हादसों पर नहीं लग रही लगाम, क्योंकि धरातल पर नहीं हैं इंतजाम, बिजनौर में पिछले माह गई 36 लोगों की जान
Bijnor News बिजनौर में सड़कों पर गड्ढे और तेज रफ्तार वाहनों से दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं। पिछले महीने 52 हादसों में 36 लोगों की जान चली गई। इस साल 281 मौतें हो चुकी हैं। प्रशासन के दावों के बावजूद स्थिति में सुधार नहीं है क्योंकि सड़कों की हालत खस्ता है और चेतावनी बोर्ड भी नहीं हैं।

जागरण संवाददाता, बिजनौर। सड़कें खून से लाल हो रही हैं। आए दिन दुर्घटनाओं में जान जा रही हैं। सड़कों पर गड्ढे और वाहनों की तेज रफ्तार हादसों की वजह बन रहे हैं। पुलिस-प्रशासन व परिवहन विभाग के तमाम दावें खोखले साबित हो रहे हैं। इस साल 281 मौतें सड़क हादसों में हो चुकी है, जबकि अगस्त माह में 36 से अधिक जान सड़क दुर्घटनाओं में गई हैं।
हादसे नहीं ये हैं व्यवस्था की कमजोरी
बुधवार रात चक्कर रोड पर लापरवाही से वाहन चलाने से मां-बेटे की मौत हो गई, जबकि पति गंभीर है। एक हादसा नहीं हैं। व्यवस्था की कमजोरी और पर्याप्त प्रबंध नहीं होने की वजह से रोजाना हादसे हो रहे हैं। साल दर साल हादसों में मौत के आंकड़ें बढ़ते ही जा रहे हैं।
इस साल अगस्त माह तक 433 सड़क दुर्घटनाओं में 281 लोग जान गंवा चुके हैं। 400 से अधिक जख्मी हो गए हैं। कितने ही घरों के चिराग बुझ गए हैं। मांओं की मांग सूनी हो गई है। हालांकि, हादसों को रोकने लिए तमाम दावें किए जाते हैं, लेकिन धरातल पर असर नहीं दिखाई देता है। दुर्घटनाओं की बड़ी वजह सड़कों के गड्ढे, उनकी खराब संरचना और बचाव के ठोस उपाय नहीं होना है।
वाहनों की तीव्र रफ्तार और सड़कों पर चेतावनी बोर्ड भी हादसे की वजह बन रहे हैं। पिछले दिनों गंज के पास सास-बहू की सड़क दुर्घटना में मौत हुई थी। इसी वजह सड़क पर तीव्र मोड रहा है। मोड पर अचानक कार ट्रक के नीचे आ गई थी। जिस वजह से यह हादसा हुआ। लोक निर्माण विभाग ने भी सड़कों पर बने दुर्घटना जोन पर उपाय किया नहीं किया है। एएसपी सिटी संजीव बाजपेई ने बताया कि हादसों को रोकने के लिए वाहनों की चेकिंग की जा रही है। लोगों को जागरूक किया जा रहा है। लोगों से अपील है कि वाहनों को सावधानी पूर्व चलाएं
साल : 2025
हादसे : 433
मौतें : 281
घायल : 400
अगस्त माह में हादसे
हादसे : 52
मौतें : 36
घायल : 37
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