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जनशताब्दी ट्रेन उल्टी दौड़ने के मामले में दो लोको इंस्पेक्टर भी सस्पेंड

बरेली जेएनएन बुधवार को उत्तराखंड के टनकपुर में पूर्णागिरी जनशताब्दी उल्टी दिशा में दौड़

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Mar 2021 05:49 AM (IST)Updated: Fri, 19 Mar 2021 05:49 AM (IST)
जनशताब्दी ट्रेन उल्टी दौड़ने के मामले में दो लोको इंस्पेक्टर भी सस्पेंड

बरेली, जेएनएन : बुधवार को उत्तराखंड के टनकपुर में पूर्णागिरी जनशताब्दी उल्टी दिशा में दौड़ने के मामले में गुरुवार को भी कार्रवाई हुई। माना गया कि दोनों लोको इंस्पेक्टर ने लापरवाही की इसलिए सस्पेंड कर दिया गया। हालांकि इस बारे में पूर्वोत्तर रेलवे इज्जतनगर मंडल के अधिकारी खुलकर नहीं बोल रहे। घटना के वक्त ट्रेन में करीब पांच दर्जन यात्री सवार थे।

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पूर्णागिरी जनशताब्दी एक्सप्रेस बुधवार शाम 4.15 बजे टनकपुर स्टेशन से चार किलोमीटर पहले होमसिग्नल के पास पहुंची थी, तभी एक मवेशी इंजन की चपेट में आ गया। जिसकी टक्कर से ट्रेन का प्रेशर पाइप (डीबी सिस्टम) फट गया। इंजन का प्रेशर शून्य होने से ट्रेन वहीं खड़ी हो गई। चूंकि उस जगह पर ढलान थी, इसलिए लोको पायलट मुबारक अली व सहायक लोको पायलट जितेंद्र कुमार को चेन व पहियों में गुटका लगाकर पहिये रोकने चाहिए थे। इसके बजाय सहायक लोको पायलट ने लोड चेक करने का प्रयास किया, इतने में ब्रेकिग एयरबेस सिस्टम फेल हो गया। नतीजन पहिये फ्री हुए और ट्रेन ढलान के कारण उल्टी दिशा में दौड़ने लगी। लोको पायलट ने सभी ब्रेक का इस्तेमाल किया, मगर ट्रेन नहीं रोकी जा सकी। चीख-पुकार कर रहे यात्रियों ने चेनपुलिग भी की, लेकिन ट्रेन का एयरबेस सिस्टम फेल होने के कारण रोकने में सफलता नहीं मिली। करीब 50 किमी प्रति घंटा की गति से दौड़ रही ट्रेन की जानकारी मिलते ही कंट्रोल की सूचना पर पूरा ट्रैक क्लियर करा दिया गया। ट्रैक में मिट्टी, गिट्टी रख उसकी स्पीड धीमी की गई। करीब 20 किमी दूर इसे रोका जा सका था।

उसमें सवार करीब पांच दर्जन यात्रियों को बसों से गंतव्य तक भेजने के बाद बुधवार रात में ही लोको पायलट मुबारक अंसारी, सहायक लोको पायलट जितेंद्र कुमार, गार्ड आरसी प्रसाद को सस्पेंड कर दिया गया था।

गुरुवार को दो लोको इंस्पेक्टर सस्पेंड कर दिए गए। इज्जतनगर रेल मंडल के लोगों के अनुसार ये दोनों इंस्पेक्टर उस वक्त ट्रेन में सवार थे। इनकी जिम्मेदारी होती है कि समय-समय पर रूट पर चलने वाली ट्रेनों के लोको पायलट यानी चालक की गतिविधियों की निगरानी करें। यदि वे दोनों सक्रिय होते तो लोको पायलट शायद लापरवाही न कर पाते। ट्रेन का पूरा स्टाफ बरेली सिटी रेलवे स्टेशन से चढ़ा था।

इस मामले में पूर्वोत्तर रेलवे के इज्जतनगर रेल मंडल के प्रबंधक आशुतोष पंत से बात करनी चाही, मगर वह कन्नौज गए हुए थे। वहां वार्षिक निरीक्षण चल रहा है।

शुक्रवार को जाएगी टीम

मामले की जांच के लिए जूनियर एडमिनिस्ट्रेटिव ग्रेड के तीन सदस्यों की कमेटी बुधवार को ही बना दी गई। शुक्रवार को यह टीम मौके पर जाएगी। शाम तक वापसी के बाद रेल मंडल प्रबंधक को रिपोर्ट सौंप सकती है, जिसके बाद कई अन्य पर भी कार्रवाई संभव है।

इंजन में थे कुल पांच ब्रेक

एनईआर के एक सीनियर लोको पायलट के मुताबिक, पूर्णागिरी जनशताब्दी में जो इंजन लगा हुआ था उसमें कुल पांच ब्रेक सिस्टम थे। जिसमें डाइनेमिक ब्रेक, इमरजेंसी ब्रेक, ए-9 ब्रेक, एस-9 ब्रेक व हैंड ब्रेक। लोको पायलट इनके जरिये ट्रेन रोक सकते थे, मगर लापरवाही हुई।


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