिन बच्ची वीडियो कॉल पर ही बात कर रही है।

शेरकोट, संवाद सूत्र, जागरण (बिजनौर)। तकरीबन ढाई साल की एक बेटी प्यार के लिए अपने आभासी (virtual) पिता को तलाश कर रही है। पिता के सऊदी अरब से आने और प्रत्यक्ष रूप से बेटी के सामने खड़े होने पर वह उन्हें पहचान ही नहीं पा रही है, डर रही है। ये मामला क्षेत्र और सोशल मीडिया पर सुर्खियों में है।
बेटी के जन्म लेते ही सऊदी अरब चले गए थे आमिर
शेरकोट के मोहल्ला कायस्थान निवासी स्वर्गीय अब्दुल रउफ के पुत्र आमिर जमाल सऊदी अरब (Saudi Arabia) में स्टोर कीपर हैं। वह बेटी के जन्म लेते ही अरब चले गए थे। उनकी बेटी मिरहा थोड़ा बड़ी हुई तो मां अक्सर पिता से वीडियो कॉल पर बात करा देती थी।
मिरहा उनसे खूब हंसती-बोलती थी। दो सितंबर को आमिर के पिता का निधन हुआ तो आमिर घर लौटे। हैरत तब हुई जब आमिर की बेटी मिरहा अपने पिता के पास जाने को तैयार नहीं हुई। वह पिता के सामने आते ही उन्हें अजनबी समझ रही है, चीख-चीख कर रोने लगती है। उसे लगता है कि वीडियो काल पर बात करने वाले ही उसके पिता हैं। सामने खड़ा व्यक्ति कोई और है।
आमिर की बिटिया को मनाने की सभी तमाम कोशिशें फेल
आमिर के छोटे भाई आरिफ बताते हैं कि बड़े भाई के पीछे अक्सर वह ही मिरहा को अपने साथ लेकर घूमते रहे हैं। मिरहा आमिर के विदेश से आने के बाद अभी उनके पास जाने को तैयार नहीं है। आमिर पहले दिन के बारे में बताते हैं कि उस दिन मिरहा ने इतना परेशान किया कि वह उनकी मौजूदगी बर्दाश्त करने को ही तैयार नहीं थी। रात को सोने के लिए आमिर चुपके से कमरे में गए, लेकिन किसी तरह बेटी को इस बारे में पता चल गया। उसने रोना शुरू कर दिया। बाद में मिरहा चाचा के पास सोई। आमिर बेटी को मनाने की तमाम कोशिशें कर रहा है, पर वो एक नहीं सुनना चाहती।
वीडियो कॉल पर बात करने पर होती है खुश
आमिर बताते हैं कि उन्हें अपनी बेटी से बात करने के लिए घर में भी वीडियो कॉल (Video call) का सहारा लेना पड़ रहा है। वीडियो कॉल पर मिरहा सामान्य तौर पर बात कर रही है और खूब खुश रहती है। शायद उसे लगता है कि वीडियो कॉल पर बात करने वाले ही उसके पिता हैं।
यह है स्ट्रेंजर एन्जाइटी : डा. रवि राणा
मेरठ में प्रैक्टिस कर रहे वरिष्ठ मनोचिकित्सक डा. रवि राणा (Dr Ravi Rana)कहते हैं कि आमतौर पर बच्चा अजनबी लोगों से जल्दी घुलमिल नहीं पाता। इसे स्ट्रेंजर एन्जाइटी कहते हैं। इस मामले में भी बच्ची पिता को सामने देख अजनबी मान कर डर रही है। उन्हें वीडियो काल पर देखती आ रही है, इस कारण पहले की तरह बात करने लगती है। वैसे ऐसे अधिकतर मामलों में बच्चा कुछ समय बाद सामान्य हो जाता है, लेकिन दो सप्ताह से अधिक समय लगे तो मनोचिकित्सक से परामर्श लेना चाहिए।
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