स्मॉग में उखड़ने लगी सांस, बढ़ गया ब्लड प्रेशर
जागरण संवाददाता, बरेली : हमारे चारों ओर पसरा स्मॉग खतरनाक साबित होने लगा। कुछ की सांस उ
जागरण संवाददाता, बरेली : हमारे चारों ओर पसरा स्मॉग खतरनाक साबित होने लगा। कुछ की सांस उखड़ने लगी तो कुछ की हृदय संबंधी बीमारी फिर परेशान करने लगी। ब्लड प्रेशर के मरीज भी बेचैन हैं। बचाव का एक ही तरीका है कि इस स्मॉग से दूर रहें। घर से बाहर न निकलें। जो लोग शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट पेंशेंट हैं, वे लगातार दवाएं खाते रहें। चिकित्सक के संपर्क में बने रहें।
स्मॉग के कारण मरीजों की बढ़ी संख्या की तस्दीक जिला अस्पताल में लगी ओपीडी लाइन से हो रही थी। गुरुवार को वहां ऐसे तमाम मरीज पहुंचे जिन्हें सांस, हृदय संबंधी शिकायत थी। पिछले दो-तीन दिनों से आंखों से संबंधी समस्या हुई है। उच्च और निम्न रक्तचाप और हार्ट स्ट्रोक के भी कई मरीज लाइन में लगे थे। विशेषज्ञों का कहना है कि स्मॉग के चलते ही लोगों में समस्याएं बढ़ी हैं।
335 में से 125 के करीब को हाल में परेशानी
गुरुवार को जिला अस्पताल में फिजीशियन की ओपीडी में करीब 335 मरीज पहुंचे। इनमें 150 से ज्यादा नए मरीज थे। उनमें से भी 125 ऐसे मरीज थे जिन्हें पिछले दो दिनों से सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और हृदय संबंधी समस्या थी। डॉक्टर्स के मुताबिक बातचीत में सामने आया कि ये सभी ऐसे लोग थे जो बाइक या साइकिल से ज्यादा सफर करते थे।
गर्भवती महिलाओं के लिए बड़ा खतरा है स्मॉग
स्मॉग से सबसे ज्यादा परेशानी बच्चों और बुजुर्गो को बताई जाती है। लेकिन सोमवार को परेशानी लेकर गर्भवती महिलाएं भी जिला अस्पताल पहुंची। फिजीशियन बताते हैं कि सुबह बेहतर स्वास्थ्य के लिए टहलने के लिए निकल रही ज्यादातर गर्भवती महिलाएं स्मॉग का शिकार हो रही हैं। इसका गर्भ में पल रहे बच्चे पर भी बुरा असर पड़ सकता है।
एक फिजीशियन के सहारे ही सैकड़ों मरीज
जिला अस्पताल में सबसे ज्यादा मरीजों की संख्या फिजीशियन के पास आने वालों की होती है। इलाज के लिए तीन फिजीशियन हैं डॉ.अजय मोहन, डॉ.वागीश वैश्य और डॉ.पोरवाल। इनमें से डॉ.अजय मोहन कुछ दिनों की छुट्टी पर हैं, जबकि एक अन्य फिजीशियन डॉ.पोरवाल भी अपनी सीट पर नहीं दिखाई दिए। मरीजों को देखने का काम महज डॉ.वागीश वैश्य संभाले हुए थे।
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स्मॉग से आंखों का भी रखें ख्याल
स्मॉग के दौरान हवा में काफी नीचे तैरने वाले पार्टिकल आंखों को काफी नुकसान पहुंचाते हैं। ऐसे में आंखों का ख्याल रखना काफी जरूरी है। हेलमेट पहनकर या फिर आंखों पर चश्मा लगाकर चलें। आंखों को दिन में कई बार धोऐं और लाल होने पर विशेषज्ञ डॉक्टर से मिलें।
- डॉ.सुषमा दीक्षित, मुख्य नेत्र परीक्षण अधिकारी
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गर्भवती महिलाएं बरतें सावधानी
नवंबर और फरवरी महीने में स्मॉग से होने वाली समस्या के मरीज बढ़ते हैं। गर्भवती महिलाओं के लिए भी स्मॉग खतरनाक है। गुरुवार को आए मरीजों में स्मॉग के चलते सांस, हृदय संबंधी परेशानी वाले मरीजों की संख्या करीब आधी रही है।
- डॉ.वागीश वैश्य, वरिष्ठ फिजीशियन, जिला अस्पताल
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