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    पूर्व मंत्री अमरमणि मामले में गलत रिपोर्ट देने पर फंसे कोतवाल, MP-MLA कोर्ट ने अवमानना का वाद दर्ज करने का दिया आदेश

    By Jagran NewsEdited By: Pragati Chand
    Updated: Fri, 17 Nov 2023 10:23 AM (IST)

    Amarmani Tripath पूर्व मंत्री अमरमणि मामले में कुर्की के उद्घोषणा नोटिस में एमपी- एमएलए कोर्ट की जगह सीजेएम कोर्ट का उल्लेख कर भ्रामक रिपोर्ट देने पर कोतवाल के खिलाफ कोर्ट ने अवमानना का वाद दर्ज करने का आदेश दिया है। नोटिस में मुकदमा सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन होने की बात लिखी गई थी जबकि मामला एमपी- एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है।

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    अमरमणि मामले में गलत रिपोर्ट देने पर कोतवाल फंसे। (फाइल फोटो)

    जागरण संवाददाता, बस्ती। अपहरण के मामले में पूर्व मंत्री अमरमणि त्रिपाठी के घर चस्पा कुर्की के नोटिस में गलत कोर्ट का उल्लेख कर भ्रामक रिपोर्ट देने पर न्यायालय ने कोतवाल के विरुद्ध अवमानना का वाद दर्ज करने का आदेश दिया है। कोतवाली पुलिस ने कुर्की के उद्घोषणा नोटिस में मुकदमा सीजेएम कोर्ट में विचाराधीन होने की बात लिखी थी जबकि मामला एमपी-एमएलए कोर्ट में विचाराधीन है। अपहरण मामले में अगली तारीख दो दिसंबर तय है। यदि इस तारीख पर अमरमणि हाजिर नहीं होते तो कुर्की की कार्यवाही का आदेश होने की संभावना है। न्यायालय ने इसी से संबंधित दूसरी पत्रावली में आरोप तय कर 14 दिसंबर की तारीख लगाई है।

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    यह है पूरा मामला

    छह दिसंबर 2001 को धर्मराज मद्धेशिया के अपहृत बेटे राहुल को पुलिस ने तत्कालीन मंत्री अमरमणि के लखनऊ स्थित आवास से बरामद किया था। अपहरण कांड की पत्रावली 11 फरवरी 2003 से हाजिरी में चल रही है, लेकिन अमरमणि स्वास्थ्य कारणों का हवाला देकर अब तक हाजिर नहीं हुए। एमपी-एमएलए कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट के आधार पर अमरमणि को न्यायालय में हाजिर करने का आदेश दिया, लेकिन पुलिस उन्हें कोर्ट नहीं ला सकी। अमरमणि के अधिवक्ताओं ने न्यायालय में प्रार्थना पत्र देकर गिरफ्तारी आदेश को रोकने की याचना की, जिसे न्यायालय ने निरस्त कर दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 82 के तहत कुर्की की उद्घोषणा का आदेश दे दिया।

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    पुलिस अधीक्षक के मार्गदर्शन में कोतवाली निरीक्षक अनिल यादव के साथ एक उपनिरीक्षक तीन सिपाही की टीम ने अमरमणि के गोरखपुर में हुमायूंपुर दक्षिणी स्थिति मकान पर बीते शनिवार को कुर्की का नोटिस चस्पा किया। नोटिस में मुकदमा सीजेएम की अदालत में विचाराधीन दर्शाते हुए फरारी की बात का उल्लेख किया गया, जबकि प्रकरण एमपी-एमएलए कोर्ट के न्यायाधीश प्रमोद कुमार गिरि की अदालत में विचाराधीन है। न्यायाधीश ने इसे अदालत की अवमानना मानते हुए प्रकीर्ण वाद दर्ज कर कोतवाल को कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

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    दूसरी पत्रावली में 14 दिसंबर की तारीख तय

    घटना से संबंधित दूसरी पत्रावाली में हनुमान शुक्ल, अजय मिश्र, आनंद सिंह, रामबिलास व जगप्रसाद के विरुद्ध आरोप तय कर 14 दिसंबर को गवाही की तारीख निर्धारित की गई है। अमरमणि के अधिवक्ता ने गुरुवार को अवसर की मांग की, जिसे खारिज का अदालत ने दो दिसम्बर को न्यायालय में उपस्थित रहने को कहा है।