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    Bijnor News: डॉल्फिन की गणना में दिख रहीं और जिंदगियां, वेटलैंड पर मगरमच्छ; गंगा की धारा में घड़ियालों का कब्जा

    By Jagran NewsEdited By: Abhishek Saxena
    Updated: Tue, 03 Oct 2023 09:52 AM (IST)

    Bijnor News डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम द्वारा गंगा में डॉल्फिन की गणना की जा रही है। पहले ही दिन कई जगह पर टीम को डॉल्फिन दिखीं दी हैं। टीम को गंगा में डॉल्फिन के साथ ही घडियाल भी दिखाई दिए हैं। घडियाल के अलावा गंगा के वेटलैंड क्षेत्र में मगरमच्छ की भी कोई कमी नहीं है। डॉल्फिन घडियाल और मगरमच्छ गंगा की जैव विविधता को और मजबूत कर रहे हैं।

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    वेटलैंड पर मगरमच्छों और गंगा की धारा में घड़ियालों का कब्जा

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। जिले में गंगा की धारा में घडियाल और वेटलैंड पर मगरमच्छों का कब्जा है। डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम को डॉल्फिन की गणना में काफी घडियाल भी दिख रहे हैं। इसके अलावा वेटलैंड और गांव के तालाबों में मगरमच्छ का कब्जा है। जिले की जैव विविधता शानदार बनी हुई है।

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    जिले को कई नदियों का वरदान मिला हुआ है। जलीय जीवों से नदी में जीवन का संचार होता है। मछलियों के अलावा गंगा में बाकी जीवों की भी कोई कमी नहीं है। 

    ये होता है अंतर

    घडियाल के मुकाबले मगरमच्छ का मुंह आगे से चौड़ा होता है। घडियाल का मुंह पतला और लंबा रहता है। घडियाल के मुंह पर आगे की ओर एक घड़े जैसी आकृति होती है। इसी वजह से इसे घडियाल कहा जाता है।

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    गंगा में छोड़े जाते हैं घडियाल

    डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम को गंगा में घडियाल दिखते रहते हैं। साल 2009 में गंगा में 788 और 2019 में 60 घडियाल दिखे थे। अब इनकी लंबाई साढ़े तीन मीटर तक हो गई है। घडियाल गंगा में विलुप्त से हो गए थे लेकिन मगरमच्छ ने खुद को परिस्थितियों के अनुसार ढाला। गंगा के वेटलैंड क्षेत्र के अलावा गांवों के आसपास तालाबों में भी मगरमच्छ दिखते रहते हैं।

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    दोनों को धूप पसंद

    घडियाल और मगरमच्छ में आकार के अलावा स्वभाव में भी अंतर होता है। मगरमच्छ रुके हुए पानी जैसे वेटलैंड और तालाब में रहते हैं जबकि मगरमच्छ तेज धारा में रहते हैं। हालांकि दोनों ही ठंडे खून के जीव होते हैं और ज्यादातर समय नदी के बाहर धूप सेंकने में ही बीता देते हैं।

    बिजनौर और आसपास के क्षेत्र में जलीय जीवों की बहुत शानदार और मजबूत जैव विविधता है। गंगा में सभी का स्वास्थ्य भी अच्छा लग रहा है। संजीव यादव, वरिष्ठ समंवयक डब्ल्यूडब्ल्यूएफ

    सभी नदियों में जलीय जीवों के संरक्षण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। जनता भी गंगा में डॉल्फिन को देखने के लिए आ रहे हैं। अरुण कुमार सिंह, डीएफओ 

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