Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    UP News: अगर इन तारीखों में शादी-बरात का है कार्यक्रम, तो बसों का कर लें खुद बंदोबस्त, नहीं मिलेगी सरकारी मदद, ये है कारण

    Updated: Sat, 23 Mar 2024 05:58 PM (IST)

    Lok Sabha Election Bus Duty 18 अप्रैल को अपने बूते शादी करें लाेग नहीं मिलेगी सरकारी मदद। जनपद में बसों की संख्या पूरी नहीं हाेगी। इस कमी को पूरी करने के लिए पड़ोसी जनपद अमरोहा से बसें मंगाई जाएगी। जिले की दो लोकसभा सीटों और मुरादाबाद सदर से जुड़ी बढ़ापुर विधानसभा सीट पर 19 अप्रैल को वोटिंग है। एक दिन पहले पोलिंग पार्टी रवाना होंगी।

    Hero Image
    Bijnor News: 18 और 19 अप्रैल को जबरदस्त सहालग है।

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। यदि 18 और 19 अप्रैल काे किसी परिवार में कोई शादी है, तो वह बारात और मेहमानों की आवाजाही के लिए वाहनाें की व्यवस्था स्वयं करनी हाेगी। इसके लिए उन्हें सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं मिलेगी। कारण जनपद की दो लोकसभा सीट और मुरादाबाद सदर से जुड़ी बढ़ापुर विधानसभा सीट पर 19 अप्रैल को मतदान होगा, जबकि 18 को मतदान कराने के लिए पोलिंग पार्टी रवाना होना है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    शादियों की ये हैं तारीखें

    18 और 19 अप्रैल को जबरदस्त सहालग है। जनपद के सभी शहरी और ग्रामीण क्षेत्राें में बड़े पैमाने पर वैवाहिक कार्यक्रम होंगे, लेकिन लोकसभा चुनाव के कारण इन दोनों में बारात और मेहमानाें की आवाजाही के लिए वाहनाें का मिलना नामुमकिन हाेगा और उन्हें सरकारी स्तर पर कोई मदद नहीं मिलेगी। ऐसी स्थिति में लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उधर जनपद में लोकसभा चुनाव की सभी तैयारी पूरी हो चुकी है।

    ये भी पढ़ेंः Banke Bihari Mandir: होली के बाद बदल जाएगा बांकेबिहारी के दर्शन का समय, आने से पहले जान लीजिए नई टाइमिंग

    मतदान के लिए जनपद में 3020 बूथ बनए गए है। 18 अप्रैल को इन बूथाें पर पोलिंग पार्टियां पहुंचाने की व्यवस्था की गई है। इन बूथों पर पोलिंग पार्टियां पहुंचाने के लिए 850 बसें की जरूरत पड़ेगी। वही जोनल, सेक्टर, स्टेटिक, सर्विलांस और पुलिस टीमों के लिए 1200 छोटी गाड़ियाें और मतदान सामग्री की ढुलाई काे 50 ट्रकों की जरूरत होगी।

    ये भी पढ़ेंः UP News: इस दिन बंद रहेंगी शराब-बीयर की दुकानें, डीएम ने दिए आदेश, ओवर रेटिंग या स्टॉक पर टीम की नजर

    जिला प्रशासन भी इस मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट करने को कोई तैयार नहीं है। चुनाव प्रक्रिया से प्रशासनिक अधिकारियों की मानें, ताे चुनाव पांच साल में एक बार आता है और चुनाव संपन्न कराना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।