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Double Murder आंखों के सामने जुर्म, लोग हालात पर रोते रहे Bareilly News

शहर की गुलमोहर पार्क कॉलोनी में सत्संगी दंपती की हत्या कर दी जाती है और शोरगुल सुनकर भी कोई भीतर जाने की जहमत नहीं उठाता।

By Abhishek PandeyEdited By: Published: Fri, 02 Aug 2019 10:28 AM (IST)Updated: Fri, 02 Aug 2019 01:51 PM (IST)
Double Murder आंखों के सामने जुर्म, लोग हालात पर रोते रहे Bareilly News
Double Murder आंखों के सामने जुर्म, लोग हालात पर रोते रहे Bareilly News

बरेली, जेएनएन : किसी ने कहा है कि महानगरों की भाग-दौड़ भरी जिंदगी और रिश्तों की भीड़ में अगर आपके करीब एक चेहरा भी ऐसा है जिसे अपना कह सकें तो आप खुशकिस्मत हैं। मौजूदा सामाजिक परिवेश में जब संवेदनाएं किताबों तक ही सिमटती जा रही हों और आत्मीयता शब्द भावविहीन होता जा रहा हो, तो यह लगने लगता है कि हम एक मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं।

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एक ऐसा समय जिसमें सामाजिक रिश्तों का ताना-बाना बिखरता जा रहा है और लोग आत्मकेंद्रित होते जा रहे हैं। एक ऐसा दौर जब शहर की गुलमोहर पार्क कॉलोनी में सत्संगी दंपती की हत्या कर दी जाती है और शोरगुल सुनकर भी कोई भीतर जाने की जहमत नहीं उठाता। इतना ही नहीं, वारदात के बाद जब पुलिस सीसीटीवी फुटेज से आरोपित के फोटो निकालती है, तो उसे जानते-पहचानते हुए भी कॉलोनी का एक भी शख्स पुलिस के पास जाकर उसके बारे में कोई जानकारी नहीं देता।

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घटना का पर्दाफाश करते हुए डीआइजी ने भी समाज के इस संवेदनहीन पहलू पर दुख जताया। ऐसी घटनाओं में मदद के लिए आगे बढ़ने से हम क्यों हिचकते हैं.? अपने सामने जुर्म होते हुए देखकर भी आंखें मूंदकर आगे बढ़ जाना क्यों हमारी प्रवृत्ति बनता जा रहा है..? हमें अपना दुख ही सबसे भारी क्यों लगता है, पराया दर्द हम क्यों नहीं महसूस कर पाते..? हमने शहर के समाजशास्त्री, मनोविज्ञानी और राजेंद्र नगर स्थित गुलमोहर पार्क कॉलोनी के लोगों से बात कर इन्हीं सवालों के जवाब तलाशने की कोशिश की है।

लोगों में दहशत, कॉलोनी में लगवा रहे गेट

राजेंद्र नगर स्थित गुलमोहर पार्क कॉलोनी 24 जुलाई से पहले तक शांत, सुरक्षित और बेहतर रिहायशी क्षेत्र था। महज आठ दिन में यह कॉलोनी दहशत की मेजबान बन गई। लोगों में अनजाना खौफ है। डरे हुए लोगों ने खुद और परिवार की सुरक्षा के लिए कॉलोनी में दोनों तरफ गेट लगवाने का निर्णय लिया। काम भी शुरू कर दिया।
गुलमोहर पार्क कॉलोनी में डी-112/5 नंबर के मकान में ही 24 जुलाई को नीरज और रूपा सत्संगी की हत्या हुई थी।

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इस दोहरे हत्याकांड के बाद लोगों में खौफ है। कॉलोनी के लोगों ने आपस में बातचीत की। तय हुआ कि रास्तों को बाहरी लोगों के लिए पूरी तरह से ब्लॉक कर दिया जाए। दोनों तरफ गेट लगवाने के लिए चंदा किया जा रहा है। महिलाओं ने बताया कि अक्सर शाम को कॉलोनी की महिलाएं सड़क पर टहलती हैं। रोड खुली होने पर तमाम लोग आते-जाते रहते हैं। गेट लगने के बाद रात में बाहरी लोग अंदर नहीं आ सकेंगे।

अनुराग की पत्नी से पुलिस ने की पूछताछ
सत्संगी दंपती हत्याकांड को अंजाम देने वाले अनुराग की पत्नी अमीषा को पुलिस ने पकड़ रखा था। उसे महिला थाने में रखा गया। पुलिस को शक था कि कहीं ऐसा तो नहीं कि अमीषा को भी घटना के बारे में पता हो और उसने घटना छिपा रखी हो। उससे पूछताछ की, लेकिन कुछ हासिल न होने पर छोड़ दिया गया।

गुलमोहर पार्क के राजीव कुंज में रहने वाले पीडी गुप्ता ने कहा क‍ि वालेसत्संगी दंपती हत्याकांड खासा दुखद है। घटना के बाद लोग खासी दहशत में हैं। अब कॉलोनी की सुरक्षा के बारे में सोचा जा रहा है। बाहरी लोगों पर नजर रखी जाएगी। 

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राजफाश के बाद माना, रूपा से लूट भी हुई
सत्संगी दंपती हत्याकांड का राजफाश होने के बाद पुलिस ने माना कि लूट भी हुई। जिसके बाद मुकदमे में एक धारा और बढ़ा दी गई है।
24 जुलाई को रूपा सत्संगी व उनके पति नीरज सत्संगी की हत्या के बाद अगले दिन उनके बेटे जतिन ने घर में घुसकर हमला, हत्या करने की धारा 352, 302 के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। तब पुलिस का कहना था कि घर में कोई लूट नहीं हुई है। बुधवार को घटनाक्रम का राजफाश हुआ। हत्यारोपित अनुराग से लूटा गया पर्स भी बरामद किया गया था।

कहना है कि आरोपित के पास से महिला का पर्स, आइडी कार्ड, मृतकों के मोबाइल फोन, बैंक पासबुक व लूटे गए 2162 रुपये बरामद हुए। यानी अनुराग ने हत्या के बाद घर में लूटपाट भी की थी। उसका चालान करते समय ही पुलिस ने मुकदमे में लूट की धारा 392 व बरामदगी की धारा 411 भी बढ़ा दी। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि लूटा गया सामान बरामद होने से आरोपित को सजा दिलाने में आसानी होगी। जमानत भी आसानी से नहीं मिलेगी।

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इंस्पेक्टर प्रेमनगर बलवीर तोमर ने बताया क‍ि आरोपित को जेल भेजने से पहले ही मुकदमे में लूट की धारा बढ़ा दी गई थी। उससे लूटा गया सामान भी बरामद हुआ है। 

 
मार्च से नहीं की फोन पर बात

सत्संगी दंपती की हत्या का आरोपित अनुराग बेहद शातिर था। मोबाइल फोन का रिकॉर्ड उसे फंसवा सकता है इसलिए रूपा से बातचीत के लिए वह इसका इस्तेमाल नहीं करता था। पुलिस यह तो मान कर चल रही थी कि कातिल कोई करीबी है। इसलिए उसे उम्मीद थी कि कातिल ने घर के किसी सदस्य को कॉल जरूर की होगी। जब कॉल डिटेल निकाली गई तो उसमें सब बैंक कर्मियों की ही निकली। सभी से पूछताछ हुई।

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बाद में जब अनुराग का नाम सामने आया और उसका नंबर पता कर कॉल डिटेल निकाली। पता चला कि मार्च से दोनों के बीच कोई बात फोन पर नहीं हुई। दरअसल, 24 मार्च को अनुराग ने गुलमोहर पार्क कॉलोनी से मकान खाली किया था। एसएसपी मुनिराज जी का कहना है कि रूपा और अनुराग की कॉल डिटेल निकलवाई गई थी। जिसमें मार्च के बाद कोई कॉल नहीं होना पाई गई। इससे पहले मोबाइल पर बातचीत हुई थी।  

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