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    UP Flood: बिजनौर में गंगा का जलस्तर बढ़ा, एक बार फिर रावली तटबंध की ओर होने लगा कटान, खतरे से बचाव को क्या है तैयारी

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 07:08 PM (IST)

    Bijnor News बिजनौर में गंगा का जलस्तर बढ़ने से रावली तटबंध पर कटान का खतरा बढ़ गया है। सिंचाई विभाग रिसाव रोकने के लिए प्रयास कर रहा है। अधिकारियों को सुरक्षात्मक कार्य कराने के निर्देश दिए गए हैं। लगातार निगरानी और मरम्मत कार्य जारी है और स्थायी समाधान के लिए परियोजना तैयार की जा रही है।

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    बिजनौर में तटबंध से कटान रोकने के प्रयास में जुटे कर्मचारी। जागरण

    संवाद सूत्र, जागरण, बेगावाला (बिजनौर)। गंगा का जलस्तर बढ़ने से पानी एक बार फिर से रावली तटबंध की ओर कटान कर रहा है। किनारे पर लगे मिट्टी के बोरों ने किसी प्रकार कटान का स्तर कम किया गया है। तटबंध पर दो स्थानों पर रिसाव की रोकथाम के लिए प्रयास किए जा रहे है। साथ ही कटान रोकने के लिए जेसीबी मशीनों की संख्या में भी वृद्धि की गई है और तटबंध निगरानी के लिए रात-दिन अधिकारी तैनात है। उनकी देखरेख में बचाव कार्य चल रहा है। 

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    रावली तटबंध के स्थायी निदान के लिए परियोजना तैयार की जा रही है। हालांकि तमाम प्रयास और मरम्मत कार्य के बाद भी गंगा दोनों छोर पर कटान कर रही है। गंगा का जलस्तर बढ़ने से अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ गई है। तटबंध पर मरम्मत कार्य पूरा हो गया है। उसके स्थाई समाधान की तैयारी की जा रही है। शुक्रवार रात से गंगा का जलस्तर अत्याधिक बढ़ गया है। पूर्व में बने तटबंध रिसाव होने वाले स्थान पर लगातार पानी का रिसाव बढ़ रहा था। जिससे तटबंध पर कटान होने का खतरा एक बार फिर बढ़ गया। 

    सिंचाई विभाग के अधिकारियों ने रात में ही रिसाव वाले स्थान पर मिट्टी के करीब पचास-पचास मीटर के दो कंर्फड बरम बनवाएं है। जिससे रिसाव होना बंद हो गया है। कंफर्ड बरम रिसाव वाले स्थान के लिए अच्छा साबित हुआ है। कंर्फड बरम बनाने में हाईवे निर्माण में प्रयोग होनी वाली जाली व प्लास्टिक की लेयर का प्रयोग किया गया है।

    कंर्फड बरम चार से पांच फिट ऊंचाई से बनाया गया है। तटबंध के बंधे पर चल रहे कटान को रोकने के लिए मुख्यालय से जिम्मेदारी मुख्य अभियंता पूर्वी गंगा मुरादाबाद शरद कुमार सिंह को सौंपी गई है। मुख्य अभियंता ने मुकेश कुमार अधिशासी अभियंता पूर्वी गंगा नहर निर्माण खंड 4 को तटबंध पर सुरक्षात्मक कार्य कराने के लिए निर्देशित किया है। तटबंध पर बल्ला ब्रेसिंग, बंबू क्रेट, नाइलान क्रेट आदि कार्य कर पांच दिन में तटबंध को सुरक्षित कर लिया गया है।