गजवा-ए-हिंद का सपना देख रहे मदनी, कट्टरवाद पैदा करते देवबंद पर हो कार्रवाई : यतींद्रानंद गिरि
जूना अखाड़ा के महामंडलेश्वर यतींद्रानंद गिरि ने मौलाना मदनी पर गजवा-ए-हिंद का सपना देखने का आरोप लगाया और देवबंद पर कार्रवाई की मांग की। उन्होंने हरिद ...और पढ़ें
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यतींद्रानंद गिरि
नीलेश प्रताप सिंह, जागरण, बरेली। मौलाना मदनी गजवा-ए-हिंद का सपना देखते हैं। देवबंद की अधिकृत वेबसाइट पर भी कई बार भारत को गजवा-ए-हिंद में बदलने की बात कही गई है। अब समय आ गया है कि गजनी, गोरी, औरंगजेब के समय जो हिंदू बर्बरतापूर्ण तरीके से मुस्लिम बना दिए गए वह सम्मानपूर्वक हिंदू बनें। देवबंद पर प्रदेश व केंद्र सरकार कार्रवाई करे।
हरिद्वार अर्द्धकुंभ इस बार ऐतिहाासिक होगा। इस बार इसे कुंभ नाम दिया गया है। पहली बार अखाड़ों की ध्वजाएं लगेंगी, पेशवाई होगी। चार धाम के देवताओं की डोली धूमधाम से स्नान करेगी। यह बातें रविवार को शहर पहुंचे जूना अखाड़ा के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरि महाराज ने कही।
दैनिक जागरण से विशेष बात करते हुए उन्होंने कहा कि, हरिद्वार कुंभ को आलौकिक बनाने के लिए सीएम पुष्कर धामी प्रतिबद्ध हैं। पहली बार हरिद्वार में अखाड़ों का वैभव पूरी दुनिया को अभिभूत करता दिखेगा। कहा कि, बरेली में मौलाना ताैकीर और उसके करीबियों के अवैध निर्माण के विरुद्ध कार्रवाई सरानीय है।
मुख्यमंत्री योगी जैसा संत ही यह कर सकते हैं। कहा कि, बरेली फरका ओर देवबंद फरका इस्लाम के कट्टरवाद को पैदा करते हैं। मजहबी आतंकवाद की जड़ें देवबंद से निकलती हैं। प्रदेश की योगी व केंद्र की मोदी सरकार को देवबंद पर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए। अब समय आ गया है कि जो हिंदू बर्बरतापूर्ण तरीके से मुस्लिम बनाए गए वह ससम्मान हिंदू बनें।
बरेली में धार्मिक पर्यटन का विकास और तेजी से करने की जरुरत है। महामंडलेश्वर ने कहा कि बाबर के नाम पर भारत में कहीं कुछ नहीं बनना चाहिए। यह देश बाबर, औरंगजेब का नहीं है। राहुल गांधी जैसे नेता जब तक रहेंगे भाजपा को सत्ता में बने रहने से कोई नहीं रोक सकता। केंद्र का एसआइआर का निर्णय सराहनीय है।
इसके जरिए अनाधिकृत रुप से देश की अर्थव्यवस्था पर बोझ बने लोगों की पहचान होगी। जो बांग्लादेशी भारत में घुसे हैं, कांग्रेस और अन्य सेकुलर पार्टियों ने जान-बूझकर घुसवाया है उनको भी अब भारत से खदेड़ने की व्यवस्था करनी चाहिए। एसआइआर ने सिद्ध कर है कि कांग्रेस व सपा, ममता बनर्जी केवल सत्ता का स्वाद चखना चाहते हैं। देशहित व राष्ट्रहित उनके लिए कोई मायने नहीं रखता।

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