Maulana Tauqeer Raza: 2010 बरेली दंगा प्रकरण, गिरफ्तारी के बजाय मौलाना तौकीर के घर सिर्फ वारंट चस्पा कर पाई पुलिस
Maulana Tauqeer Raza आरोपित मौलाना तौकीर रजा की तलाश में पश्चिमी बंगाल से लेकर हैदराबाद अजमेर दिल्ली प्रयागराज व लखनऊ तक टीमें सक्रिय होने का दावा किया गया। सर्विलांस की एक टीम भी लगे होने की बात कही गई। फिलहाल प्रकरण में मंगलवार को दिन बेहद अहम है। ट्रायल कोर्ट के साथ हाई कोर्ट में भी मामले में सुनवाई तय है।

जागरण संवाददाता, बरेली : 2010 बरेली दंगे के आरोपित इत्तेहाद-ए-मिल्लत काउंसिल (आइएमसी) प्रमुख मौलाना तौकीर रजा खां की गिरफ्तारी करने में पुलिस नाकाम रही। अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम में मंगलवार को होने वाली सुनवाई से ठीक एक दिन पूर्व सोमवार को पुलिस ने मौलाना के सौदागरान स्थित घर पर गिरफ्तारी वारंट चस्पा किया।
11 मार्च को अपर सत्र न्यायाधीश फास्ट ट्रैक कोर्ट प्रथम रवि कुमार दिवाकर ने मौलाना तौकीर के विरुद्ध गैर जमानती वारंट (एनबीडब्ल्यू) जारी किया था। बावजूद पुलिस आरोपित की गिरफ्तारी नहीं सकी।13 मार्च को सुनवाई करते हुए गिरफ्तारी की जिम्मेदारी एसएसपी को सौंपी गई। तब आनन-फानन में सीओ संदीप सिंह व पंकज श्रीवास्तव के नेतृत्व में दो अलग-अलग टीमें गठित की गईं।
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लोकेशन के आधार पर चल रहीं पुलिस टीमें
मौलाना की लोकेशन के आधार पर टीमें दिल्ली से लेकर हैदराबाद, पश्चिमी बंगाल, अजमेर व दिल्ली भेजी गईं। इस बीच पता चला कि बचने के लिए मौलाना हाई काेर्ट की शरण में पहुंचा है जिस पर भी 19 मार्च यानी आज सुनवाई तय है। ऐसे में अंदेशा जताया गया कि इस दौरान मौलाना लखनऊ व प्रयागराज में हो सकता है।
ऐसे में दोनों स्थानों पर भी दो अलग-अलग टीमें भेज दी गईं। बावजूद मौलाना तक ना पहुंच पाने के चलते प्रेमनगर पुलिस की एक टीम आरोपित के बिहारीपुर सौदागरान स्थित मकान पर पहुंची और गिरफ्तारी वारंट चस्पा किया। इससे क्षेत्र में खलबली मच गई। गिरफ्तारी ना होने की दशा में अब पुलिस मंगलवार को आरोपित की तलाश में दी गई दबिश, वारंट चस्पा की कार्रवाई व अन्य बिंदुओं की रिपोर्ट कोर्ट में पेश करेगी।
ट्रांसफर अर्जी पर बहस पूरी, 21 मार्च को होगा आदेश
2010 दंगा प्रकरण के मुकदमे की पत्रावली फास्ट ट्रैक कोर्ट से किसी अन्य अदालत में ट्रांसफर होगी या नहीं। यह फैसला सेशन जज विनोद कुमार दूबे 21 मार्च को सुनाएंगे। अभियोजन पक्ष से डीजीसी क्राइम सुनीति कुमार पाठक ने अपनी बहस में कहा कि अदालत ने आरोपित शाहरुख के प्रति कोई द्वेषपूर्ण रवैया नहीं अपनाया है और ना ही कोर्ट किसी भी आग्रह से ग्रसित है। बेवजह ट्रायल को लंबा खींचने के इरादे से अर्जी कोर्ट में पेश की गई है, जो खारिज किए जाने योग्य है। सेशन जज ने बहस सुनने के बाद आदेश के लिए 21 मार्च तारीख नियत कर दी है।
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