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    Dhirendra Krishna Shastri: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा, 'जब फैजाबाद का नाम अयोध्या हो सकता है तो मुरादाबाद का...क्याें नहीं'

    Updated: Tue, 19 Mar 2024 09:05 AM (IST)

    Shri Bageshwar Dham Sarkar मुरादाबाद में पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री इन दिनों हैं। बागेश्वर धाम पीठाधीश्वर के श्रीमुख से तीन दिवसीय हनुमंत कथा का शुभारंभ किया है। उन्होंने बताया कि हनुमंत कथा का सार एक ही चौपाई से सुनाकर सात सुखों का समझाया महत्व। साधु संतों की संगत में जाओगे तो साधु माला जपना सिखा देखा मंदिर जाना सिखा देगा और कथा में धकेलकर जाना सिखा देगा।

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    Shri Bageshwar Dham Sarkar; हनुमान की शरण में जाने से होती सात सुखों की प्राप्ति: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

    जागरण संवाददाता, मुरादाबाद। विशालकाय पंडाल, हजारों भक्तों के बीच श्रीबागेश्वर धाम सरकार पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने हनुमंत कथा सुनाई तो भक्तों का तन-मन प्रफुल्लित हो उठा। चौपाई और भजनों पर तालियों की गूंज, महिला पुरुषों का नृत्य और कथा व्यास श्रीबागेश्वर धाम सरकार पीठाधीश्वर पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का चेहरा आध्यात्मिक ज्ञान की शक्ति से दमक रहा था।

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    श्रीबागेश्वर सरकार का हाथ जोड़कर सभी का अभिवादन और सरल स्वभाव भा गया। उन्होंने सबसे पहले हनुमंत ग्रंथ की पूजा करके हनुमंत कथा का शुभारंभ जय श्रीराम, जय जय श्रीराम... के उद्घोष से किया।

    चौपाई के एक-एक शब्द के अर्थ का भाव समझाया

    श्री राम बालाजी धाम बाबा नीब करौरी आश्रम ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित हनुमंत कथा नया मुरादाबाद में शुरू हुई। उन्होंने पहले दिन हनुमंत कथा एक ही चौपाई सब सुख लहै तुम्हारी सरना, तुम रक्षक काहू को डरना पर सुनाई। इस चौपाई के एक-एक शब्द के अर्थ का भाव समझाया। उन्होंने चौपाई सुनाई तो भक्तों ने भी दोहराई। चौपाई के सब सुख का अर्थ जीवन के सात सुखों से जोड़ते हुए समझाया और सातों सुखों को हनुमान की कृपा से जोड़कर भावपूर्ण वर्णन किया।

    हनुमान की शरण में सातों सुख की प्राप्ति

    धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि हनुमान की शरण में जो जाता है, उन्हें सातों सुखों की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि जो हनुमान जी की शरण में जाते हैं, हनुमान जी उसके रक्षक और राक्षसों के भक्षक हो जाते हैं। उन्होंने कहा कि जहां बरसात नहीं होती वहां फसलें खराब हो जाती हैं, जहां भक्ति नहीं होती वहां नस्लें खराब हो जाती हैं। इसलिए यह तीन दिन मुरादाबाद वासियों के लिए खास होंगे। उन्होंने कहा कि लोग सनातन की बात करते हुए डरते हैं, टीका लगाने से डरते हैं। इस डर को खत्म करने को चौपाई की दूसरी पंक्ति- तुम रक्षक काहू को डरना का भाव समझाया।

    धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि निरोगी काया, ज्ञान प्राप्त होना, मान सम्मान, धर्म करम, सम्पत्ति से भरपूर, सुख आज्ञाकारी होना चाहिए, आनंद समेत सात सुखों का भाव समझाया। सोमवार की कथा के आखिर में उन्होंने कहा कि जो भी हनुमान जी की शरण में जाता है, वह राम को हो जाता है। जिसने इस चौपाई को आत्मसात कर लिया, उसका जीवन निखर जाता है। सुख की प्राप्ति के लिए संगत जरूरी है।

    अगर, हनुमान की संगति करोगे तो आपके जीवन में रामकाज आ जाएगा और आपका कामकाज ही रामकाज बन जाएगा। कथा शुभारंभ से पूर्व लोहिया परिवार के विनय लोहिया गुप्ता, विनीत लोहिया गुप्ता, विपिन लोहिया और विभोर लोहिया समेत श्री राम बालाजी धाम बाबा नीव करोरी आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल शर्मा समेत अन्य लोगों ने श्रीबागेश्वर सरकार की आरती उतारी और आशीर्वाद प्राप्त किया।

    श्री बागेश्वर सरकार के भजनों पर झूमे भक्त

    श्री बागेश्वर सरकार पीठाधीश्वर धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने सबसे पहले सीताराम हनुमान... अब तो दया करो राम... भजन सुनाया तो भक्तों ने भी गुनगुनाया। सत्यम शिवम सुंदरम... तुम्ही मेरी नैया, किनारा तुम्ही हो मेरी जिंदगी का सहारा तुम्ही हो... भजन सुनकर झूम उठे।

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    एक यहां और धाम है हरिहर मंदिर

    बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि संभल में हरिहर मंदिर का जिक्र करते हुए कहा कि किसी कारणवश हरिहर मंदिर की पूजा तो बंद है, लेकिन आज भी लोग कहते हैं कि भीतर से आवाज आती है। हम कहेंगे कि जल्दी से जल्दी उस मंदिर की पूजा भी शुरू हो जानी चाहिए। अयोध्या में श्रीराम जी बैठ गए। काशी में नंदी भगवान निकल आए। अब हरिहर मंदिर में अभिषेक और रुद्राभिषेक हो जाना चाहिए।

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    मुरादाबाद का नाम माधव नगरी होना चाहिए

    बागेश्वर धाम सरकार पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि ऐसी नगरी जहां हनुमानजी के अवतार का माने जाने वाले बाबा श्री नीब करौरी बाबा का भी स्थान है। इस नगर में सिद्धबली हनुमान मंदिर हो, हरिहर मंदिर हो, गढ़ गंगा हो, शीतला माता मंदिर हो, कालका माता मंदिर हो, शिव जी का मंदिर हैं। जब फैजाबाद का नाम बदलकर अयोध्या, इलाहाबाद से प्रयागराज हो गया, तो मुरादाबाद को भी माधव नगर कर दिया जाए।