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    Disha Patani के घर फायर‍िंग मामले में गोल्डी बराड़ गैंग का 5वां आरोपी मुठभेड़ में गिरफ्तार, 25 हजार का था इनाम

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 08:35 PM (IST)

    बरेली पुलिस ने दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वाले गोल्डी बराड़ गैंग के पांचवें सदस्य रामनिवास को मुठभेड़ में गिरफ्तार किया। 25 हजार के इनामी रामनिवास ने घटना से पहले रेकी की थी। मुठभेड़ किच्छा नदी पुल पर हुई जिसमें उसके घुटने में गोली लगी। पुलिस ने उसके साथ सोनीपत के अनिल को भी पकड़ा है और मामले की जांच कर रही है।

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    एक्‍ट्रेस द‍िशा पाटनी की फाइल फोटो, मुठभेड़ के बाद गिरा गोल्डी बरार गैंग का सदस्य रामनिवास। सौ- पुलिस

    जागरण संवाददाता, बरेली। दिशा पाटनी के घर फायरिंग करने वाले गोल्डी बराड़ गैंग के पांचवें सदस्य रामनिवास उर्फ दीपू को भी बरेली पुलिस ने मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। घटना के बाद उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया गया था। 11 सितंबर को हुई फायरिंग से पहले रामनिवास ने ही दिशा के घर की रेकी की थी। शुक्रवार को उत्तराखंड की तरफ भागते हुए एसओजी ने उसे मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया। उसके घुटने में गोली लगी है। मौके से पुलिस ने एक पिस्टल 32 बोर व एक तमंचा बरामद किया है। रामनिवास के साथ सोनीपत निवासी अनिल को भी पकड़ा गया है। पुलिस घटना में उसकी भूमिका की भी जांच कर रही है।

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    दिशा पाटनी के घर फायरिंग मामले में पांच आरोपितों के नाम सामने आए। इनमें से दो आरोपितों रविंद्र और अरुण को यूपी एसटीएफ ने गाजियाबाद में हुई मुठभेड़ में ढेर कर दिया। बाकी के दो आरोपितों नकुल और विजय को शुक्रवार को दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद पांचवां आरोपित राजस्थान के बियावर जिले के जैतारण थाना क्षेत्र के बेडकला गांव निवासी रामनिवास, जिसे गिरोह के सदस्य डमी रविंद्र बनाकर लाए थे, वह पुलिस से बचने के लिए उत्तराखंड की तरफ भाग रहा था। उसके साथ में सोनीपत का अनिल भी था।

    पुलिस को सूचना मिली तो उसे पकड़ने का प्रयास किया लेकिन शाही के बिहारीपुर नदी पुल के पास उसने पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसके दाएं घुटने में गोली लगी जबकि उसके साथी अनिल को कांबिंग कर पकड़ लिया गया। घायल रामनिवास को पुलिस ने उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है। उसके साथी अनिल से पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने मौके से स्प्लेंडर बाइक, एक पिस्टल, तमंचा और कारतूस बरामद किए हैं। इस मुठभेड़ में सिपाही संदीप चाहर को भी गोली लगी है।

    रेकी के अलावा बाइक चुराने की भी दी गई थी जिम्मेदारी

    पुलिस जांच में सामने आया कि रामनिवास का काम केवल रेकी करना ही नहीं था, बल्कि गिरोह के सदस्यों ने उसे एक अच्छी स्पोर्ट्स बाइक चुराने की भी बात कही थी। उसने शहर से लेकर झुमका तिराहा समेत कई जगह बाइक की तलाश की मगर कोई हाथ नहीं आई। मजबूरी में बाइक चोरी की योजना को खत्म करना पड़ा। इसके अलावा पूरी घटना में उसकी और क्या भूमिका थी, इसकी पूछताछ जारी है।

    पुलिस ने जब झुमका तिराहे पर लगे सीसीटीवी फुटेज खंगाले तो पता चला कि चारों आरोपित 10 सितंबर की सुबह करीब छह बजे के आस-पास झुमका पर पहुंचे तो अरुण ने रामनिवास को वहीं पर रुकने के लिए कहा था। समय होने की वजह से रामनिवास झुमका पर लगे यात्री शेड में सो गया। करीब तीन घंटे की नींद पूरी होने के बाद नौ बजे उठा और वहां से बाइक चोरी करने के लिए निकल गया। इसके बाद 10 सितंबर की रात को ही उसने दिशा के घर की रेकी की। उसकी रेकी के बाद विजय व नकुल ने 11 सितंबर तड़के 4:30 बजे दिशा के घर पर पहली बार फायरिंग की थी।

    सोनीपत के पेट्रोल पंप से डलाई थी पेट्रोल

    सीसीटीवी फुटेज की जांच में पुलिस को सोनीपत में एक पेट्रोल पंप की सीसीटीवी फुटेज मिली जिसमें एक अपाचे और एक स्प्लेंडर बाइक दिखाई दे रही है। अपाचे बाइक को अरुण चला रहा था और रामनिवास उसके पीछे बैठा था, जबकि दूसरी बाइक को नकुल चला रहा था और विजय उसके पीछे बैठा हुआ था। वहीं से पुलिस को उसकी एकदम स्पष्ट फुटेज भी मिली थी। इसके अलावा पुलिस जांच में यह भी सामने आया है कि घटना से पहले अरुण, नकुल और विजय तोमर आंवला के रामनगर स्थित किला भी घूमने गए थे। पुलिस को आशंका है कि इस घटना में गैंग के और लोग भी शामिल हो सकते हैं। इस बिंदु पर भी पुलिस जांच कर रही है।

    कहीं भी नहीं किया डेबिट-क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल

    बदमाशों ने अपनी सुरक्षा के लिए जो चक्रव्यूह रचा था पुलिस ने उसे तोड़ने में चंद दिन भी नहीं लगाए। किसी भी बदमाश ने कहीं भी न तो ऑनलाइन पेमेंट का इस्तेमाल किया न ही कोई डेबिट, क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल किया। विदेश में बैठे आकाओं ने उन्हें पहले ही सतर्क किया था। इसके बाद भी क्रम से मिलती गई सीसीटीवी फुटेज और एक होटल से मिला विजय के नंबर ने पुलिस की सबसे ज्यादा मदद की।

    पहली बार सी-ट्रेस साफ्टवेयर का किया गया इस्तेमाल

    अपराधियों के नंबर से उनका डाटा एनालिसिस के लिए इस्तेमाल होने वाले साफ्टवेयर सी-ट्रेस का बरेली पुलिस ने पहली बार इस्तेमाल किया। अभी तक यह साफ्टवेयर यहां पर नहीं था, लेकिन जरूरत होने पर पुलिस ने इसे खरीदा और इससे होटल से मिले नंबर को सर्च किया। पता चला कि उस नंबर से कई फर्जी आइडी तैयार की गई थीं।

    घटना में शामिल पांचवें आरोपित को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया गया है। उसके घुटने में गोली लगी है। उसके साथ एक अन्य आरोपित अनिल को भी मौके से गिरफ्तार किया गया है।- अनुराग आर्य, एसएसपी।

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