मुस्लिमों की धार्मिक भावनाएं भड़का सकती है 'उदयपुर फाइल्स', मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने पीएम को पत्र भेजकर जताई चिंता
उदयपुर घटना पर बनी फिल्म उदयपुर फाइल्स की रिलीज को लेकर मुस्लिम समुदाय में आक्रोश है। ऑल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने फिल्म पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है। फिल्म में पैगंबर ए इस्लाम और हजरत आयशा जैसे धार्मिक महापुरुषों को लेकर दृश्य दिखाए गए हैं जिससे मुसलमानों की भावनाएं आहत हो सकती हैं और देश में सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका है।

जागरण संवाददाता, बरेली। उदयपुर की घटना को लेकर बनाई गई फिल्म ''उदयपुर फाइल्स'' रिलीज होने से मुस्लिम संप्रदाय के लोगों की भावनाएं भड़क सकती हैं, जिससे देश में सांप्रदायिक तनाव फैलने की आशंका बढ़ जाएगी। यह आशंका जताते हुए आल इंडिया मुस्लिम जमात के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना शहाबुद्दीन रजवी ने आठ अगस्त को रिलीज हुई ''उदयपुर फाइल्स'' मूवी पर प्रतिबंध लगाने की मांग की है।
बरेलवी मौलाना ने कहा कि वर्ष 2022 में हुई उदयपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण थी, जिसकी भारत के मुसलमानों ने निंदा की थी। मौलाना ने कहा कि हम आज भी उस घटना की निंदा करते हैं। उदयपुर घटना को आधार बनाकर बनाई गई ''उदयपुर फाइल्स'' फिल्म आठ अगस्त को रिलीज हुई।
बीते दिनों इसका ट्रेलर जारी किया गया, जिसमें पैगंबर ए इस्लाम और उनकी बीवी हजरत आयशा आदि धार्मिक महापुरुषों को लेकर सीन भी फिल्माए गए। यही नहीं, मुसलमानों को आतंकवादी की शक्ल में पेश किया गया।
मौलाना ने कहा कि ट्रेलर में भाजपा की पूर्व नेता नुपूर शर्मा का बयान भी दिखाया गया। नुपूर शर्मा ने पैगंबर ए इस्लाम की शान में गुस्ताखी की थी, जिससे हिंदुओं और मुस्लिमों के बीच तनाव बढ़ गया था।
मौलाना ने कहा कि मुसलमान भूखा, प्यासा, बेरोजगार रह सकता है, लेकिन पैगंबर ए इस्लाम की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता। मौलाना ने कहा कि इस फिल्म से पूरे देश में तनाव फैलने और टकराव होने की आशंका है। इस वजह से ''उदयपुर फाइल्स'' पर प्रतिबंध लगाएं।
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