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    बिजनौर में बाघों की गिनती के लिए शुरू किया गया ट्रांजिट सर्वे, 4 साल पहले दिखे थे 32 बाघ

    Updated: Tue, 16 Dec 2025 12:45 PM (IST)

    बिजनौर के अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों की गिनती के लिए ट्रांजिट सर्वे शुरू हो गया है। यह सर्वे बाघों की आबादी का अनुमान लगाने में मदद करेगा। चार साल ...और पढ़ें

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    प्रतीकात्मक तस्वीर

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में वन विभाग और वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फाउंडेशन की टीम ने बाघों की गणना के लिए ट्रांजिट सर्वे शुरू किया।

    सर्वे में बाघों की उपस्थिति देखी जाएगी। इसके बाद यहां पर ट्रैप कैमरे लगाए जाएंगे। ट्रैप कैमरों में आने वाले फोटो के आधार पर बाघों की गणना की जाएगी।

    अमानगढ़ टाइगर रिजर्व में बाघों का वर्चस्व है। वैसे तो यहां हाथी, गुलदार, हिरनों के झुंड भी हैं लेकिन बाघों को देखकर जो रोमांच आता है वह किसी अन्य वन्यजीव को देखकर नहीं।

    बाघों को संरक्षण देने के लिए अमानगढ़ में भी विशेष प्रयास किए जाते हैं। हर चार वर्ष बार राष्ट्रीय स्तर पर बाघों की गणना के लिए अभियान चलाया जाता है। बाघों की गणना ट्रैप कैमरे लगाकर होती है लेकिन इससे पहले ट्रांजिट सर्वे किया जाता है।

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    इसमें वन विभाग की टीम वन में घूमती है और बाघ के पंजों के निशानों को ट्रेस करती है। इसके बाद उसकी ज्यादा लोकेशन वाले स्थानों पर ट्रैप कैमरे लगाए जाते हैं। ट्रैप कैमरे लगभग दो माह तक लगे रहते हैं। उनमें खींचे गए बाघों के फोटो में उनकी बनावट, शरीर पर धारी आदि से गणना की जाती है।

    टींम

    ऐसे होता है काम

    बाघ और गुलदार अक्सर वन्यजीवों के चलने से बनी पगडंडी पर चलते हैं। इससे उनके पंजे सुरक्षित रहते हैं और घायल नहीं होते। इनकी गणना के लिए ट्रैप कैमरे पगडंडी के पास ही लगाए जाते हैं। इनकी ज्यादा लोकेशन का पता करने के लिए ट्रांजिट सर्वे किया जाता है।


    अमानगढ़ में ट्रांजिट सर्वे शुरू कर दिया गया है। विभाग की टीम इसमें लग गई है। ट्रांजिट सर्वे के बाद ट्रैप कैमरे वन में लगाए जाएंगे।

                                                                                  जय सिंह कुशवाहा, डीएफओ