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    Jagran Special : जानिए कौन है अनपढ़ जमन, जिसने पत्थर पर शब्दों में दर्ज की पहचान

    By Ravi MishraEdited By:
    Updated: Mon, 19 Oct 2020 01:49 PM (IST)

    बचपन में स्कूल तो गया मगर शब्दों से वास्ता नहीं रख सका। वक्त आगे चलता गया वह पीछे रह गया। अनपढ़ कहलाने लगा। बाद में इन्हीं शब्दों से उसने अपनी पहचान ब ...और पढ़ें

    पत्थर पर शब्दों में दर्ज अनपढ़ जमन की पहचान

    बदायूं, सचिन गुप्ता । 14 साल उम्र है। नाम जमन। रहता शहर के आरिफपुर नवादा मोहल्ले में है। बचपन में स्कूल तो गया, मगर शब्दों से वास्ता नहीं रख सका। वक्त आगे चलता गया, वह पीछे रह गया। अनपढ़ कहलाने लगा। बाद में इन्हीं शब्दों से उसने अपनी पहचान बना ली। लिखा-पढ़ा नहीं है, मगर पत्थरों पर नाम दर्ज करना बखूबी आता है। इसी के जरिये परिवार की मदद कर रहा है।

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    जमन के पिता आमिर अहमद की आठ साल पहले बीमारी से मौत हुई। तब वह स्कूल जाता था। लेकिन, पिता की मौत से घर की जिम्मेदारी जमन की मां निशा परवीन के कंधों पर आ गई। छोटे-छोटे बच्चों की परवरिश करना उसकी मां निशा परवीन को मुश्किल होने लगी। ऐसे में जब जमन को कलम से कोरे कागज के पन्नों पर क-ख-ग लिखना था, वह परिवार के हालात से जूझने लगा। पहली कक्षा की पढ़ाई करने के बाद माहौल ऐसा नहीं रह गया कि स्कूल जाता। इसके बजाय चाचा जहूर के साथ दुकान पर मदद के लिए जाने लगा। वह छेनी, हथौड़ी से पत्थरों की नेम प्लेट बनाते तो उन्हें देखकर सीखता रहता।

    दो साल पहले इस वह काम में पारंगत हो गया। जमन से कोई बोलकर लिखने को कह कहता है तो संकोच करते हुए उनके हाथ में कागज थमा देता है। प्लेट पर जो भी लिखना हो, उस कागज पर लिखवाता है। जिसे देखकर वह शब्दांे को पत्थर की प्लेट पर दर्ज कर देता है। नाम, नाम-पता या फोन नंबर, सबकुछ छेनी से लिखता है। उम्र कम है, मगर उसकी बातें बड़ी हैं। कहता है कि छोटा भाई समन और 17 वर्षीय बहन तुबा है।

    शिलाप्लेट के आकार से मिलता मेहनताना

    शुरूआत में चाचा उसे कुछ रुपये बतौर काम सीखने के देते थे। इससे परिवार का पालन पोषण मुश्किल से होता था। ऐसे में जमन ने मुहल्ला लोटनपुरा स्थित एक दुकान पर काम करना शुरू कर दिया है। यहां उसे पत्थर के आकार से रुपये मिलते है। एक दिन में जमन करीब 200 से तीन रुपये कमा लेता है। पिता की मौत होने के चलते पढ़ नहीं सका किशोर, मगर हुनर से बनाया रास्ता

    बहन की शादी की फिक्र

    जमन ने बताया घर में मां निशा परवीन, छोटा भाई समन और 17 वर्षीय बहन तुबा है। छोटा भाई भी खैरात की दुकान पर दो हजार रुपये प्रति माह पर काम करता है। बहन दसवीं कक्षा में पढ़ती है। उसे पढ़ाने के बाद उसकी शादी भी करनी है। जिसकी जिम्मेदारी भी उसके कंधों पर है।