लखीमपुर में पकड़ी गई रेव पार्टी में खपाई जाने वाली 38 लाख की चरस
पकड़ी गई चरस दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में नाइट क्लब और रेव पार्टियों के लिए पहुंचाई जानी थी।
बरेली (जागरण संवाददाता)। नेपाल से बरेली के रास्ते से दिल्ली व हरियाणा तक फैले ड्रग्स तस्करी के बड़े नेटवर्क का एसटीएफ टीम ने भंडाफोड़ किया है। टीम ने लखीमपुर जिले के नेपाल बॉर्डर स्थित पलिया से इंडिका कार में 38 लाख रुपये कीमत की लगभग 38 किलो चरस को रामपुर ले जा रहे दो तस्करों को बड़ा बाईपास पर भूड़ा गांव के पास दबोच लिया। नशे की यह खेप रामपुर भेजी जा रही थी। वहां से दिल्ली, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और हरियाणा में नाइट क्लब और रेव पार्टियों के लिए पहुंचाई जानी थी। दोनों अभियुक्त के जरिए नेटवर्क के बड़े खिलाड़ियों के बारे में अहम खुलासे हुए हैं।
सूचना पर एसटीएफ के एडिशनल एसपी पीके प्रसाद के निर्देश पर बरेली एसटीएफ प्रभारी अजयपाल सिंह और उनकी टीम ने बड़ा बाईपास पर घेराबंदी की। संदिग्ध कार को रुकने का इशारा किया मगर चालक नहीं रुका। टीम ने पीछा कर भूड़ा गांव के पास कार रुकवा ली। उसमें सवार हरियाणा के पानीपत में समालका क्षेत्र के गांव डिडवारी निवासी सुनील उर्फ काला और जींद जिले के वागलूजी गांव निवासी वीरेंद्र सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
सीटें और टायर फाड़े, दो घंटे परेशान रही एसटीएफ: छानबीन में पता चला कि कार लखीमपुर निवासी हरि सिंह की थी। एसटीएफ ने नशीले पदार्थ की तलाश में सीटें तक फाड़ दीं। टायर भी टुकड़े-टुकड़े कर चेक कर डाले। टीम दो घंटे तक पूरी गाड़ी कर हर हिस्सा खंगालती रही लेकिन कुछ नहीं मिला।
यह भी पढ़ें: शराब कारोबारी सहित दो गिरफ्तार
नंबर प्लेट, हेडलाइट के पीछे बना रखी थी डक्ट:
कार के भीतर कोई चरस नहीं मिलने पर इंस्पेक्टर अजयपाल सिंह ने पीछे डिग्गी के नंबर प्लेट पर ठोकर मारी तो अलग सी आवाज हुई। नंबर प्लेट खोलकर देखी गई तो भीतर की तरफ बड़ी डक्ट बनी थी। इसके बाद पूरी कार को बाहर से अच्छी तरह ठोक-ठोंक कर चेक किया गया। तस्करों ने हेडलाइट के पीछे वायरिंग के बीच से भीतर वेल्डिंग कर बड़ी जगह बनाकर चरस छिपा रखी थी। लगभग आठ-नौ किलो चरस ड्राइवर के सामने के डैशबोर्ड में एसी कैबिनेट के पीछे डक्ट बनाकर छिपाई गई थी। कार से कुल 38 किलो 250 ग्राम चरस बरामद हुई। बाजार में इसकी कीमत लगभग 38 लाख रुपये है।