Bhadohi News: 20 लाख की आबादी मात्र एक ENT डॉक्टर, बीमार होने पर प्रयागराज-वाराणसी के चक्कर लगाते हैं मरीज
भदोही जिले में नाक कान और गले के विशेषज्ञ डॉक्टरों की भारी कमी है। लगभग 18 से 20 लाख की आबादी के लिए सिर्फ एक ENT डॉक्टर है। सरकारी अस्पतालों में भी विशेषज्ञों की कमी के कारण मरीजों को इलाज के लिए वाराणसी और प्रयागराज जाना पड़ता है जिससे उन्हें अतिरिक्त खर्च और समय की बर्बादी का सामना करना पड़ता है। शासन को रिक्त पदों की सूचना दी गई है।

जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही)। नाक, कान व गला को लेकर बेहद सतर्क रहें ताकि किसी तरह की दिक्कत न आने पाए। किसी तरह की समस्या आती है तो फिर प्रयागराज व वाराणसी इलाज के लिए जाना पड़ सकता है। कारण यह कि जिले की 18 से 20 लाख की आबादी में ईएनटी (नाक कान व गला) के डॉक्टर नहीं हैं।
एकमात्र ईएनटी डॉक्टर के भरोसे पूरा जिला हैं। उपचार कराने में मरीज को कठिनाई होती है। जिले के तीन बड़े अस्पतालों में केवल भदोही एमबीएस में ईएनटी डाक्टर की तैनाती है। वहीं 140 पंजीकृत प्राइवेट अस्पताल है, यहां गिने चुने अस्पताल में ईएनटी बैठते हैं।
शासन की ओर से प्रत्येक व्यक्ति को बेहतर उपचार सुविधा हासिल हो, इसे लेकर तमाम प्रयास चल रहें हैं। गंभीर बीमारियों में भी लोगों का उपचार हो सके, इसलिए आयुष्मान भारत कार्ड बनाया जा रहा है। कार्ड से पांच लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार होता है।
नाक, कान व गला रोग से संबंधी समस्या के उपचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सक का संकट है। जिला अस्पताल, सरपतहां स्थित सौ शैय्या अस्पताल में ईएनटी के चिकित्सक नहीं है, जबकि भदोही स्थित महराजा बलवंत सिंह राजकीय अस्पताल में एक डाक्टर की तैनाती है।
जिला अस्पताल ज्ञानपुर सौ शैय्या अस्पताल है, यहां ईएनटी के दो पद सृजित हैं लेकिन तैनाती एक की भी नहीं है। ऐसे में मरीजों को समुचित उपचार के लिए वाराणसी, प्रयागराज का रुख करना पड़ता है। इससे अतिरिक्त खर्च के साथ समय की बर्बादी भी होती है।
सीएमएस डॉ. सुनील पासवान ने बताया कि यहां दो पद सृजित हैं लेकिन एक भी ईएनटी की तैनाती नहीं है। सीएमओ डा. एसके चक ने बताया कि अस्पतालों में रिक्त पदों की सूचना शासन को दी गई है। चिकित्सक की तैनाती शासन स्तर से ही होनी है।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।