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    Kharmas 2025: इस तारीख को खत्म होगा खरमास, मकर राशि में प्रवेश करेंगे भगवान भास्कर; शुरू होंगे शुभ कार्य

    Updated: Sun, 12 Jan 2025 03:32 PM (IST)

    मकर संक्रांति और खिचड़ी का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा। इस दिन लोग गंगा में डुबकी लगाएंगे और खिचड़ी खाएंगे। इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ लगा है इसलिए अमृत स्नान भी होगा। बुधादित्य योग के अद्भुत संयोग में महाकुंभ का श्रीगणेश होगा। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व 13 जनवरी को है। इसके साथ संत व गृहस्थ संगम की रेती पर कल्पवास का संकल्प लेंगे।

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    Kharmas 2025 last date: कब खत्म होगा खरमास?

    संवाद सूत्र, लालानगर (भदोही)। भारतीय संस्कृति के सनातन धर्म में भगवान सूर्य की आराधना का विशेष पर्व अपनी अपनी रीति रिवाज के अनुसार मनाने की धार्मिक व पौराणिक परंपरा है। डुहिया भावसिंहपुर निवासी आचार्य पं. दीनानाथ शुक्ल ने बताया कि काशी से प्रकाशित श्री महावीर पंचांग के अनुसार मकर संक्रांति का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा।

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    बताया कि 14 जनवरी मंगलवार को भगवान भास्कर मकर राशि में दिन 2.59 बजे से प्रवेश कर जाएंगे। इसी के साथ खरमास समाप्त हो जाएगा। साथ ही मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। विवाह, वधू प्रवेश, दोंग, गृहारंभ, गृह प्रवेश, मुडंन, दीक्षा आदि शुभ कार्यों के लिए बाधित मुहूर्त अविमुक्त हो जायेंगे।

    14 जनवरी मकर संक्रांति व खिचड़ी का का पर्व है। इस दिन लोग गंगा में डुबकी लगाएंगे। इसका पुण्यकाल दिन भर रहेगा। खिचड़ी खाने- खिलाने व स्नान -दान के लिए यह पर्व प्रमुख है। सर्वत्र गंगा में स्नान करना चाहिये। इस वर्ष प्रयागराज में महाकुंभ लगा है। अत: अमृत स्नान भी होगा।

    बुधादित्य योग के अद्भुत संयोग में महाकुंभ का श्रीगणेश

    ज्योतिष गणना में राशियों का संयोग और योग काफी महत्वपूर्ण होता है। इसी तरह महाकुंभ का भी अद्भुत संयोग में श्रीगणेश होगा। अभिव्यक्ति, जप-तप, यज्ञ-अनुष्ठान के महापर्व महाकुंभ का शुभारंभ बुधादित्य योग के अद्भुत संयोग में होगा। पौष पूर्णिमा स्नान पर्व 13 जनवरी सोमवार को है। इसके साथ संत व गृहस्थ संगम की रेती पर कल्पवास का संकल्प लेंगे।

    सकल कामना सिद्ध करने, जनकल्याण व राष्ट्र अभ्युदय के लिए यज्ञ-अनुष्ठान आरंभ हो जाएगा। देश-विदेश के संत व श्रद्धालु गंगा, यमुना व अदृश्य सरस्वती की त्रिवेणी (संगम) के पवित्र जल में डुबकी लगाकर भजन-पूजन में रम जाएंगे। महाकुंभ के स्नान पर्वों पर ग्रह-नक्षत्रों का अद्भुत संयोग है। पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, वसंत पंचमी स्नान पर्वों पर विशेष संयोग बन रहा है।

    धर्माचार्यों का मत है कि महोदय योग से अमृत संयोग बनेगा, जो श्रद्धालु संगम के पवित्र जल में स्नान करके यथासंभव दान करेंगे उन्हें मनोवांछित फल की प्राप्ति होगी। ज्योर्तिर्विद आचार्य आचार्य देवेंद्र प्रसाद त्रिपाठी के अनुसार 13 जनवरी की सुबह 10:35 बजे से पुष्य नक्षत्र लग जाएगा। धनु राशि में सूर्य और बुध का संचरण करने से बुधादित्य योग बन रहा है। बुधादित्य योग बनने से धर्म-कर्म सहित समस्त मांगलिक कार्य निर्विघ्न होंगे।

    पाराशर ज्योतिष संस्थान के निदेशक आचार्य विद्याकांत पांडेय के अनुसार महाकुंभ मेला के प्रमुख स्नान पर्व पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि हैं। स्नान पर्व पर अलग-अलग राशियों पर कई ग्रहों का संचरण होगा। इससे स्नान पर्व का पुण्य कई गुना बढ़ गया है। धर्म सिंधु, निर्णय सिंधु में वर्णित है कि किसी राशि में एक से अधिक ग्रह एकत्र होते हैं तो पुण्यकारी होता है।

    29 जनवरी को माघ कृष्णपक्ष की अमावस्या तिथि है, जिसे मौनी अमावस्या कहा जाता है। अमावस्या तिथि 28 जनवरी की शाम 7:10 बजे लगकर 29 जनवरी को शाम 6:27 बजे तक रहेगी। इसमें मकर राशि में सूर्य, चंद्र व बुध संचरण करेंगे। वहीं, वृष राशि में वृहस्पति रहेंगे, इससे अमृत योग बनेगा। वहीं, सुबह 8:40 से श्रवण नक्षत्र लग जाएगा। यह अत्यंत कल्याणकारी है।

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