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    चार वर्षीय गायत्री को जबड़े में दबोचा तो मां-भाई टूट पड़े गुलदार पर...अंतत: साहस जीता और गुलदार भाग निकला

    Updated: Sun, 21 Sep 2025 05:45 PM (IST)

    Bijnor News बिजनौर के भगौता गांव में गुलदार ने एक चार वर्षीय बालिका पर हमला कर दिया जिससे वह घायल हो गई। बच्ची अपनी माँ और भाई के साथ रामलीला देखने जा रही थी तभी यह घटना घटी। परिजनों ने साहस दिखाते हुए गुलदार से बच्ची को बचाया। ग्रामीणों ने वन विभाग से गुलदार को पकड़ने की मांग की है।

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    हिम्मत की जीत हुई और गुलदार बालिका को छोड़कर भाग गया। प्रतीकात्मक फोटो

    संवाद सूत्र, जागरण. हरेवली (बिजनौर) : गुलदार के आतंक में सांस ले रहे बिजनौर में जान बचाने के लिए लोग अब न वन विभाग के भरोसे बैठेंगे और न ही जंगली जीवों से डरकर स्वयं घर में कैद रहेंगे। रामलीला देखने जा रहे परिवार की चार वर्षीय बेटी गायत्री रानी को गुलदार ने जबड़े में दबोच लिया तो मां और भाई गुलदार पर टूट पड़े। हिम्मत की जीत हुई और गुलदार बालिका को छोड़कर भाग गया। बालिका की जान बच गई और मां और उसके भाई के साहस ने लोगों को आत्मरक्षा का संदेश भी दिया।

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    घायल बालिका को अस्पताल में भर्ती कराया गया। बिजनौर ऐसा जिला है जहां खेतों, नालों एवं ढलान के क्षेत्रों में गुलदार मौत बनकर घूमता है। पिछले 27 माह में गुलदारों के हमले में 35 लोगों की जान जा चुकी है। वन विभाग पिंजरा लगाकर खतरनाक गुलदारों को पकड़ने का आश्वासन देता रहा, लोग जान गंवाते गए लेकिन इन गुलदारों के खतरनाक पंजों से बचने के लिए स्वयं का साहस भी बढ़ाना होगा। इसकी एक नजीर गांव भगौता की रीना, उसके 17 साल के पुत्र भूरे ने दी। जब रात में रामलीला देखने जाने के दौरान गुलदार ने रीना की चार साल की बेटी को खेत से निकलकर पकड़ लिया। रीना व भूरे गुलदार से भिड़ गए तथा बालिका को चंगुल से छुड़ा लिया।

    शोर सुनकर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने लाठी-डंडों से गुलदार को जंगल की ओर खदेड़ दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग के अफसरों से पिंजरा लगाकर गुलदार को पकड़ने की मांग की है। इस संबंध में वन दारोगा सुनील राजौरा ने बताया कि गुलदार को पकड़ने के लिए शीघ्र पिंजरा लगाया जाएगा।