दिग्गज बनना था दंगाई बन गया ‘बरेली वाला’ मौलाना, पार्टी भी भड़काऊ बयानों पर ही टिकी
बरेली के मौलाना तौकीर रजा जो कभी दिग्गज बनना चाहते थे अब भड़काऊ बयानों के लिए जाने जाते हैं। दरगाह से जुड़े होने के कारण उनका सामाजिक कद बड़ा था जिससे उन्होंने आईएमसी बनाई। इस पार्टी का उद्देश्य मुस्लिमों को एकजुट करना था पर यह भड़काऊ बयानों तक सीमित रही। हाल ही में हुए बवाल में उनकी भूमिका सामने आई है जिसके बाद उन पर एफआईआर दर्ज की गई है।

जागरण संवाददाता, बरेली। सुन्नी बरेलवी मुस्लिमों का सबसे बड़ा केंद्र दरगाह आला हजरत, जहां पर हाजिरी देकर चादरपोशी और गुलपोशी करते हैं। करोड़ों की संख्या में देश-दुनिया में अनुयायी हैं, जिसमें लाखों लोग तो इमाम अहमद रजा खां फाजिल ए बरेलवी के उर्स ए रजवी में शामिल होने के लिए आ जाते हैं, जहां से धार्मिक एजेंडा जारी किया जाता है, जिस पर सभी अमल करते हैं।
दरगाह से जुड़े होने के नाते मौलाना तौकीर रजा का सामाजिक कद शुरू से बड़ा रहा। यही वजह रही कि उनके मन में राजनीतिक इच्छाओं ने जन्म लिया और अपनी राजनीतिक महत्वाकांक्षा पूरी करने के लिए इत्तेहादे मिल्लते कौंसिल (आईएमसी) बनाई, जिसको बनाने का उद्देश्य मुस्लिमों को एकजुट करना था, लेकिन बाद में यह राजनीतिक दल केवल भड़काऊ बयान देने के दायरे तक सिमटकर रह गया। अभी जो बवाल हुआ, उसमें आईएमसी प्रमुख समेत बड़ी संख्या में पदाधिकारियों को पकड़ा गया।
मौलाना तौकीर रजा बदायूं जिले में पंचायत चुनाव से लेकर बिनावर विधानसभा से विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन जीत हासिल नहीं कर सके। इस वजह से राजनीतिक महत्वकांक्षा अधूरी रह गई।
राजनीतिक पार्टी बनाने से लेकर सत्ता का स्वाद चखने के लिए मौलाना के प्रयास जारी रहे। मौलाना तौकीर रजा पर वर्ष 2010 में हिंदुओं और मुसलमानों के बीचे दंगा भड़काने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, लेकिन कुछ दिनों के बाद ही उनको रिहा कर दिया गया था।
इसके बाद मौलाना तौकीर रजा को अक्सर भड़काऊ बयान जारी के लिए खास तौर पर पहचाना जाने लगा। कई बार ऐसा हुआ कि मौलाना के बयानों की वजह शहर में बड़ी संख्या में भीड़ एकत्र हुई, जिसके बाद भारी पुलिस बल लगाना पड़ा।
मौलाना की राह पर उनके बाकी नेता भी चल पड़े। आईएमसी के राष्ट्रीय महासचिव व प्रवक्ता नफीस खान ने बीते दिनों इंस्पेक्टर के हाथ काटने की धमकी दी। इसके बाद ''आइ लव मोहम्मद'' की आड़ में अपनी राजनीतिक महत्वकांक्षा की रोटियां सेंकने के लिए तूल देना शुरू कर दिया।
मौलाना के 26 सितंबर को जुमे की नमाज के बाद इस्लामिया ग्राउंड में जमा होकर ज्ञापन देने का ऐलान पर पुलिस प्रशासन ने कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी।
मौलाना तौकीर रजा ने कार्यक्रम करने का निर्णय जारी रखा, लेकिन गुरुवार रात को मौलाना के कार्यक्रम के निरस्त होने का पत्र प्रसारित हो गया, लेकिन शुक्रवार सुबह मौलाना ने वीडियो प्रसारित करके इस्लामिया मैदान में भीड़ को एकत्र होने का संदेश प्रसारित रखा।
इसके बाद शुक्रवार दोपहर को भीड़ उग्र हो गई और बवाल हो गया। आईएमसी प्रमुख मौलाना ताैकीर रजा के साथ ही आईएमसी के मीडिया प्रभारी मुनीर इदरीसी, महानगर अध्यक्ष अनीस सकलैनी, पूर्व जिलाध्यक्ष नदीम खां समेत तमाम नेताओं के विरुद्ध प्राथमिकी पंजीकृत की गई।
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