विंटर डायरिया का खतरा बढ़ा: बच्चों को ठंड से बचाएं, ये हैं जरूरी लक्षण और बचाव
बरेली में विंटर डायरिया का खतरा बढ़ गया है, खासकर बच्चों के लिए। ठंड के मौसम में बच्चों को डायरिया से बचाने के लिए विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। इसके लक् ...और पढ़ें
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बच्चे को देखते डाक्टर
जागरण संवाददाता, बरेली। सर्दी बढ़ने के साथ ही विंटर डायरिया के केस भी बढ़ने लगे हैं। जिला अस्पताल के बच्चा वार्ड में कोल्ड विंटर से पीड़ित दो से तीन शिशु हर दिन आ रहे हैं। कई की तबीयत खराब होने पर उन्हें तीन से चार दिन तक भर्ती करना पड़ रहा है। चिकित्सकों का कहना है कि इस सीजन में बहुत छोटे बच्चों का खास ध्यान रखने की जरूरत है।
सर्द हवा उनके शरीर के तापमान को अचानक गिरा देती है। कई बार माता-पिता उसके लक्षण की अनदेखी करते रहते हैं, ऐसे में उनकी हालत और भी ज्यादा बिगड़ जाती है। दिसंबर की शुरुआत के साथ अब ठंड का प्रकोप पहले से अधिक बढ़ गया है। पिछले दो दिन से चल रही हल्की बर्फीली हवाओं से लोगों खासकर बच्चों की तबीयत पर असर दिखाना शुरू कर दिया है।
सोमवार को जिला चिकित्सालय की ओपीडी में उपचार के लिए पहुंचने वाले मरीजों में सांस, बुखार, खांसी-जुकाम से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ी है। बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग बीमारी के शिकार हैं। बाल रोग विशेषज्ञ डा. संदीप गुप्ता ने बताया कि ओपीडी में सोमवार को करीब दो बच्चे उपचार के लिए लाए गए। इसमें अधिकांश बुखार, खांसी-जुकाम से पीड़ित थे।
डा. संदीप गुप्ता ने बताया कि इन दिनों बच्चों में विंटर डायरिया बढ़ रहा है। हर दिन इससे पीड़ित बच्चे आ रहे हैं। चिकित्सीय परामर्श और जांच के बाद ही बच्चों को दवा दें। ठंड से बचाने के लिए जरूरी गर्म कपड़े जरूर पहनाएं। घर में बना पौष्टिक आहार दें। छह महीने से बड़े बच्चों को हल्की भाप दे सकते हैं।
उन्होंने बताया कि कोल्ड डायरिया से पीड़ित बच्चे की पसलियां चलने लगती हैं। साथ ही उनका पेट खराब हो जाता है। ऐसे में ज्यादा देरी न करें, क्योंकि इससे बच्चा कुपोषण का शिकार भी हो सकता है। चिकित्सीय परामर्श के साथ उनका तत्काल इलाज शुरू कराएं। फिजिशियन डा. आरके गुप्ता ने बताया कि ठंड से बचने के लिए सभी को गर्म कपड़े पहनने चाहिए।
कुछ मरीज ऐसे आए जिनके द्वारा आवश्यक गर्म कपड़े नही पहने थे, उन्हें सलाह दी गई कि नियमित रूप से गर्म कपड़े जरूर पहनें। कोल्ड डायरिया का खतरा बड़ों के मुकाबले बच्चों में ज्यादा होता है। बेहतर है कि गर्म कपड़ों को पहनें। खानपान पर ध्यान दें।
बीपी बढ़ने से स्ट्रोक और हार्टअटैक का बढ़ जाता खतरा
सर्दी बढ़ने के साथ ही बीपी और शुगर से पीड़ित मरीजों में स्ट्रोक और हार्टअटैक का खतरा बढ़ जाता है। फिजीशियन डा. अजय मोहन अग्रवाल ने बताया कि इस समय बीपी और डायबिटीज के मरीजों को समय-समय पर चेकअप कराते रहना चाहिए।
उसी के आधार पर दवाओं का सेवन करना जरूरी है, क्योंकि इस समय स्ट्रोक और हार्टअटैक का खतरा काफी बढ़ जाता है। सुबह की बजाय दिन में टहलें। पूरे कपड़े पहनें और चिकित्सकों के परामर्श के आधार पर अपनी डाइट में भी बदलाव करना बेहद जरूरी है।

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