बस्ती जिले में डिजिटलाइज्ड का कार्य 75 प्रतिशत पूरा, मैपिंग में हैं अभी पीछे
बस्ती जिले में एसआईआर अभियान के तहत डिजिटलीकरण का 75% कार्य पूरा हो गया है, लेकिन मैपिंग में अभी भी कमी है। जिलाधिकारी ने अधिकारियों को मैपिंग कार्य म ...और पढ़ें

विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान को पूरा करने के लिए देर शाम तक चला अभियान। सांकेतिक तस्वीर
जागरण संवाददाता, बस्ती। एसआइआर यानी विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान में बस्ती जनपद में करीब 75 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि मैंपिंग में स्थिति पीछे है। इसे लेकर जिलाधिकारी कृत्तिका ज्योत्स्ना ने सभी विभागों के उच्चाधिकारियों के साथ देर शाम बैठक की और कहा कि डिजिटलाइजेशन के साथ मैपिंग के कार्य में भी तेजी लाएं, जिन मतदाताओं का एसआइआर भरते समय मैपिंग नहीं हो पाया है, उन गणना पत्रों की छंटाई करके उनका संशोधन किया जाए। श्रेणी परिवर्तित करते हुए इनका मैपिंग किया जाए।
साफ्टवेयर अपडेट हाेने के बाद दो दिन से अभियान में तेजी दिखने लगी है। सदर विधान सभा क्षेत्र में सबसे खराब प्रदर्शन को लेकर अधिकारी भी माथा-पच्ची कर रहे हैं।जिन्होंने गणना पत्र लेकर बीएलओ को जमा नहीं किया है, उनके लिए कहा गया है कि इस कार्य में प्राथमिकता दें। निर्वाचन आयोग से समय सीमा बढ़ने से पहले वर्ष 2003 की सूची का वर्ष 2025 की मतदाता सूची से मिलान करने पर असुविधा होती थी।
सूची में नाम होने के बाद भी मतदाताओं के नाम दिख नहीं रहा था, जिससे मैंपिग नहीं हो पा रही थी। लेकिन अब साफ्टवेयर ठीक से काम करने लगा है। जिनका मैपिंग नहीं हो पाया था, वह अब बीएलओ करने लगे हैं। सदर विधान सभा क्षेत्र के शहरी हिस्से में निरीक्षण पर निकले मुख्य राजस्व अधिकारी कृति प्रकाश भारती ने बताया कि बीएलओ द्वारा यह शिकायत मिल रही है कि कुछ गणमान्य नागरिक प्रपत्र वापस नहीं लौटाए हैं।
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आम जनमानस से कहा कि बीएलओ को सहयोग देंगे, जिससे समय से जिले का लक्ष्य पूरा हो जाए। निरीक्षण के दौरान एसडीएम राजेश यादव, नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारी अंगद कुमार भी मौजूद रहे। इसी क्रम में एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान ने सदर एसडीएम शत्रुध्न पाठक के साथ क्षेत्र का भ्रमण किया और संबंधित बीएलओ को आवश्यक निर्देश दिए।
समीक्षा में यह बात सामने आई कि महादेवा विधान सभा क्षेत्र में 75.34 प्रतिशत कार्य पूरा हुआ है, जिसमें 52 प्रतिशत मैपिंग का कार्य अधूरा रह गया है। ऐसी स्थित अन्य तहसीलों में भी है। इसके लिए शिक्षकों की ड्यूटी लगाकर बिना मैपिंग वाले गणना पत्रों की छंटाई का कार्य कराया जा रहा है।

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