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    कन्हैया गुलाटी का 'मायाजाल' ध्वस्त: एक महीने में 15 मुकदमे, लुकआउट नोटिस जारी- देश से भागना नामुमकिन

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 08:11 PM (IST)

    बरेली में महाठग कन्हैया गुलाटी पर पुलिस ने शिकंजा कसा है, जिसके खिलाफ 17 मुकदमे दर्ज हुए हैं, जिनमें से 15 दिसंबर में ही दर्ज किए गए। गुलाटी के खिलाफ ...और पढ़ें

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    कन्‍हैया गुलाटी

    जागरण संवाददाता, बरेली। महाठग कन्हैया गुलाटी पर पुलिस ने अब शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। गुलाटी और उसके सहयोगियों के विरुद्ध अब तक कुल 17 मुकदमे पंजीकृत हो चुके हैं। इसमें से 15 मुकदमे दिसंबर में ही दर्ज किए गए हैं। पुलिस ने जब गुलाटी का आपराधिक इतिहास निकाला तो पता चला कि उसके विरुद्ध उत्तर प्रदेश के अलावा रांची, बिहार आदि में भी मुकदमे पंजीकृत हैं।

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    पुलिस अब उसके विरुद्ध संपत्ति कुर्क करने की दिशा में भी कार्रवाई की तैयारी कर रही है। जल्द ही सभी संपत्ति की जांच कराई जाएगी। खुद को कैनविज कंपनी का एमडी बताने वाले कन्हैया गुलाटी ने लोगों को इंवेस्टमेंट करने पर मोटे मुनाफे का झांसा दिया। कहा कि एक लाख रुपये इंवेस्ट करने पर 20 माह तक पांच प्रतिशत ब्याज दिया जाएगा और 20 माह बाद पूरी रकम वापस कर दी जाएगी।

    इस झांसे में आकर तमाम लोगों ने करोड़ों रुपये का इंवेस्टमेंट किया। शुरूआत में कुछ महीने तक गुलाटी ने ब्याज का रुपया दिया इसके बाद सभी रुपये हड़प लिया। मामले में पुलिस के पास शिकायतें पहुंची तो जांच कराई गई। जांच में सत्यता पाने पर पुलिस ने प्राथमिकी लिखना शुरू की। अभी तक आरोपित के विरुद्ध कुल 17 मुकदमे बरेली में पंजीकृत किए जा चुके हैं।

    इसमें से 15 मुकदमे दिसंबर में ही दर्ज किए गए हैं। बाकी दो मुकदमे पूर्व में दर्ज किए गए थे। इसके अलावा गुलाटी के विरुद्ध यूपी में शाहजहांपुर, कासगंज और आयोध्या में भी कई मामले पंजीकृत हैं। इतना ही नहीं महाठग ने यूपी के बाहर के लोगों को भी ठगी का शिकार बनाया है। आरोपित ने झारखंड और बिहार में भी लोगों को इसी तरह का झांसा दिया और उनका रुपया लेकर फरार हो गया है। पुलिस की टीमें उसकी तलाश में जुटी हैं।

    एसआइटी कर रही है मामले की जांच

    एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि कन्हैया गुलाटी के सभी मुकदमों की जांच के लिए एक एसआइटी का गठन किया है। जो एसपी ट्रैफिक अकमल खान के नेतृत्व में काम कर रही है। सभी मुकदमों की विवेचना यही एसआइटी करेगी। इस एसआइटी में एएसपी शिवम आशुतोष परिवेक्षक की भूमिका निभा रहे हैं।

    साइबर सेल, साइबर थाना, एसओजी और सर्विलांस के साथ थानों के अच्छे और दक्ष विवेचकों की एक टीम बनाई गई है। जिससे जल्द से जल्द सभी मुकदमों की विवेचना होकर आरोपितों की गिरफ्तारी की जा सके। इसके अलावा आरोपित का एक लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया है ताकि यह कहीं बाहर न जा सके।

    आरोपित की कुर्क होगी संपत्ति, जल्द होगी चिन्हित

    एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि बीएनएसएस की धारा 107 इस तरह के तहत आरोपित की संपत्ति कुर्क की जा सकती है। गुलाटी के मामले में यह कार्रवाई की जाएगी। अभी पुलिस की प्राथमिकता है कि आरोपित के सभी मामलों की अच्छे से विवेचना हो और उसकी गिरफ्तारी की जा सके। इसके बाद इस प्रक्रिया को अपनाकर कार्रवाई की जाएगी। साथ ही धोखाधड़ी ठगी करके आरोपित ने जो भी संपत्ति अर्जित की होगी उसे चिन्हित किया जाएगा।

     

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