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    बिजनौर का तटबंध बचाने को 400 मजदूरों ने किया दिन-रात काम, ग्रामीणों ने किया सहयोग, मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने सराहा

    Updated: Fri, 12 Sep 2025 08:58 PM (IST)

    Bijnor News बिजनौर में रावली तटबंध की मरम्मत का निरीक्षण करने पहुंचे कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने तटबंध को बचाने वाले श्रमिकों और ग्रामीणों की सराहना की। डीएम जसजीत कौर ने बताया कि गंगा नदी द्वारा कटान शुरू करने के बाद सिंचाई विभाग ने तुरंत कार्रवाई की। 400 श्रमिकों ने कार्य किया।

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    बिजनौर में तटबंध पर निरीक्षण के दौरान कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह को जानकारी देते अधिकारी। जागरण

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। शुक्रवार को रावली तटबंध की मरम्मत कार्य के निरीक्षण के लिए पहुंचे कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने तटबंध को बचाने वाले श्रमिक और ग्रामीणों की खूब प्रशंसा की। मंत्री ने कहा कि श्रमिकों और किनारे बसे गांवों के ग्रामीणों के श्रम के कारण ही तटबंध टूटने से बचा। तटबंध की मरम्मत कार्य में 400 श्रमिकों ने रात-दिन श्रम किया। साथ ही 40 डंपर और 60 टैक्टरों को मिट्टी भराव में लगाया गया।

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    तटबंध के निरीक्षण के दौरान मंत्री स्वतंत्र देव सिंह ने कहा कि डीएम जसजीत कौर, जिला प्रशासन, आपदा प्रबंधन विभाग, एनएचएआई, स्थानीय जनमानस, पीडब्ल्यूडी, खनन विभाग, वन विभाग, सिंचाई विभाग आदि के अधिकारियों ने मिलकर दिन-रात कार्य किया है। जिस कारण तटबंध को बाढ़ में बचाया। यह बहुत सराहनीय है और सभी बधाई के पात्र है।

    इस दौरान डीएम जसजीत कौर ने बताया कि सात सितंबर को गंगा नदी द्वारा अपना मार्ग परिवर्तित करते हुए लगभग 500 मीटर बायीं ओर तटबंध के 6.400 से 6.900 किमी के मध्य कटान शुरू कर दिया था। जिससे मध्य गंगा वैराज के तटबंध के टूटने ने की आशंका तथा जनपद बिजनौर के आबादी क्षेत्र के लगभग 25 ग्रामों में बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया था।

    जिसके बाद सिंचाई विभाग द्वारा तत्काल बाए तटबंध की सुरक्षा के लिए युद्धस्तर पर कार्य आरम्भ किया गया। तत्काल छह पोकलेन, सात जेसीबी, तीन डोजर, 40 डंपर और 60 ट्रैक्टरों के साथ 400 श्रमिकों को लगाया गया। तटबंध के कटने की आशंका को मिट्टी बैंक में मिट्टी भराव का कार्य प्रारम्भ कराया गया। इस दौरान ईसी बैग, जियो बैग, नायलान केट, बोल्डर, वायर केट, बल्ला स्टड व पाईलिंग एवं परकूपाईन आदि का प्रयोग किया गया। यहीं कारण रहा कि रात-दिन कार्य किए जाने से तटबंध को बचा लिया गया।