UP News: छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले शेर अली जाफरी समेत छह पर गैंगस्टर की कार्रवाई
उत्तर प्रदेश के बरेली में खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी और उनके छह साथियों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की गई है। यह कार्रवाई छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने और फर्जी अंकपत्र बांटने के आरोप में की गई है। पुलिस ने इन सभी के खिलाफ मामला दर्ज किया है और अब उनकी संपत्तियों की जांच की जा रही है।
जागरण संवाददाता, बरेली। छात्रों के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले खुसरो कॉलेज के चेयरमैन शेर अली जाफरी व उसके छह साथियों पर गैंगस्टर की कार्रवाई हो गई। इस गैंग का सरगना शेर अली जाफरी है। इसमें उसका बेटा फिरोज अली जाफरी, जाकिर अली, तारिक अल्वी, विजय शर्मा व विश्ननाथ शर्मा बतौर सदस्य काम कर रहे थे।
सीबीगंज थाने में इंस्पेक्टर सुरेश चंद्र गौतम ने गैंगस्टर एक्ट में प्राथमिकी लिखाई है। पुलिस अब आरोपियों की संपत्तियां भी सीज करने की तैयारी कर रही है। इसके लिए प्रशासन की मदद से सभी संपत्तियों की जांच कराई जा रही है।
यह है पूरा मामला
शेर अली जाफरी अपनी गैंग के सदस्यों के साथ मिलकर खुसरो कॉलेज में शैक्षणिक कोर्स कराने के नाम पर छात्रों से मोटी फीस वसूलता और बाद में उन्हें फर्जी अंकपत्र देखकर उनके भविष्य से खिलवाड़ करता था।
पिछले वर्षों में आरोपियों ने डीफार्मा के कोर्स के नाम पर 300 छात्रों से मोटी फीस वसूली और जब मार्कशीट देने की बारी आई तो सभी को फर्जी अंक पत्र पकड़ा दिए। छात्र जब नौकरी लेने या लाइसेंस लेने को आवेदन किया तो पता चला कि उन्हें जो अंकपत्र दिया गया है। वह फर्जी है।
इसके बाद छात्रों ने हंगामा काटा तो पूरा मामला खुलकर सामने आने लगा। सीबी गंज पुलिस ने इस मामले में तीन मुकदमे दर्ज किए। जांच शुरू की तो परत दर परत फर्जीवाड़ा खुलने लगा।
एसआईटी ने मामले की जांच
एसएसपी अनुराग आर्य ने इस मामले में एसआईटी बनाई। तत्कालीन एसपी साउथ (अब एसपी सिटी) मानुष परीक की अध्यक्षता में एसआईटी ने जांच शुरू की तो स्पष्ट हो गया कि फर्जी अंकपत्र बांटने के आरोपी शेर अली जाफरी की तरक्की की रफ्तार काफी तेज थी। चार राज्यों में उसके 11 कॉलेज संचालित हैं।
जांच में यह भी पता चला कि उसने उत्तराखंड, दिल्ली और राजस्थान में भी संस्थान खोले थे। वहीं इसके साथ काम करने वाले विजय शर्मा खुद को डॉक्टर बताता था, मगर जांच में पता चला कि वह भी मुन्ना भाई था।
वह आस्था कंसल्टेंसी के अलावा एचएल कंसल्टेंसी भी चलाता था, जिसके जरिये वह बीएड, बीएलएड, बीटीसी और बीपीएड की मान्यता दिलवाने का झांसा देता था। एसआईटी की जांच में सभी तथ्य सामने आने के बाद पुलिस ने सभी छह आरोपियों को जेल भेज दिया गया। अब उनके विरुद्ध गैंगस्टर की कार्रवाई हुई है।
पहले तो एक दूसरे के ऊपर फोड़ते रहे ठीकरा
जब यह मामला खुला तो पहले तो जाफरी ने खुद को बचाने के लिए काफी प्रयास किए। अपने ही एक साथी से खुद की शिकायत कराकर उसमें जांच करा ली और जांच रिपोर्ट में खुद को क्लीन चिट भी दिला ली।
जब धीरे-धीरे परत दर परत मामले खुलना शुरू हुए तो सभी एक-दूसरे पर ठीकरा फोड़ने लगे। मगर एसआईटी ने किसी की नहीं सुनी और जांच पूरी की, जिससे आरोपियों की पूरी कुंडली सामने आ गई। आरोपियों ने फर्जीवाड़े और गलत तरीके से धन कमाकर करोड़ों की संपत्ति बना ली। अब यह सभी सीज की जाएगी।
शेर अली जाफरी गैंग पर गैंगस्टर की कार्रवाई की गई है। सभी की संपत्ति की जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। सभी आरोपी अभी जेल में ही हैं।
-अनुराग आर्य, एसएसपी।
कैसे करते थे फर्जीवाड़ा
पुलिस की जांच में स्पष्ट हुआ कि गिरोह के सभी सदस्य पहले छात्रों को कम फीस में कोर्स कराने के लिए लुभाते थे। सभी का अगल-अलग काम बंटा हुआ था। जब छात्र उनके यहां एडमिशन लेते तो कक्षाएं नहीं लगाते थे।
कहते थे कि घर बैठकर ही अंकपत्र दे दिया जाएगा। सिर्फ परीक्षा देनी होती थी। इसके बाद परीक्षा के समय स्कूल में ही कुछ पेपर बनाकर परीक्षा करा ली जाती थी। जब बात अंकपत्र की आती तो अलग-अलग विश्वविद्यालयों के नाम से फर्जी अंक पत्र बनाकर छात्रों को दिया जाता था।
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