UP News: वाराणसी में वकीलों पर मुकदमा दर्ज होने का विरोध, सड़क पर उतरे बस्ती के अधिवक्ता
वाराणसी में वकीलों पर मुकदमा दर्ज होने के विरोध में बस्ती के वकीलों ने प्रदर्शन किया। संयुक्त बार बस्ती के आह्वान पर अधिवक्ता जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए और सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। वकीलों ने वाराणसी के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपा और चेतावनी दी कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो आंदोलन तेज किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, बस्ती। वाराणसी में साथी अधिवक्ताओं पर मुकदमा दर्ज किए जाने के विरोध में बस्ती के वकीलों ने भी अपना विरोध दर्ज कराया। शनिवार व को संयुक्त बार बस्ती के आह्वान पर जिला मुख्यालय पर बड़ी संख्या में अधिवक्ता एकत्रित हुए और उन्होंने सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। वकीलों ने वाराणसी के पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए एक ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
क्या है पूरा मामला
यह पूरा मामला वाराणसी में वकीलों पर जबरन दर्ज किए गए मुकदमे से जुड़ा है। वाराणसी में पुलिस ने एक वकील के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज किया था, जिसके विरोध में वकीलों ने प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने बल प्रयोग किया और कई अधिवक्ताओं पर लाठीचार्ज भी किया। इसके बाद कुछ वकीलों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया गया। इस घटना से पूरे प्रदेश के वकीलों में आक्रोश है।
बस्ती में भी वकीलों का प्रदर्शन
वाराणसी की घटना की सूचना मिलते ही जनपद के अधिवक्ता भी आक्रोशित हो गए। संयुक्त अधिवक्ता संघ के बैनर तले सभी वकील जिला मुख्यालय पर एकत्रित हुए। उन्होंने पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारे लगाए और मांग की कि वाराणसी के दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जाए। वकीलों ने कहा कि पुलिस का यह रवैया निंदनीय है और वे इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे।
अधिवक्ताओं की मांग
प्रदर्शन के बाद अधिवक्ताओं के एक प्रतिनिधिमंडल सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अजय सिंह व महासचिव मारुत कुमार शुक्ला के नेतृत्व में सड़क पर प्रदर्शन कर ज्ञापन सौंपा।
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ज्ञापन में निम्नलिखित मांगें रखी गईं
- वाराणसी में वकीलों पर दर्ज किए गए सभी मुकदमे तत्काल वापस लिए जाएं।
- लाठीचार्ज के लिए दोषी पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए।
- वकीलों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए और उनके साथ सम्मानजनक व्यवहार किया जाए।
- पुलिस प्रशासन के मनमाने रवैये पर रोक लगाई जाए।
- अधिवक्ताओं ने चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगें जल्द पूरी नहीं की गईं, तो वे अपना आंदोलन और तेज करेंगे।
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