नौ महीने गवाही के बाद 16 माह में मिला इंसाफ, विवाहिता से दुष्कर्म के दोषी को अदालत ने सुनाई 20 वर्ष कैद
बरेली में एक महिला के साथ उसके घर में घुसकर दुष्कर्म करने के मामले में मुख्य आरोपी को 20 साल की सजा सुनाई गई है। वहीं पीड़िता को धमकाने वाले उसके दो साथियों को सात साल की सजा हुई है। घटना पिछले साल जुलाई में भोजीपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में हुई थी। आरोपी परवेज ने महिला को अकेला पाकर उसके घर में घुसकर दुष्कर्म किया था।

जागरण संवाददाता, बरेली। विवाहिता को घर में अकेला पाकर आरोपित घर में घुसा और दुष्कर्म किया। वारदात के बाद उसके दो साथी पीड़िता को घर के अंदर धमकाने आए कि अगर पुलिस में शिकायत की तो उसे जान से मार देंगे।
फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम के न्यायाधीश रवि कुमार दिवाकर ने दुष्कर्म के दोषी को 20 साल की सजा व धमकी देने के आरोप में दो सगे भाइयों को सात साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। दुष्कर्मी को 15 हजार रुपये का जुर्माना भी भुगतना होगा।
घटना पिछले वर्ष जुलाई में भोजीपुरा थाना क्षेत्र के एक गांव में घटी। गांव का ही परवेज महिला को अकेला पाकर उसके घर में घुसा और छेड़छाड़ के बाद दुष्कर्म किया। घटना के बाद उसके दो साथी रेहान और रहमान (सगे भाई) पीड़ित महिला को धमकाने पहुंच गए।
पुलिस से कुछ भी नहीं कहने की धमकी
आरोपितों ने कहा कि यदि इस घटना के बारे में पुलिस से कुछ भी कहा तो उसे जिंदा नहीं छोड़ेंगे। मामले में सरकारी वकील दिगंबर सिंह व सौरभ तिवारी ने कोर्ट में चार गवाह पेश किए। जिसमें पीड़ित महिला, मुकदमे के विवेचक, चिक लेखक व मेडिकल करने वाली महिला डाक्टर के बयान हुए। बचाव पक्ष ने अपने बचाव में तीन गवाह पेश किए। उन्होंने कोर्ट में बताया कि मामला दो पक्षों के बीच बच्चों-बच्चों के आपसी झगड़े का था। शुरू में पक्षों में सुलह की बात हुई लेकिन अगले दिन सुबह उनको पता चला कि आरोपितों पर दुष्कर्म का मुकदमा दर्ज हो गया है। बचाव पक्ष ने यह मुद्दा भी उठाया कि आरोपित परवेज को किसी ने घर के अंदर आते जाते नहीं देखा।
पीड़िता अकेली ही थी चश्मदीद गवाह
अकेली पीड़िता ही वारदात की चश्मदीद गवाह है। उसके अलावा कोई जनता का गवाह नहीं है । कोर्ट ने बचाव पक्ष की यह दलील यह कहकर खारिज कर दी कि वारदात जुलाई महीने की है। उन दिनों गर्मी का मौसम होता है और लू के थपेड़ों की वजह से लोग दोपहर के समय घर से बाहर नहीं निकलते। अक्सर दुष्कर्म की घटना एकांत में ही होती है। अदालत को गवाहों की गुणवत्ता देखना चाहिए न कि गवाहों की संख्या।
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कोर्ट ने परवेज को अंत तक नहीं दी जमानत
कोर्ट ने मुख्य आरोपित परवेज को अंत तक जमानत नहीं दी थी। अन्य दोनों आरोपित जमानत पर थे। शुक्रवार को दोषी परवेज जेल से आकर कोर्ट में पेश हुआ। तीनों को दोषी ठहराए जाने के बाद अदालत ने सजा पर सुनवाई के लिए एक घंटे का मौका दिया। बचाव पक्ष ने कहा कि यह दोषियों का पहला जुर्म है। लिहाजा सजा में रियायत दी जाए।
इस मुद्दे पर अभियोजन पक्ष ने कहा कि यह अत्यंत गंभीर मामला है, जहां दोषी ने घर के अंदर एक शादीशुदा महिला को अकेला पाकर दुष्कर्म किया और उसके साथियों ने उसे मार डालने की धमकी दी। लिहाजा तीनों को कठोर सजा दी जाना जरूरी है, ताकि समाज में दहशत बनी रहे और आम नागरिक खुद को सुरक्षित महसूस कर सकें।
अपर सेशन जज फास्ट ट्रैक कोर्ट-प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने दोषी परवेज पर 15 हजार रुपए जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की पूरी रकम पीड़ित महिला को दी जाएगी।
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