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    बरेली रेंज में ड्रग तस्करों पर 'गैंगस्टर' की तैयारी, 3000 से अधिक आरोपितों का सत्यापन शुरू

    Updated: Tue, 25 Nov 2025 03:32 PM (IST)

    बरेली रेंज में मादक पदार्थों की तस्करी बढ़ रही है। पिछले चार वर्षों में सबसे अधिक मामले दर्ज हुए हैं। डीआइजी ने तस्करों के सत्यापन का अभियान शुरू किया है। वर्ष 2021 से 2025 तक 2,705 मुकदमे दर्ज हुए हैं। तस्करों पर गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी, ऐसा डीआईजी का कहना है।

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    प्रतीकात्‍मक चित्र

    जागरण संवाददाता, बरेली। रेंज में मादक पदार्थों की तस्करी का गढ़ बरेली बनता जा रहा है। पिछले चार सालों में सर्वाधिक मुकदमे बरेली में पंजीकृत किए गए। सबसे ज्यादा रिकवरी और गिरफ्तारियां भी बरेली से की गई। चार सालों में जितनी रिकवरी बरेली पुलिस ने की उससे ज्यादा प्रदेश में अभी किसी भी जिले से नहीं की गई है।

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    हालांकि, अब डीआइजी ने रेंज के सभी जिलों में पिछले चार सालों में मादक पदार्थों की तस्करी के आरोपितों का सत्यापन शुरू कराया है जिससे उनकी वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी मिल सके। रेंज के चारों जिलों बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत में मादक पदार्थों की तस्करी का नेटवर्क काफी बड़ा हो चुका है।

    यहां पर अधिकांश झारखंड, मणिपुर आदि स्थानों से मादक पदार्थों को लाकर रेंज के जिलों में तैयार किया जाता है। इसमें बरेली में स्मैक और बदायूं में अफीम की तस्करी ज्यादा है। यहां पर कच्चा माल लाकर उसमें तमाम चीजें मिलाने के बाद उन्हें पंजाब, हरियाणा, दिल्ली आदि स्थानों पर सप्लाई किया जाता है।

    तस्करी को लेकर वर्ष 2021 से 2025 तक चारों जिलों में कुल 2,705 मुकदमे दर्ज किए गए। इनमें सर्वाधिक 1,166 बरेली में दर्ज किए गए। बदायूं में 612, शाहजहांपुर में 598 और पीलीभीत में 329 मामले दर्ज हुए। इनमें बरेली में वर्ष 2021 में सर्वाधिक 391 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इनमें तीन हजार से अधिक लोगों को जेल भी भेजा गया था।

    अब डीआजी अजय कुमार साहनी ने मादक पदार्थ तस्करों के विरुद्ध अभियान शुरू किया है। इस अभियान के दौरान यह देखा जा रहा है कि मौजूदा समय में तस्कर क्या कर रहे हैं, अगर वे फिर से तस्करी में लिप्त हैं तो उन पर कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा तस्करों के गैंग सूचीबद्ध कर गैंगस्टर और हिस्ट्रीशीट खोलने और गुंडा एक्ट की भी कार्रवाई की जाएगी।

     

    मादक पदार्थों के तस्करी और तस्करों पर अंकुश लगाने के लिए अभियान शुरू किया गया है। सभी तस्करों का सत्यापन कराया जा रहा है। यदि वह दोबारा से तस्करी में संलिप्त मिले तो उन पर कठोर कार्रवाई होगी।

    - अजय कुमार साहनी, डीआइजी।


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