'दुश्मन देश की तारीफ करना अपराध इंटरनेट मीडिया पोस्ट से रहें दूर', दरगाह आला हजरत के प्रमुख सुब्हानी मियां का संदेश
बरेली में दरगाह आला हजरत के प्रमुख ने मुस्लिम युवाओं को पाकिस्तान से जुड़ी इंटरनेट मीडिया पोस्ट लिखने या साझा करने से बचने की चेतावनी दी है। भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए दुश्मन देश की प्रशंसा करना अपराध माना जाएगा। उलमा ने कहा कि देश प्रेम और वफादारी धार्मिक जिम्मेदारी है और युवाओं को पाकिस्तानी मौलवियों द्वारा गुमराह करने वाले पोस्ट से दूर रहना चाहिए।
जागरण संवाददाता, बरेली। पाकिस्तान से जुड़ी इंटरनेट मीडिया पोस्ट लिखने या साझा करने वालों को सख्त संदेश दिया गया। शुक्रवार को दरगाह आला हजरत के प्रमुख सुब्हानी मियां की ओर से संदेश जारी किया गया कि मुस्लिम नौजवान इंटरनेट मीडिया पर पाकिस्तान से जुड़ी कोई पोस्ट न लिखें, ना ही साझा करें। भारत-पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात हैं। इन परिस्थितियों में दुश्मन देश की तारीफ करना अपराध के दायरे में आता है। उसका पक्ष लेना, उसकी बातों या संदेशों का आदान-प्रदान करना भी जुर्म है।
युद्ध के हालात आम दिनों से भिन्न होते हैं, ऐसे माहौल में बहुत कुछ बदल जाता है। दोपहर को दरगाह आला हजरत स्थित जामिआ रजविया मंजरे इस्लाम में उलमा और मुफ्ती ए इकराम की बैठक हुई।
बैठक के बाद जारी किया संयुक्त संदेश
दरगाह से जुड़े नासिर कुरैशी ने बताया कि उलमा ने बैठक के बाद संयुक्त बयान में दरगाह प्रमुख मौलाना सुब्हान रजा खान (सुब्हानी मियां) और सज्जादानशीन मुफ्ती अहसन मियां के हवाले से संदेश जारी किया। उन्होंने कहा कि दुश्मन देश की हिमायत करने वालों पर कानूनी कार्रवाई होती है, इससे संबंधित कानून में संगीन धाराएं हैं। ऐसा करने वाले लोग परिवार के लिए भी मुसीबत खड़ी करते हैं। इंटरनेट मीडिया पर किसी भी प्रकार की सामग्री-संदेश साझा करने से पहले यह सुनिश्चित कर लें कि दुश्मन देश की तारीफ तो नहीं है।
देश प्रेम व वफादारी हमारी जिम्मेदारी
मुफ्ती मोहम्मद सलीम बरेलवी ने कहा कि देश प्रेम व वफादारी हमारी धार्मिक, संवैधानिक जिम्मेदारी है। इस समय मजहब, शरीयत, इस्लामी पोस्ट और ईमानी बातों के नाम पर कई पाकिस्तानी मौलवी इंटरनेट मीडिया के माध्यम से गुमराह करने का प्रयास कर रहे हैं। ये लोग सुफियाए किराम और दरगाहों की शान में गुस्ताखियां करते हैं। आजाद ख्याल रखने वाले कई पाकिस्तानी मौलवी हमारे मुस्लिम नौजवानों को ऐसी रस्मों का आदी बना रहे, जोकि आला हजरत और हमारे बुजुर्गों के फतवे के खिलाफ हैं।
पाकिस्तानी मौलवियों के वीडियो ना देखें
उन्होंने भारतीय मुस्लिम नौजवानों से अपील की कि पाकिस्तानी मौलवियों की वीडियो-आडियो, पोस्ट या लेखों से धोखा न खाएं। ऐसी सामग्री को नहीं पढ़ें। पाकिस्तानी मौलवियों के वीडियो आदि नहीं देखें, दूसरों से भी शेयर नहीं करें। यह सब मजहब व मसलक के खिलाफ है और देश व संविधान के विरुद्ध भी है। मुफ्ती जमीन खान ने कहा कि कई नौजवान कम पढ़े लिखे या अनपढ़ होने के कारण समझ नहीं पाते कि उनके पास आई पोस्ट मसलक या देश-संविधान के विरुद्ध है।
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इंटरनेट मीडिया के उपयोग से छोटे बच्चों को रखें दूर
मौलाना अख्तर ने कहा कि नासमझ नौजवानों के लिए इंटरनेट मीडिया का उपयोग छोटे बच्चे के हाथ में खतरनाक हथियार देने जैसा है। ऐसे में इंटरनेट मीडिया की पोस्ट से दूर रहें। बैठक में मुफ्ती मोहम्मद मोईन, मुफ्ती मुजीब आलम, मौलाना कलीमुरहमान आदि मौजूद रहे।
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