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    दो ढेर, दो जेल और अब चार्जशीट का वार! दिशा पाटनी केस में गोल्डी बराड़ के गुर्गों पर बरेली पुलिस का शिकंजा

    Updated: Tue, 23 Dec 2025 08:18 PM (IST)

    बरेली पुलिस ने दिशा पाटनी मामले में गोल्डी बराड़ के गुर्गों पर शिकंजा कसते हुए चार्जशीट दाखिल कर दी है। इस मामले में पहले दो आरोपियों को ढेर किया गया, ...और पढ़ें

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    द‍िशा पाटनी

    जागरण संवाददाता, बरेली। अभिनेत्री दिशा पाटनी के घर फायरिंग प्रकरण में कोतवाली पुलिस ने दो नाबालिग समेत चार आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट दाखिल कर दी है। चार्जशीट में रोहित गोदारा, गोल्डी बराड़ गैंग के दो नाबालिगों को फायरिंग करने और रामनिवास व अनिल को षड्यंत्र में शामिल होने का आरोपित बनाया गया है।

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    पुलिस ने चार्जशीट में जिक्र किया है कि इन आरोपितों ने गैंग की दहशत फैलाने के उद्देश्य फायरिंग की थी। वहीं, दूसरी ओर घटना के दो मुख्य आरोपितों रोहतक निवासी रविंद्र और सोनीपत निवासी अरुण को यूपी एसटीएफ व दिल्ली की स्पेशल यूनिट ने मुठभेड़ में मार गिराया था। इसलिए इनके नाम चार्जशीट में नहीं हैं, हालांकि, पुलिस ने चार्जशीट में इनका जिक्र किया है।

    अभिनेत्री दिशा पाटनी की बहन खुशबू पाटनी ने कथावाचक अनिरुद्धाचार्य के लिव इन रिलेशनशिप वाले बयान के विरोध में वीडियो जारी किए थे। इसके बाद ही 11 और 12 सितंबर को रोहित गोदारा और गोल्डी बराड़ गैंग के सदस्यों दिशा पाटनी के घर पर फायरिंग करा दी। इंटरनेट मीडिया पर पोस्ट कर गैंग ने इस फायरिंग की जिम्मेदारी ली थी। कहा था कि हमारे सनातन के गुरुओं का अपमान सहा नहीं जाएगा।

    पुलिस की जांच में सामने आया कि पहले दिन 11 सितंबर को दिशा के घर फायरिंग करने वाले दो नाबालिग आरोपित बाइक से आए और फायरिंग करके चले गए। चूंकि उस दिन फायरिंग की आवाज कोई सुन नहीं सका और चर्चा नहीं हुई तो अगले दिन गैंग के मुख्य सदस्य रविंद्र और अरुण बाइक से आए और उन्होंने विदेशी पिस्टल से कई राउंड फायरिंग की थी।

    पुलिस की जांच में सामने आया कि आरोपितों ने 11 और 12 सितंबर को फायरिंग जरूर की लेकिन वह बरेली में छह सितंबर को ही आ गए थे। इसके बाद उन्होंने पहले रेकी की और बाद में घटना को अंजाम दिया था। इस घटनाक्रम में चारों आरोपितों का राजस्थान के जैतारण निवासी रामनिवास और हरियाणा के सोनीपत निवासी अनिल ने पूरा सहयोग किया था।

    आरोपितों ने रामनिवास को डमी अरुण के रूप में पुलिस को गुमराह करने के लिए इस्तेमाल किया जबकि अनिल ने उन्हें बाइक आदि उपलब्ध कराने में सहयोग किया। घटना के पांचवें दिन ही यूपी एसटीएफ, बरेली एसओजी और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने रविंद्र और अरुण को नोएडा की ट्रोनिका सिटी में मुठभेड़ में मार गिराया था। इसके बाद अन्य आरोपितों की भी धड़पकड़ शुरू हो गई थी।

    इसके बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पहले दिन फायरिंग के दोनों नाबालिग आरोपितों को दिल्ली से गिरफ्तार किया और इसके बाद बरेली पुलिस ने रामनिवास और अनिल को मुठभेड़ में गिरफ्तार कर लिया जिसमें रामनिवास के पैर में गोली लगी और अनिल को कांबिंग के बाद गिरफ्तार कर लिया गया। अब मामले में पुलिस ने दो नाबालिग आरोपित समेत रामनिवास और अनिल के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी है। अभी विवेचना बाकी है।

     

    दो नाबालिग समेत चार आरोपितों के विरुद्ध चार्जशीट कोर्ट में दाखिल कर दी गई है। अन्य तथ्यों की जांच के लिए विवेचना अभी जारी है।

    - आशुतोष शिवम, सीओ प्रथम।


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