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    द‍िशा पाटनी के घर फायर‍िंग करने वाले बदमाशों को सात समंदर पार इस देश से म‍िल रहा था कमांड, ऐसे खुला राज

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 06:00 AM (IST)

    Disha Patani House Firing Case दिशा पाटनी के घर कब कैसे फायरिंग करनी है इसकी कमांड पुर्तगाल से दी जा रही थी। वहां बैठा रोहित गोदारा को पल-पल का अपडेट पहुंच रहा था। 12 सितंबर को फायरिंग के बाद गोल्डी बराड़-रोहित गोदारा ने फेसपुक पोस्ट का स्क्रीन शॉट भारत भेजा था वह पुर्तगाल से ही भेजा गया था।

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    द‍िशा पाटनी के घर फायर‍िंग करने वाले बदमाशों को सात समंदर पार से म‍िल रहा था कमांड।

    जागरण संवाददाता, बरेली। दिशा पाटनी के घर कब कैसे फायरिंग करनी है इसकी कमांड पुर्तगाल से दी जा रही थी। वहां बैठा रोहित गोदारा को पल-पल का अपडेट पहुंच रहा था। 12 सितंबर को फायरिंग के बाद गोल्डी बराड़-रोहित गोदारा ने फेसपुक पोस्ट का स्क्रीन शॉट भारत भेजा था, वह पुर्तगाल से ही भेजा गया था।

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    पुर्तगाल के नंबर से ऑडियो और फेसबुक की पोस्ट जब भारत भेजी गई तो शुरूआत में पुलिस को लगा कि वह इंटरनेट जेनरेटिड नंबर से भेजी गई होगी, लेकिन ऐसा नहीं था। नंबर को ट्रेस कराया गया तो पता चला कि उस नंबर का रेग्यूलर इस्तेमाल किया जा रहा है। वह नंबर फोन नाइन कंपनी का ही है। उसी नंबर से वाट्स-एप अकाउंट बनाया गया था जिसका इस्तेमाल किया जा रहा था। वह नंबर किसके नाम से है? आइपी एड्रेस क्या है? यह सब जानकारियां बताने से पुर्तगाल ने नियमों का हवाला देकर मना कर दिया है। वहां के नंबर के इस्तेमाल से यह तो स्पष्ट हो गया कि, हमलावरों को भी दिशा निर्देश वहीं से दिए जा रहे थे।

    हमलावरों ने तैयार किया था डमी रविंद्र, झुमका तक ही लाए

    हमलावरों की प्लानिंग देखकर पुलिस भी दंग रह गई है। उन्होंने घटना करने से पहले जो योजनाएं बनाई उनमें से अभी तक कई चीजें तो पुलिस समझ ही नहीं सकी है। पुलिस के मुताबिक, हमलावरों ने एक डमी रविंद्र को भी तैयार किया था जो केवल झुमका तिराहे तक आया। वहां आकर तीन घंटे तक एक यात्री शेड में सोया और वहां से वापस पैदल झुमका की तरफ को वापस चला गया। पुलिस ने जब समय पर गौर किया तो पता चला जब सुबह करीब 9:45 के बजे के आस-पास जब असली रविंद्र ने प्रीत होटल में प्रवेश किया उसी वक्त वह भी वहां से उठकर झुमका की तरफ पैदल निकला और किसी वाहन से वापस चला गया।

    नकुल की है स्प्लेंडर बाइक

    जिस बाइक को नकुल चला रहा है वह किसी और की नहीं बल्कि, उसके पिता संजीव के नाम पर पंजीकृत है। दिल्ली की बाइक जिस अनिल के नाम पर पंजीकृत है पुलिस उसके बारे में अभी तक जानकारी नहीं जुटा सकी है।

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