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    एनएचएआइ ने गूगल मैप से मैच कराकर दुरुस्त कराया रिंग रोड का नक्शा, दिसंबर से शुरू होगा निर्माण कार्य, 634 करोड़ मंजूर

    Updated: Tue, 11 Nov 2025 10:59 PM (IST)

    भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) ने गूगल मैप से मिलान करके पटना रिंग रोड के नक्शे को दुरुस्त कर लिया है। दिसंबर से निर्माण कार्य शुरू होने की संभावना है, जिसके लिए 634 करोड़ रुपये मंजूर किए गए हैं। नक्शे की त्रुटियों को ठीक किया गया है, और प्राधिकरण का लक्ष्य है कि दिसंबर 2024 से निर्माण कार्य शुरू हो जाए। यह रिंग रोड पटना के यातायात को सुगम बनाएगा।

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    जागरण संवाददाता, बरेली। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के सदस्य (प्रशासन) विशाल चौहान के दौरे के बाद रिंग रोड का निर्माण शुरू कराने की गतिविधियां तेज हुई हैं। चयनित भूमि पर 80 प्रतिशत कब्जा नहीं मिलने और वन विभाग की एनओसी न मिलने से निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। अब तक 381 करोड़ का मुआवजा किसानों में वितरित किया जा चुका है, जबकि 634 करोड़ रुपये का अप्रूवल एनएचएआइ की ओर से दिया जा चुका है।

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    गूगल मैप से मिसमैच हो रहे नक्शा को भी दुरुस्त करा दिया गया है। दावा किया जा रहा है कि आगामी एक दिसंबर से निर्माण आरंभ करा दिया जाएगा। शहर को जाम से मुक्त कराने और सड़क मार्ग से आवागमन सुगम बनाने के लिए बरेली-दिल्ली हाईवे पर झुमका तिराहा से बरेली-मथुरा हाईवे पर चौबारी होते हुए बरेली-शाहजहांपुर हाईवे इन्वर्टिस तक 2,117 करोड़ रुपये की लागत से 29.95 किमी का रिंग रोड बनवाया जा रहा है।

    एनएचआइ ने आरपी इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड को ठेका दिया है। कार्यदायी संस्था ने कैंप कार्यालय बनाकर मशीनें मंगाकर निर्माण सामग्री भी एकत्रित कर लिया है। दो बड़े अवरोधों के कारण निर्माण शुरू नहीं हो पा रहा है। पहला, किसानों को मुआवजा वितरण कर चयनित जमीन पर कब्जा लेने की गति धीमी है। अब तक 381 करोड़ का ही मुआवजा वितरित किया जा सका है, जो 46 प्रतिशत है, जबकि 80 प्रतिशत कब्जा मिलने के बाद ही निर्माण शुरू हो सकेगा।

    एनएचएआइ के प्रोजेक्ट मैनेजर अश्वनी चौहान ने बताया कि 634 करोड़ रुपये मुआवजा वितरण का अप्रूवल किया जा चुका है। इस महीने 500 करोड़ मिल जाने की उम्मीद है। दूसरी अड़चन यह रही कि वन विभाग को भेजे गए नक्शे का गूगल मैप से मिलान नहीं हो पाने के कारण एनओसी नहीं मिल सकी है। वन विभाग के केंद्रीय कार्यालय से आपत्ति लगने के बाद एनएचएआइ के अधिकारियों ने इसमें संशोधन कराकर वन विभाग को भेज दिया है।

    बताते हैं कि प्रस्ताव 2022 में तैयार किया गया था, जिसमें चार आरओबी निर्माण भी शामिल है। उसी समय का नक्शा भी बना था, लेकिन इसे 2025 में देखने पर गूगल मैप अपडेट हो जाने के कारण मामूली अंतर दिखने लगा है, जिसके चलते एनओसी नहीं मिल पा रही है। दावा किया जा रहा है कि इसे संशोधित करा दिया गया है। दो दिन पहले एनएचएआइ के सदस्य (प्रशासन) विशाल चौहान दौरे पर आए थे, उन्होंने मंडलायुक्त समेत मंडल के चारों जिलों के जिलाधिकारियों के साथ बैठक कर अड़चनों को प्राथमिकता पर दूर कराने के निर्देश दिए थे।

    मंडलायुक्त भूपेंद्र एस चौधरी ने डीएफओ दीक्षा भंडारी को 30 नवंबर तक एनओसी जारी कराने के लिए निर्देशित किया है। आयुक्त ने 13 नवंबर को संबंधित विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक भी बुलाई है। प्रशासन और एनएचएआइ के अधिकारियों में बढ़ी हलचल को देखते हुए एक दिसंबर तक निर्माण आरंभ हो जाने के आसार दिख रहे हैं। पहले 30 अक्टूबर तक ही निर्माण शुरू कराने के दावे किए गए थे, लेकिन भूमि पर कब्जा नहीं मिल पाने के कारण कार्य शुरू नहीं हो सका था।

     

    रिंग रोड का निर्माण शुरू कराने के लिए चयनित भूमि पर 80 प्रतिशत कब्जा मिलना जरूरी है, लेकिन अभी तक 46 प्रतिशत ही कब्जा मिल सका है। किसानों को मुआवजा वितरण के लिए 634 करोड़ रुपये का अप्रूवल भेजा जा चुका है। वन विभाग की एनओसी में आई आपत्ति को दूर कराया जा चुका है। आगामी एक दिसंबर तक निर्माण कार्य शुरू कराने के प्रयास किए जा रहे हैं।

    - नवरत्न, परियोजना निदेशक एनएचएआइ


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