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    बदायूं महिला अस्पताल में 'नकली हाजिरी': सीएमएस के सामने ही कर्मचारी ने खोली पैथोलाजिस्ट की पोल

    Updated: Sat, 22 Nov 2025 05:30 AM (IST)

    बदायूं महिला अस्पताल की पैथोलाजिस्ट बरेली में चला रहीं निजी लैब, डॉ. जयदीप रहती हैं नदारद। सरकारी लैब कर्मचारियों के भरोसे, जिससे मरीजों की जाँचें बाधित। हाजिरी न होने पर भी पूरा वेतन मिलने पर गंभीर सवाल।

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    बदायूं ज‍िला अस्‍पताल

    जागरण संवाददाता, बदायूं। स्वास्थ्य विभाग से लेकर प्रशासनिक अधिकारी भी महिला अस्पताल की व्यवस्था ठीक नहीं करा पाए। यहां तमाम निजाम बदल गए लेकिन आज भी व्यवस्था वही पुराने ढर्रे पर चल रही है। न तो डाक्टर समय पर आते हैं और न ही कर्मचारी समय पर पहुंचते हैं। महिला अस्पताल में तैनात पैथोलाजिस्ट भी कभी-कभी आती हैं और पूरी पैथोलाजी लैब कर्मचारियों के हवाले रहती है, जिसकी वजह से मरीजों को तमाम परेशानी का सामना करना पड़ता है। उनकी जांच भी समय पर नहीं हो पाती हैं।

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    मरीजों के उपचार से पहले जांच बेहद जरूरी माना जाता है और मह‍िला अस्पताल में समय पर नहीं हो पाती हैं। मरीज को कई-कई दिन चक्कर लगाने पड़ते हैं। इसके बाद भी सभी जांच नहीं हो पाती। अस्पताल में पैथोलाजी लैब होने के बावजूद अधिकतर जांचें बाहर से कराई जाती हैं। कोई देखने वाला है, न ही व्यवस्था सुधारने वाला है। सारी जिम्मेदारी कर्मचारियों के हवाले है।

    महि‍ला अस्‍पताल में पैथोलाजिस्ट के रूप में डा. जयदीप तैनात है। कुछ कर्मचारियों का कहना है कि पैथोलाजिस्ट यहां पर कभी-कभी  ही आती हैं। बरेली में उनकी अपनी पैथोलाजी लैब चल रही है और वह ज्‍यादातर वहीं पर रहती हैं। इसके चलते वह अस्‍पताल में 15 द‍ि नों में एक-दो बार ही आती हैं। हैरानी की बात यह है क‍ि इसके बाद भी उनको पूरा वेतन म‍ि ला रहा है। हस्‍ताक्षर पंज‍िका पर उनके दस्‍तखत रोज हो रहे हैं। उनके रोज न आने के चलते मरीजों की जांचें समय पर नहीं हो पा रही हैं और अधिकतर जांचें बाहर से करानी पड़ रही हैं।

    बाहर से कराई जा रहीं जांचें

    महिला अस्पताल में बाहर से जांच कराने का खेल भी चल रहा है। इसी के चलते जब कोई मरीज खून की जांच के लि‍ए जाता है तो उसको यह बता दि‍या जाता है क‍ि खून की जांच करने वाली मशीन खराब है। ऐसी स्‍थ‍ित‍ि में मरीज के स्‍वजनों को बाहर से ज्‍यादा पैसे देकर जांचें करानी पड़ रही हैं। इसका उन्‍हें यह फायदा मि‍ लता है क‍ि उनका कमीशन पक्‍का हो जाता है।

    सीएमएस बोलीं- मेरे सामने किए हस्ताक्षर, कर्मचारी बोला- दो दिन से नहीं देखा

    महिला अस्पताल की पैथोलाज‍िस्‍ट . जयदीप शुक्रवार को भी अस्पताल नहीं आई थीं। इस संबंध में जब सीएमएस डा. शोभा अग्रवाल से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि सभी कर्मचारी और डाक्टर रोजाना अस्पताल आ रहे हैं। पैथोलाजिस्ट सुबह हस्ताक्षर करके गई हैं। जब उनके सामने ही पैथोलाजी के एक कर्मचारी से पूछा गया तो उसने बताया क‍ि शुक्रवार को वह अस्‍पताल आई ही नहीं। उसने सीएमएस के सामने ही बताया क‍ि वह गुरुवार को भी अस्‍पताल नहीं आईं थीं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है क‍ि जब वह अस्‍पताल नही आईं तो हस्ताक्षर कैसे हो गए।

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