राजश्री नर्सिंग कॉलेज मान्यता विवाद: छात्रों का उग्र आंदोलन, INC अप्रूवल न होने के बावजूद लिए गए एडमिशन
बरेली के राजश्री नर्सिंग कॉलेज में छात्रों ने मान्यता न होने के बावजूद एडमिशन लिए जाने पर उग्र आंदोलन किया। छात्रों का आरोप है कि INC (इंडियन नर्सिंग ...और पढ़ें

प्रतीकात्मक चित्र
जागरण संवाददाता, बरेली। जिले के राजश्री मेडिकल कालेज के नर्सिंग संस्थान में बीएससी नर्सिंग एडमिशन को लेकर छात्रों का आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा है। इंडियन नर्सिंग काउंसिल (आइएनसी) की मान्यता न होने के बावजूद एडमिशन लिए जाने के आरोपों पर दूसरे दिन भी छात्र धरने पर डटे रहे। कैंपस में हालात तनावपूर्ण बने रहे और कालेज प्रशासन व पुलिस पर छात्रों ने गंभीर आरोप लगाए।
छात्रों का कहना है कि एडमिशन के समय संस्थान की मान्यता होने की बात कही गई थी, लेकिन चार महीने बाद पता चला कि 2025 बैच के लिए आइएनसी की स्वीकृति अब तक नहीं मिली है। आरोप है कि इसके बावजूद करीब सौ छात्रों से प्रति छात्र लगभग डेढ़ लाख रुपये की फीस ली गई और सभी मूल प्रमाणपत्र भी जमा करवा लिए गए।
छात्रों का कहना है कि अब उनकी न तो बात सुनी जा रही है और न ही भविष्य को लेकर कोई ठोस आश्वासन दिया जा रहा है। कालेज की छात्राओं ने आरोप लगाया है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है वह अपने अधिकारों की बात कह रही है तो उनके साथ जबरन चुप कर दिया जा रहा है।
कालेज में फीस भरने के बाद अब उनके पास अन्य कोई विकल्प भी नहीं बचा है। ऐसे में उन्होंने जिले के शासन और प्रशासन से मामले में कड़ी कार्रवाई करने की मांग की है। इससे पहले सोमवार सुबह आक्रोशित छात्रों ने कालेज के मुख्य गेट पर ताला जड़कर धरना शुरू कर दिया, जो मंगलवार को भी जारी रहा।
प्रदर्शन के दौरान छात्रों ने आरोप लगाया कि प्रशासन ने पुलिस की मदद से उन्हें हटाने के लिए टैंकरों से पानी डलवाया और दबाव बनाने की कोशिश की। छात्रों का यह भी कहना है कि अपने अधिकार मांगने पर उनके साथ बदसलूकी की गई, यहां तक कि एक घटना में छात्रों पर वाहन चढ़ाने का प्रयास भी किया गया।
छात्रों ने साफ चेतावनी दी है कि यदि 31 दिसंबर तक मान्यता नहीं मिलती है, तो उनकी पूरी फीस और सभी मूल दस्तावेज तत्काल वापस किए जाएं। देर शाम तहसीलदार मीरगंज आशीष कुमार मौके पर पहुंचे और छात्रों से वार्ता की। उन्होंने बताया कि कालेज प्रबंधन का दावा है कि 31 दिसंबर तक स्वीकृति मिल जाएगी।
वहीं कालेज के प्राचार्य गौरव प्रताप सिंह राठौर ने आरोपों को गलत बताते हुए कहा कि मान्यता की प्रक्रिया अंतिम चरण में है और छात्रों को गुमराह किया जा रहा है। बावजूद इसके छात्रों का कहना है कि जब तक लिखित प्रमाण और स्पष्ट समाधान नहीं मिलता, उनका आंदोलन जारी रहेगा।

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