आत्महत्या करने वाले नायब तहसीलदार के माता-पिता का विलाप, बेसुध पत्नी और अनहोनी से अनजान बेटी को देख हर आंख हुई नम
Bijnor News बिजनौर सदर तहसील में नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी ने बुधवार को अपने सरकारी आवास में लाइसेंसी पिस्टल से खुद को गोली मार ली। उनकी मौत हो गई। इसके बाद परिवार में कोहराम मच गया। माता-पिता का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा था। पत्नी बेसुध हो गईं। नायब तहसीलदार सुबह प्रयागराज से लौटे थे।

जागरण संवाददाता, बिजनौर। नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी की मौत की बाद स्वजन में कोहराम मच गया। माता-पिता बिलखते-बिखलते आपा खो रहे थे। पिता रोते हुए राजकुमार की बेसुध पत्नी को संभाल रहे थे। कह रहे थे कि 'तू उसका चेहरा बिना देखे खाना नहीं खाती थी। अब किसे गले लगाएगी।' इकलौती संतान के जाने के बाद माता-पिता का हाल देखकर हर किसी का दिल पसीज गया। पत्नी कुछ नहीं बोल पा रही थी। छोटी बेटी घटना से अनजान है। उसे पता भी नहीं कि उसके पापा इस दुनिया में नहीं रहे हैं।
2014 में हुई थी शादी
जिला बागपत के गांव नागल निवासी राजकुमार चौधरी की शादी 2014 में शामली के गांव खानपुर बुटराडा निवासी आंचल पुत्री बिजेंद्र से हुई थी। वह पहले दिल्ली पुलिस में सिपाही के पद पर थे। 2014 रजिस्ट्रार कानूनगो के पद पर भर्ती हुए। सिपाही की नौकरी छोड़ दी। 2022 में नायब तहसीलदार बनने के बाद परिवार के साथ आफिसर कालोनी में रह रहे थे। उनकी दस साल की बेटी सिया और डेढ़ साल की शाबी हैं। सिया सेंट मैरी स्कूल में कक्षा नौं में पढ़ती है।
बेटे के पास गांव से आए हुए थे माता-पिता
माता संतोष देवी और पिता कुंवरपाल गांव में रहते हैं। इस समय वह बेटे राजकुमार के पास आए हुए थे। पिता चार दिन पहले ही आए थे, जबकि मां पहले से ही थी। सुबह करीब दस बजे राजकुमार प्रयागराज से लौटें। बाहर खड़े पिता से बातचीत की। इसके बाद वह कमरे में चले गए। पत्नी खाना बनाने के लिए रसोई में चली गई। मां आंगन में बैठी थीं।
अचानक गोली चली और पूरा मंजर बदल गया
अचानक गोली चली तो पूरा मंजर बदल गया। मां-बाप में चीख-पुकार मच गई। अस्पताल में बदहावस मां-बाप को एसडीएम सदर रितु रानी ने संभाला। मां संतोष हो को संभालते हुए पिता कुंवरपाल के आंसू निकल पड़े। दहाड़ मारकर रोते हुए कहा कि अब तू किसका चेहरा देखकर खाना खाएगी। हमारा लाल चला गया है। परिवार उजड़ गया है। अब किसे गले लाएंगी और कौन हमारा हाल-चाल पूछेगा। महिला अधिकारियों ने मां संतोष को ढांढस बंधाया।
नहीं बोल पा रही हैं पत्नी
पत्नी आंचल गहरे सदमे में हैं। घटना के बाद से वह कुछ नहीं बोल पा रही हैं। गुमसुम बिस्तर पर बैठी हुई हैं। अधिकारियों ने बात करनी चाहिए, लेकिन वह कुछ नहीं बोल पाईं। घटना के बाद बड़ी बेटी को स्कूल से बुला लिया गया। दोनों बेटी को आफिसर कालोनी के अन्य अधिकारी के आवास पर बैठा दिया गया। छोटी बेटी अनहोनी से पूरी तरह अनजान थी।
आवास से ले जाते हुए वीडियो वायरल
गोली लगने के बाद रक्तरंजित राजकुमार को उठाकर गाड़ी में ले जाते हुए वीडियो इंटरनेट मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में चेहरे और कनपटी पर खून है।
अरे, ऐसा कैसे हो गया, इसकी तो उम्मीद ही नहीं थी...
नायब तहसीलदार की मौत की जानकारी बुधवार की सुबह जिसे भी मिली वहीं अवाक रह गया। उनके जानने वाले बताते हैं कि नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी जिंदा दिल इंसान थे और कभी उन्हें तनाव में नहीं देखा था। घटना के बाद अस्पताल से लेकर पोस्टमार्टम हाउस तक यहीं चर्चा अधिकारियों और सहकर्मियों में रही कि अचानक ऐसा क्या हुआ होगा, कि इस तरह का कदम उठाना पड़ा।
32 बोर की गोली से हुई मौत, आई पोस्टमार्टम रिपोर्ट
नायब तहसीलदार राजकुमार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट बुधवार की शाम चिकित्सकों ने अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत कर दी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सामने आया कि गोली लगने से ही हेड इंजरी हुई, जोकि उनकी मौत का कारण बनी। पोस्टमार्टम में सामने आया कि नायब तहसीलदार को 32 बोर की गोली लगी थी और सिर के आरपार हो गई।
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प्रकरण में डीएम जसजीत कौर ने बताया कि पुलिस प्रकरण की जांच कर रही है। अभी तक जांच में कुछ व्यक्तिगत विवाद होना ही सामने आ रहा है। दो-तीन दिन में पुलिस जांच में सब साफ हो जाएगा।
नायब तहसीलदार की मौत से गांव नागल में हर कोई स्तब्ध
संवाद सूत्र, छपरौली (बागपत)। बिजनौर सदर तहसील में नायब तहसीलदार राजकुमार चौधरी के आत्महत्या करने की सूचना मिलते ही परिवार में कोहराम मच गया। गांव नागल में शोक की लहर दौड़ गई। देखते ही देखते उनके घर सांत्वना देने वालों का तांता लग गया। राजकुमार अपने पिता की इकलौती संतान थे।
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