Updated: Mon, 28 Apr 2025 04:22 PM (IST)
उत्तर प्रदेश सरकार ने पेराई सत्र 2025-26 के लिए गन्ना सर्वे नीति जारी की है। एक मई से जीपीएस सर्वे शुरू होगा जिसके लिए किसानों को एसएमएस द्वारा सूचना ...और पढ़ें
जागरण संवाददाता, बरेली। पेराई सत्र 2025-26 के लिए शासन से गन्ना सर्वे नीति जारी कर दी गई है। एक मई से 30 जून तक जीपीएस सर्वे कराया जाएगा। सर्वे टीम के खेत पर पहुंचने की तिथि और टीम इंचार्ज के नाम व मोबाइल फोन नंबर की सूचना एसएमएस के माध्यम से तीन दिन पूर्व किसानों को प्रेषित की जाएगी। संयुक्त टीम बनाकर सर्वेक्षण कार्य कराया जाएगा।
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जिला गन्ना अधिकारी यशपाल सिंह ने बताया कि जीपीएस सर्वे में राजकीय गन्ना पर्यवेक्षक, चीनी मिल कार्मिक के साथ संबंधित सर्किल के किसान की उपस्थिति अनिवार्य होगी। जिन परिषदों में गन्ना सर्वेक्षण के लिए बने अस्थायी सर्किलों के सापेक्ष राजकीय गन्ना पर्यवेक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता नहीं होगी, उनमें इनकी कमी के सापेक्ष उतनी ही संख्या में समिति कर्मचारी लगाए जा सकेंगे।
नियुक्त किया जाएगा सर्किल इंचार्ज
प्रत्येक सर्किल के लिए एक सर्किल इंचार्ज भी नियुक्त किया जाएगा। किसानों को आनलाइन घोषण पत्र उपलब्ध कराना पड़ेगा, जो किसान आनलाइन घोषणा पत्र नहीं देंगे उनका सट्टा आगामी पेराई सत्र में कभी भी बंद किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सर्वेक्षण में जीपीएस का प्रयोग करते समय द्वितीय एवं तृतीय पेड़ी का सत्यापन कंप्यूटरीकृत केन सर्वे रजिस्टर में दर्ज किया जाएगा। रजिस्टर के प्रत्येक पृष्ठ पर सर्वे टीम द्वारा हस्ताक्षर भी किए जाएंगे।
मानसून गन्ना बोआई, शरदकालीन व बसंतकालीन गन्ना बोआई वाले खेतों, ड्रिप इरिगेशन वाले खेतों और सहफसली खेती भी यदि गन्ने के साथ की गई है तो उसका विवरण भी दर्ज किया जाएगा। आदर्श माडल प्लाट के तहत प्रत्येक गन्ना विकास परिषद में चयनित उत्तम कृषकों का विवरण भी अलग से अंकित किया जाएगा।
सर्वे खत्म होने के बाद गन्ना क्षेत्रफल का सारांश तैयार कर केन सर्वे रजिस्टर के अंतिम पृष्ठ पर संबंधित चीनी मिल के सर्वे कर्मी, विभागीय गन्ना पर्यवेक्षक समिति कार्मिक, संबंधित ब्लाक इंचार्ज, ज्येष्ठ गन्ना विकास निरीक्षक व चीनी मिल के महाप्रबंधक गन्ना के संयुक्त हस्ताक्षर से आंकड़ों को अंतिम रूप दिया जाएगा।
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