रात के सफर से पहले जान लें ये खबर! कोहरे में क्यों बढ़ रहे हैं भयंकर हादसे?
बरेली में घने कोहरे के कारण वाहनों की गति धीमी हो गई है, जिससे दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। परिवहन विभाग और NHAI बचाव के उपाय कर रहे हैं, फिर भी गंतव् ...और पढ़ें

कोहरे में गुजरते वाहन
जागरण संवाददाता, बरेली। रात में घना कोहरा के चलते वाहनों की रफ्तार धीमी पड़ गई है। दृश्यता कम हो जाने से दुर्घटना की आशंका बढ़ गई है। परिवहन विभाग, पुलिस, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से बचाव के उपाय किए जा रहे हैं। इसके बाद भी गंतव्य तक पहुंचने में दोगुणा तक समय लग रहा है। हालात को देखते हुए बहुत जरूरी नहीं हो तो रात का सफर टाल दें।
परिवहन निगम के बस चालकों को निर्देश जारी किए गए हैं कि कोहरा घना हो जाने पर बस को बस अड्डा, पेट्रोल पंप या ढाबे पर रोक लें, ताकि दुर्घटना को टाला जा सके। पुराना बस अड्डा और सेटेलाइट बस अड्डा से संचालित हो रही बसों की रफ्तार सोमवार रात थम सी गई थी। शहर के बाहर के मार्गों की तो छोड़िये, पुराना बस अड्डा से चौकी चौराहा, लाल फाटक, सीबीगंज डमरू चौराहा तक जाने में चालकों को मशक्कत करनी पड़ रही थी।
शहर के बाहर निकलने पर कोहरे में स्थिति और खराब हो जा रही थी। चालक अंदाज से बस चला रहे थे, लेकिन बस में बैठे यात्रियों को डर लग रहा था। मथुरा में यमुना एक्सप्रेसवे पर रात में सात बसें और दो कारों के टकराने से आग लग गई, जिसमें 13 लोगों की जान चली गई। आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस समेत जगह-जगह हुई दुर्घटनाओं से हर किसी को सबक लेना चाहिए।
इसको देखते हुए परिवहन निगम के क्षेत्रीय प्रबंधक दीपक चौधरी ने सभी एआरएम को निर्देशित किया है कि चालक-परिचालकों को अगाह कर दें घना कोहरा में दृश्यता बहुत कम हो जाने पर बसों को सुरक्षित स्थानों पर रोक लें। सभी बसों में आल वेदर बल्ब अनिवार्य रूप से लगा होना चाहिए। इसके अलावा रिफ्लेक्टर भी अवश्य लगवा दें।
इधर, भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण की ओर से कोहरे में सड़क दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए हाईवे पर लाइट, रोड मार्किंग और साइन बोर्ड को दुरुस्त कराने का अभियान चलाया जा रहा है। बरेली-सीतापुर रोड, बरेली-पीलीभीत रोड पर निगरानी बढ़ा दी गई है।
परियोजना निदेशक नवरत्न ने बताया कि हाईवे पर इमरजेंसी सेवाएं पहले से चल रही हैं। सीतापुर हाईवे पर कुछ स्थानों पर साइन बोर्ड की आवश्यकता थी, वहां लगवा दिया गया है। एनएचएआइ के संबंधित प्रोजेक्ट मैनेजरों को अलग-अलग मार्गों पर सुरक्षात्मक अभियान चलाने के लिए लगाया गया है।

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