गजब का हुनर! बिजनौर के जुनैद सैफी ने लकड़ी से बना दी साइकिल और गिटार, बाजार में मची धूम; निर्यातकों के आने लगे ऑर्डर
अगर मन में कुछ अलग करने की इच्छा और दृढ़विश्वास हो तो एक न एक दिन कामयाबी जरूर मिलती है। इस कथन को बिजनौर के युवक ने सच करके दिखा दिया। जुनैद के घर में काष्ठकला का पुश्तैनी काम होता है। वे उद्यमियों के आर्डर पर सजावटी आइटम बनाते हैं। लॉकडाउन में काम ठप पड़ने से उसने इसे एक अलग दिशा दे दी। अब निर्तायकों के ऑर्डर की ढेर है।

जागरण संवाददाता, बिजनाैर। काफी युवा पुश्तैनी काम करते हैं। इनमें से कुछ ऐसे होते हैं जो पुराने काम को आगे बढ़ाते हैं और कुछ उसमें नयापन लगाकर काम को ऊंचाई पर ले जाते हैं। जुनैद सैफी ने भी ऐसी ही पहल की। लकड़ी की साइकिल बनाई और सजावट के दूसरे आइटम भी।
बिजनौर के काष्ठकला में ये एकदम नया काम था। जुनैद के बनाए इन आइटम की डिमांड आने लगी है। निर्यातक भी इन्हें खरीदने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं।
जलीलपुर ब्लाक के गांव धींवरपुरा निवासी जुनैद सैफी के घर में काष्ठकला का पुश्तैनी काम होता है। वे उद्यमियों के आर्डर पर सजावटी आइटम बनाते हैं।
लॉकडाउन में काम बंद होने के बाद कुछ नया करने को ठानी
लॉकडाउन के दौरान काम के आर्डर मिलने बंद हो गए तो जुनैद ने कुछ नया करने की सोची। उसने इंटरनेट मीडिया पर उसने विदेशी लोगों को लकड़ी के साइकिल व अन्य सुंदर सजावटी आइटम बनाते हुए देखा था। जुनैद ने यहां पर भी लकड़ी की साइकिल बनाने का सोचा लेकिन घर में या गांव में किसी ने ऐसा नहीं सोचा था।
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इंटरनेट से सीखा था साइकिल बनाने का काम
पिछले साल जुनैद ने साइकिल आदि बनाने का काम इंटरनेट मीडिया से ही सीखा और लग गया। उसने घर में पड़ी शीशम की मजबूत लकड़ी ढूंढ़ी और उन्हें तराशकर साइकिल के फैंसी डंडे बनाए। फिर साइकिल के टायर बनाए और उन पर रबड़ के टायर चढ़ाए।
इसके साथ ही लकड़ी की चेन वाली बड़ी घड़ी, गिटार आदि सामान भी बनाया। काष्ठकला उद्यमियों को जुनैद का ये माल पसंद आया है और उसे आर्डर भी मिलने लगे हैं। वह शीशम और पाइन की लकड़ी से आइटम बना रहा है।
अब बुलट पर चल रहा काम
जुनैद की बनाई चेन वाली बड़ी घड़ी को देखकर एक गुरुद्वारा समिति के लोगों ने भी उससे संपर्क किया और एक घड़ी बनवाकर गुरुद्वारे में लगाई। उसकी बनाई साइकिल सड़क पर आराम से चल रही है। उसमें चेन लोहे की ही है। अब वह बुलट पर काम कर रहा है।
जुनैद जैसे युवा काष्ठकला कारीगरों की कला को और निखारने का प्रयास किया जा रहा है। उसके बनाए आइटम को खरीदार पसंद कर रहे हैं।
-अमित कुमार, उपायुक्त उद्योग
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