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    डेयरी सेक्टर में चाहिए 'हाई-पेइंग' जॉब? IVRI ने खोला सफलता का नया द्वार, शुरू हुआ B.Tech कोर्स

    Updated: Mon, 22 Dec 2025 02:26 PM (IST)

    बरेली स्थित IVRI में डेयरी सेक्टर में करियर बनाने का सुनहरा अवसर है। संस्थान ने स्पेशल बी.टेक कोर्स शुरू किया है, जिसके माध्यम से युवा मिल्क विज्ञानी ...और पढ़ें

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    भारतीय पशु च‍िक‍ित्‍सा अनुसंधान संस्‍थान

    अनूप गुप्ता, जागरण, बरेली। दुनिया में दूध उत्पादन में देश पहले पायदान पर है। इसमें भी उत्तर प्रदेश सबसे आगे हैं। श्वेत क्रांति को और बढ़ावा देने को भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान (आइवीआरआइ) भी आगे आया है। देश में कुशल मिल्क एक्सपर्ट तैयार किए जा सके, इसके लिए संस्थान ने इस वर्ष से पहली बार बीटेक इन डेयरी टेक्नोलाजी कोर्स शुरू कराया है।

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    वरिष्ठ विज्ञानियों की निगरानी में चार वर्ष तक इसमें नवाचार करने वाले विज्ञानी दूध का उत्पादन और गुणवत्ता बढ़ाने की दिशा में नवाचार करेंगे। नेशनल डेयरी रिसर्च इंस्टीट्यूट करनाल, बिहार एनिमल एंड साइंस यूनिवर्सिटी, तमिलनाडु पशु चिकित्सा और पशु विज्ञान विश्वविद्यालय समेत कुछ चुनिंदा इंस्टीट्यूट बीटेक इन डेयरी टेक्नोलाजी की शिक्षा दे रहे हैं।

    संयुक्त निदेशक (शैक्षणिक) डा. एसके मेंदीरत्ता ने बताया कि शैक्षणिक वर्ष 2025–26 से इस कार्यक्रम की शुरुआत में अभी 15 सीटों पर दाखिले हुए हैं। आइवीआरआइ का पशुधन उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी विभाग अभी बीवीएससी एनिमल हजबेंडरी आदि की पढ़ाई करा रहा, लेकिन डेयरी को लेकर समर्पित यह अपने आप में पहला कोर्स है।

    विभाग के एचओडी विज्ञानी डा. आरके सेन ने बताया कि डेयरी को लेकर चार वर्ष के अध्ययन में स्टूडेंट्स दुग्ध उत्पादन की एडवांस तकनीकी में गहन अध्ययन करने के साथ विदेश से आने वाले विज्ञानियों के साथ अनुभव भी साझा कर सकेंगे।

    श्वेत क्रांति में प्रदेश सबसे आगे, अभी ढेरों संभावनाएं

    आइवीआरआइ के विज्ञानी डा. आरके सेन ने बताया कि देश में 250 मिलियन टन दूध का सालाना उत्पादन होता है, जो विश्व का 25 प्रतिशत से अधिक और प्रति व्यक्ति उपलब्धता 471 ग्राम/दिन है। प्रदेशों में उत्तर प्रदेश सबसे बड़ा उत्पादक (लगभग 15.72 प्रतिशत हिस्सेदारी) है। फिर राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश हैं।

    बीते 10 वर्षों में दूध उत्पादन में 63.56 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, जो 2014-15 के 146.3 मिलियन टन से बढ़कर 2023-24 में 239.3 मिलियन टन हो गया है। यह 471 ग्राम/व्यक्ति/दिन है, जो विश्व औसत 322 ग्राम से काफी अधिक है। कुल उत्पादन में गायों का 53.12 प्रतिशत और भैंसों का 43.62 प्रतिशत योगदान है।

    हालांकि, पिछले वर्ष भैंसों के दूध उत्पादन में 16 प्रतिशत की कमी आई है। भारत दुग्ध उत्पादन में विश्व में नंबर एक है और इसकी वार्षिक वृद्धि दर 5.7 प्रतिशत वैश्विक दर दो प्रतिशत से कहीं अधिक है।

     

    हमारे यहां दूध उत्पादन की ढेरों संभावनाएं है। इसके लिए उच्च शिक्षित और कुशल दुग्ध विशेषज्ञों की जरूरत महसूस की जा रही है। इसे देखते हुए आइवीआरआइ ने बीटेक इन डेयरी टेक्नोलाजी का कोर्स शुरू कराया है। जल्द यहां सीटों की संख्या में और ज्यादा बढ़ोतरी की जाएगी।

    - डा. आरके सेन, एचओडी, पशुधन उत्पादन एवं प्रौद्योगिकी संस्थान, आइवीआरआइ



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